Friday 8 May 2020

कोरोना: दैनिक जागरण के मालिकों पर लगे रासुका


- डीएनई पंकज कुलश्रेष्ठ की मौत के लिए डीएम और सीएमओ भी जिम्मेदार
- जागरण आगरा के 15 मीडियाकर्मियों की जान खतरे में

यह पोस्ट लिखते समय मेरी उंगलियां की-बोर्ड पर गुस्से और क्षोभ से थरथरा रही हैं। यदि मैं दिल्ली, नोएडा या कानपुर में होता तो मैं दैनिक जागरण के मालिक संजय गुप्ता या देवेश गुप्ता को...। कितने लालची और खुदगर्ज हैं ये दोनों...। जमातियों को कोसने वाला दैनिक जागरण, उसके संपादक और तथाकथित बड़े पत्रकार अपने साथी डीएनई पंकज कुलश्रेष्ठ की मौत पर चुप बैठे हैं। ... कहीं के। डीएनई पंकज की मौत कोरोना से कहीं अधिक दैनिक जागरण के मालिकों की लापरवाही और लालच के कारण हुई। पंकज ही नहीं जागरण के आगरा संस्करण के 15 अन्य पत्रकारों और जागरणकर्मियों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है।

दरअसल, पंकज की मौत कोरोना से नहीं लापरवाही से हुई है। सबसे बड़ी लापरवाही जागरण संस्थान ने की कि अपने कर्मचारियों को आफिस से काम करने के लिए दबाव डाला। जानकारी के अनुसार दैनिक जागरण ने पांच वरिष्ठ पत्रकारों को आफिस में ही क्वारंटीन किया हुआ है, ताकि अखबार निकल सके।

12 पत्रकार हिन्दुस्तान कालेज में क्वारंटीन हैं, दो सिकंदरा में और एक वृद्धाश्रम में। 52 वर्षीय पंकज ने घर से ही कोरोना टेस्ट कराया था। उनकी रिपोर्ट गायब हो गई। सूत्रों के मुताबिक पंकज पांच बार अस्पताल में दाखिल होने के लिए गए, लेकिन दैनिक जागरण का प्रभाव न चला। बुधवार को पंकज की तबीयत अधिक बिगड़ गई तो उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। इसके बाद लखनऊ एयरलिफ्ट कराया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पंकज कुलश्रेष्ठ को भावभीनी श्रद्धांजलि।

संभल जाओ मीडियाकर्मियों, मैं बार-बार लिख रहा हूं कि ये मालिक किसी के नहीं हैं। आपको अपनी जान स्वयं बचानी है।

[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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