Saturday 28 August 2021

खंडवा में भी लहराया मजीठिया का परचम, पीयूष पंडित ने जागरण को दी पटकनी

मात्र 6 माह में आया ऐतिहासिक फैसला 

इंदौर के बाद खंडवा में मजीठिया मामले में एक पत्रकार को विजयश्री प्राप्त हुई है। खंडवा में मजीठिया मामले में विजयश्री प्राप्त करने वाले पहले पत्रकार पीयूष पंडित बने हैं। उनके पक्ष में माननीय न्यायालय ने 9.26000 रुपए का अवार्ड पारित किया है।

उक्त जानकारी देते हुए मजीठिया क्रांतिकारी धर्मेन्द्र हाडा ने बताया कि खंडवा के  पीयूष पंडित ने बड़वानी में मजीठिया के बकाया वेतन के लिए कोर्ट में शरण ली थी। इस मामले में  श्रम न्यायालय बड़वानी ने मजीठिया वेज बोर्ड के प्रकरण में पीयूष पंडित के पक्ष में अवॉर्ड पारित किया है। इस अवार्ड में विजश्री प्राप्त करने में वरिष्ठ अभिभाषक  सूरज आर. वाडिया की अहम भूमिका रही है।  वाडिया ने इंदौर से लगातार खंडवा के एडव्होकेट सोलंकी के सम्पर्क रहे। वाडिया ने पीयूष पंडित के ए़डव्होकेट सोलंकी को इंदौर से अपने तैयार किए दावे, बयान और क्रास की कापी उपलब्ध करवाई थी, जिसके आधार पर बड़वानी के माननीय श्रम न्यायालय ने पीयूष पंडित के मजीठिया वेतनमान के बकाया वेतन अंतर व अन्य लाभ के लिए 9,26000 रुपए का अवॉर्ड पारित करते हुए एक माह में संपूर्ण राशि का भुगतान करने का आदेश दिया।  इस केस में सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि पीयूष पंडित ने मात्र 6 माह में मजीठिया के केस में विजयश्री प्राप्त कर इतिहास रचा है।   पूरी जानकारी अवॉर्ड की कॉपी प्राप्त होने के बाद के बाद आपके समक्ष आ जाएगी। हाडा शीघ्र कापी उपलब्ध कराएंगे। इस विजय पर बड़वानी के एडव्होकेट सोलंकी, इंदौर के वरिष्ठ अभिभाषक सूरज आर. वाडिया व पीयूष पंडित को मजीठिया क्रांतिकारियों ने बधाई दी है। 

Saturday 7 August 2021

मजीठिया का केस जीतने वाले बेरोजगार महेंद्र सेंगर बनेंगे लखपति


बेरोजगारी और आर्थिक रूप से परेशान वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र सेंगर ने मजीठिया के केस में विजयश्री प्राप्त कर ली है। अब वे लखपति की श्रेणी में आने वाले हैं, क्योंकि मजीठिया के बकाया वेतन की राशि के रूप में उन्हें 313156 रुपये मिलेंगे।

वरिष्ठ अभिभाषक वाडिया व नई दुनिया के मजीठिया क्रांतिकारी धर्मेंद्र हाडा ने बताया कि इंदौर नई दुनिया इंदौर में जूनियर सब एडिटर के पद पर 2012 तक पदस्थ रहे महेंद्र सिंह सेंगर ने मजीठिया बकाया वेतनमान के लिए कोर्ट की शरण ली थी, जिस पर इंदौर श्रम न्यायालय के न्यायाधीश ने 23 जुलाई को अवार्ड पारित कर सेंगर को बकाया वेतन अंतर एवं अन्य लाभ 11-11-2011 से अक्टूबर 2012 तक का 2,86,756 एवं अंतरिम राहत राशि जनवरी 2010 से अक्टूबर 2011 तक का रुपये 26,400 के साथ ही वाद व्यय 3,000 रुपये देने का निर्णय सुनाया है। ये अवॉर्ड की संपूर्ण राशि एक माह में महेंद्र सिंह सेंगर को देने के आदेश कार्ट ने दिया है।


नहीं थे केस लगाने के पक्ष में

आपको बता दें कि महेंद्र सेंगर मजीठिया वेतन मान का बकाया वेतन पाने के लिए केस लगाने के पक्ष में नहीं थे। उन्हें मेरे व्दारा बार-बार समझाया गया, लेकिन वे मानते नहीं थे। उनका कहना था मात्र 2-3 साल का मजीठिया बकाया क्या मिलेगा। जब उन्हें समझाया गया कि 1-2 लाख रुपये मिल सकता है तो बड़ी मुश्किल से माने और उसके बाद उन्हें वाडियाजी से मिलवाकर मजीठिया का केस दायर किया गया। इसके बाद भी सेंगर तारीख पर जाने में आना-कानी करते थे, क्योंकि नौकरी छूटने के बाद वे आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके थे। उन्हें समझाया गया कि आप को जब पैसा मिलेगा तभी वरिष्ठ अभिभाषक वाडिया को पैसा देना आप केस तो पूरी जी-जान से लड़ो। उसके बाद सेंगर ने बयान दिए और क्रॉस भी किया और आज नतीजा यह रहा कि सेंगर करोड़पति बनने की डगर पर खड़े हैं। 


इन साथियों ने की थी आर्थिक मदद

सेंगर नौकरी नहीं होने से बेरोजगारी में जीवन यापन कर रहे थे और मानसिक रूप से टूट चुके थे। उनकी आर्थिक दशा को लेकर इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी से भी चर्चा की गई थी, उसके बाद उन्होंने उन्हें आर्थिक रूप से मदद और राशन कीट उपलब्ध कराई थी। इतना ही नहीं वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा और अंकुर जायसवाल व प्रवीण खालीवाल से भी उन्हें राशन की मदद दिलाई थी। अतः साथियों मजीठिया भले ही कितने भी वर्ष का हो उसे केस लगाकर अपना अधिकार प्राप्त होने से पीछे ना हटे। क्योंकि मजीठिया का पैसा मिलना है और इसे लेने से हमें कोई रोक नहीं सकता। अब सेंगर के केस में आरआरसी जारी करने की कार्रवाई एक माह बाद की जाएगी। अवार्ड की कापी धर्मेंद्र हांडा शीघ्र उपलब्ध कराएंगे जो आपके सामने होगी।

प्रमोद