Sunday 25 October 2015

हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-16ए: जानिए नया डीए, इन बातों का रखें ध्‍यान

साथियों, मजीठिया के अनुसार जुलाई 2015 से दिसंबर 2015 तक का नया डीए 87/167 है। इससे पहले जनवरी 2015 से जून 2015 तक का डीए 80/167 था। सभी ग्रेड के समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में डीए की गणना एक सी होती है। डीए के इस 7 अंक के अंतर से आपके वेतन पर क्‍या फर्क पड़ता है यह हम आपको निम्‍न उदाहरण से बता रहे हैं।

जून 2015
Basic - 20,000 रुपये
DA - 12,934
PF - 4,792
Gross Salary Rs. 61,826

जुलाई 2015
Basic - 20,000 रुपये
DA - 14,066
PF - 4,928
Gross Salary Rs. 63,094

अंतर पड़ा
DA में 1132
PF में 136 रुपये (इसमें कंपनी का PF मिलाकर यह राशि 272 रुपये हो जाएगी।)
Gross Salary में Rs. 1,268

(उपरोक्‍त उदाहरण ग्रेड ए और बी के समाचार-पत्रों का। इसमें हमने VA, HRA, TRA, MED और Night Allowance नहीं दर्शाया है, इसको देखने के लिए फाइल new_da.jpg देखें।)



साथियों, आप इन छोटी-छोटी बातों का भी ध्‍यान रखें, ज्‍यादातर साथी इन मामलों में अति लापरवाह होते हैं और इनको संभाल कर नहीं रखते।

1. सैलरी स्लिप और बैंक स्‍टेटमेंट को संभाल कर रखें।

2. यदि आपको सैलरी स्लिप नहीं मिलती है और वेतन के रुप में चैक मिलता है तो उसकी फोटो कापी करवा कर उसे संभाल कर रखें।

3. वेतन से संबंधित अन्‍य कोई भी दस्‍तावेज।

4. Appointment Letter या ऐसे दस्‍तावेज जो आपको कंपनी का कर्मचारी साबित करते हैं।

5. समय-समय पर होने वाली वेतन बढ़ोतरी या पदो‍न्‍नति से संबंधित दस्‍तावेज।

6. सैलरी स्लिप पर दिखने वाले वेतन के अलावा मिलने वाले लाभ से संबंधित अन्‍य दस्‍तावेज।

7. इनके अलावा भी यदि कोई अन्‍य दस्‍तावेज, जैसे ओवर टाइम, EL encashment आदि से संबंधित।

साथियों हम आपको इसके बारे में इसलिए सावधान कर रहे हैं, क्‍योंकि जब भी आपके यहां मजीठिया लागू होगा, तब यह आपके बेहद काम आएंगे। वो इसलिए की ज्‍यादतर समाचार-पत्र और पत्रिकाएं चोर रास्‍ते से कहां आपके लाभों पर सेंध लगा देंगी यह आपको पता भी नहीं चलेगा। यदि आपके पास अपने पूरे दस्‍तावेज होंगे तो यह उस वक्‍त बेहद काम आएंगे।

नोट-

1. भाग-17 में हम ग्रेड सी और डी में कार्यरत साथियों को नया वेतनमान और एरियर निकालना सिखाएंगे। जिसमें नवंबर 2011 से अक्‍टूबर 2015 तक एरियर होगा।

2. साथियों, हम आपसे एक बार फि‍र से अनुरोध करते हैं कि कंपनियों के दबाव में आकर किसी भी दस्‍तावेज पर हस्‍ताक्षर नहीं करिए, विशेषतौर पर ब्‍लैंक दस्‍तावेजों पर। कोई भी कंपनी आपको कितना भी तंग कर लें, परंतु मजीठिया वेजबोर्ड के लाभों से वंचित नहीं कर सकती।

3. हम जल्‍द ही ARI के बारे में भी बताएंगे की यह कैसे आपके वेतन में अंतर पैदा करता है और मजीठिया लागू होने के बाद कैसे बॉस के पूर्वाग्रह भी आपको न्‍यूनतम लाभ प्राप्‍त करने से नहीं रोक सकते।

4. मजीठिया के अनुसार नया वेतनमान और एरियर राशि निकालते वक्‍त बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है, इसमें जरा सी चूक आपको कई हजार या लाख रुपये का नुकसान पहुंचा सकती है। जहां तक हम समझते हैं कुछ मामलों में छोड़ कर इसको निकलवाने की अभी सभी साथियों को जरुरत नहीं है। जिन साथियों को इसकी आवश्‍यकता है वह इसके लिए पीटीआई, टि्ब्‍यून, नवभारत आदि की यूनियनों से मदद ले सकते हैं। यहां पर मजीठिया वेजबोर्ड लागू है। यहां से आपको निस्‍वार्थ भाव से मदद मिल सकती है।

यदि हमसे कहीं तथ्यों या गणना में गलती रह गई हो तो सूचित अवश्य करें।(patrakarkiawaaz@gmail.com)

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Saturday 10 October 2015

बिहार के पत्रकार भाइयों वोट को बनाए ताकत, जो दिलवाए मजीठिया, उसका दें साथ

पटना। बिहार के पत्रकार और गैर-पत्रकार साथियों यही वह समय है जब हम अपनी वोट की ताकत का अहसास राज्‍य विधानसभा चुनाव में करवा सकते हैं। केवल हमारे ही नहीं बल्कि हमारे पूरे परिवार के वोटों की संख्‍या की गिनती की जाए तो वे हजारों-लाखों में हैं। ऐसे में यदि हम चाहे तो क्‍या कुछ नहीं कर सकते। बस इसका सही समय पर सही इस्‍तेमाल करके।

चुनाव के समय जिस तरह कई राज्‍यों में कार्यरत बिहार के लोग अपने परिजनों को एक पार्टी विशेष को वोट देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं तो उसी तरह पत्रकार और गैर-पत्रकार भाई क्‍यों नहीं कर सकते। राज्‍य के कई हजार पत्रकार और गैर-पत्रकार साथी देश के विभिन्‍न अखबारों और मीडिया हाउसों में कार्यरत हैं। इसके अलावा राज्‍य में कार्यरत साथियों की संख्‍या भी हजारों में है। एक परिवार में कम से कम 5 वोट हों तो आप खुद जान सकते हैं कि यह संख्‍याबल कितना हो जाएगा। यह संख्‍याबल किसी भी पार्टी के वोट प्रतिशत को प्र‍भावित तो कर ही सकता है।

साथियों, चुनाव के दौरान पूंजीपति अपने फायदे के लिए राजनीतिक पार्टियों पर नोटों की बारिश कर देते हैं। परंतु जहां की जनता जागरुक होती है वहां 'नोट' पर 'वोट' भारी पड़ जाता है अर्थात् चुनाव 'नोट' नहीं 'वोट' जीतवाता है। मजीठिया वेतनमान की चाह रखने वाले साथियों, राज्‍य में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अपने और अपने परिजनों के वोट का सही इस्‍तेमाल करें। इसके बाद संभव हो तो अगले चरणों के दौरान पत्रकार यूनियनों के साथ या समूह बनाकर राज्‍य के बड़े-बड़े नेताओं से मिलें और उनसे मजीठिया पर उनका स्‍पष्‍ट रुख पूछे। जो इसपर ना-नुकर करें तो उसे अपने वोट और कलम की ताकत का अहसास करवा दें।

दैनिक जागरण के कर्मियों को दें नैतिक समर्थन