Thursday 28 September 2017

पीपुल्स समाचार में मजीठिया लागू, आधों को बांटा, आधों को डांटा

भोपाल। पीपुल्स समाचार पत्र की चेयरमैन रुचि विजयर्गीय ने सितम्बर में मजीठिया लागू करने का अपना वादा पूरा किया है, लेकिन यह वादा अभी अधूरा है। पीपुल्स समाचार में आधे कर्मचारियों के वेतन में 5 से 7 हजार रुपए की वेतन वृद्धि की गई है, लेकिन आधे कर्मचारियों के वेतन में एक भी पैसा बढ़ाया नहीं गया है, जिससे उनमें आक्रोश है।
सूत्र बताते हैं कि श्रमायुक्त कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा जो सैलरी लिस्ट प्रस्तुत की गई, वह अधूरी पेश की गई थी। इस लिस्ट में जिन कर्मचारियों के नाम थे उनकी वेतन वृद्धि हुई है, बाकि कर्मचारियों के नाम नहीं होने से उनकी वेतन वृद्धि संकट में आ गई है। सूत्रों का कहना है कि जो वेतन वृद्धि की गई है वह मजीठिया के किस ग्रेड के आधार पर की गई यह अभी खुलासा नहीं हुआ है। इधर चेयरमैन विजयवर्गीय आधे कर्मचारियों की वेतन वृद्धि कर खुश है, लेकिन पीपुल्स समाचार में अंदर ही अंदर आक्रोश फैल रहा है। कई कर्मचारी श्रमायुक्त से शिकायत का मन बना चुके हैं। अगर शीघ्र ही वेतन वृद्धि नहीं हुई तो हो सकता है कई केस श्रमायुक्त में दाखिल हो सकते हैं।  आधे वेतन वृद्धि के बाद रुचि विजयवर्गीय की परेशानी और बढ़ सकती है, क्योंकि कर्मचारी पुराने बकाया प्राप्त करने के लिए श्रमायुक्त पर दबाव बना सकते हैं।

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Wednesday 27 September 2017

मजीठिया: बीमार जागरणकर्मी के जम्मू तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 13 को सुनवाई!

पंकज कुमार वर्सेज यूनियन आॅफ इंडिया रिट याचिका की सुनवाई जस्टिस रंजन गोगई व जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच करेगी


गया से जम्मू तबादला किये गए दैनिक जागरण के पत्रकार पंकज कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को तेनटअतीव  तिथि निर्धारित की है।

जस्टिस रंजन गोगई व जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच सुनवाई करेगी। बिहार के पूर्व कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नागेन्द्र राय सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता पंकज कुमार की ओर से अदालत में पक्ष रखेंगे।

क्या है मामला

पंकज कुमार दैनिक जागरण के गया कार्यालय में बतौर सब एडिटर कम रिपोर्टर के पद पर कार्यरत है। पिछले साल सितम्बर में पंकज कुमार को पेसमेकर लगाया गया। पूर्व में २००४ में भी पेसमेकर लगा था। पिछले साल अक्टूबर में prostrantgrand का आपरेशन हुआ. बीमार व आर्थिक परेशानी से जुझ रहे पंकज ने मजीठिया वेज बोर्ड की मांग की. जिसके बाद ९२ earnleave रहने के बावजूद २१ दिन की वेतन कटौती मैनेजमेंट के द्वारा कर दी गयी. मैनेजमेंट ने दबाव बनाने के लिए prostratgrand आपरेशन से बीमार व अस्वस्थ पत्रकार पंकज को कार्यालय आकर बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने को बाध्य किया. कार्यालय आने के लिए पंकज कुमार daihfher और लुंगी पहनकर असहनीय दर्द के बीच जाते रहे. कई बार el रहते २१ दिन की वेतन कटौती को सामंजस्य करने की पंकज की गुहार को कंपनी ने कोई तवज्जो नहीं दी। मजीठिया का भूत उतारने के लिए १ मार्च से पटना ट्रान्सफर का मौखिक आदेश दिया गया।

पंकज कुमार ने २५ मार्च को श्रम आयुक्त के यहाँ मजीठिया की मांग करते हुए आवेदन दिया। कंपनी ने backdate में २० मार्च की तिथि में जम्मू ट्रान्सफर कर दिया। १ मार्च को प्रेषित कंपनी का ट्रान्सफर आर्डर पंकज को ३ अप्रैल को मिला।

कंपनी की तानाशाही के खिलाफ पंकज कुमार सुप्रीम कोर्ट की शरण में न्याय की गुहार लगाने पहुचे, दो याचिका दाखिल की। 330/2017 rit की सुनवाई १३ अक्टूबर को संभावित है।

इस बीच पंकज कुमार के ट्रान्सफर आर्डर के खिलाफ मगध प्रमंडल के सहायक उप श्रमआयुक्त विजय कुमार का ३० अगस्त का आदेश दैनिक जागरण के मुह पर तमाचा है। उप श्रम आयुक्त विजय कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि बीमार व अस्वस्थ पत्रकार पंकज कुमार को गया से जम्मू तबादला मजीठिया की मांग करने के कारण किया गया। आदेश में साफ़ है कि प्रबंधन को ट्रान्सफर करने का अधिकार है, लेकिन अधिकार को कर्मचारी की जायज मांग मागने के कारण उपयोग करना श्रम कानून के हित में नहीं है। उप श्रम आयुक्त विजय कुमार ने अपने आर्डर में साफ़ लिखा है कि पंकज कुमार का ट्रान्सफर आर्डर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। साथ ही कंपनी के खिलाफ़ यह आरोप कि पुष्टि हो गयी कि पंकज कुमार को मजीठिया वेज की अनुशंसा का कोई लाभ देने का एक भी प्रमाण सुनवाई के दौरान देने में कंपनी सफल नहीं हो सकी।

पंकज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में कंपनी को ३२ लाख ९० हजार का डिमांड नोटिस अगस्त में भेजा। कंपनी की ओर से डिमांड नोटिस का कोई जबाव नहीं आया। जिसके बाद पंकज ने श्रम सचिव को गया के कलेक्टर को रिकवरी सर्टिफिकेट दैनिक जागरण के खिलाफ जारी करने के लिए अनुरोध किया है।

पंकज कुमार की शिकायत पर जागरण कार्यालय पहुचे जिला श्रम अधीक्षक जुबेर अहमद को मैनेजमेंट ने परिसर के अन्दर घुसने नहीं दिया। जागरण पर सर्विस बुक नहीं देने, इपीएफ, स्वास्थ बीमा का लाभ न देने, गया यूनिट का मजीठिया वेज के अनुसार सम्बंदन न होना सहित कई आरोप है। बिहार के श्रम आयुक्त गोपाल मीणा पिछले दो महीने से उप श्रम आयुक्त को आरोप की जाँच कर रिपोर्ट समर्पित करने को कह रहे है। लेकिन श्रम आयुक्त मीणा के आर्डर का अनुपालन उप श्रम आयुक्त डॉ. अपर्णा के स्तर से अब तक नहीं किया गया है।

 
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
९३२२४११३३५


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Tuesday 26 September 2017

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर यूएनआई प्रबंधन को 23 लाख रुपए जमा कराने पड़े

आखिरकार दिल्ली हाई कोर्ट के कड़े आदेश पर देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेन्सी यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ इंडिया (यूएनआई) के प्रबंधन को एक वरिष्ठ पत्रकार सहित दो कर्मियों के लम्बित वेतन भुगतान के मद में लगभग 23 लाख रुपए कोर्ट में जमा कराना पड़ा. इसके साथ ही अदालत की तरफ़ से जारी कुर्की की कार्रवाई से प्रबंधन को मुक्ति मिल गयी. हालाँकि हाई कोर्ट ने जुर्माने की 20 प्रतिशत रक़म तत्काल नहीं जमा कराने की प्रबंधन को छूट दे दी.
इससे पूर्व दिल्ली की एक अदालत से जारी कुर्की वारंट को लेकर दिल्ली पुलिस की एक टीम पिछले दिनों यू.एन.आई. मुख्यालय पहुंची थी. प्रबंधन ने रिकवरी आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन हाईकोर्ट के कड़े निर्देश पर प्रबंधन को लगभग 23 लाख रुपए जमा कराने पड़े. यूएनआई बचाओ अभियान से जुड़े वकीलों सर्वश्री अरविन्द चौधरी एवं राहुल झा ने यह जानकारी दी।
संस्थान के ही एक वरिष्ठ पत्रकार के लम्बित वेतन आदि भुगतान के मद में करीब 15 लाख रुपये की रिकवरी के लिए दिल्ली की एक अदालत ने संस्थान के निदेशकों सर्व श्री विश्वास त्रिपाठी एवं प्रफुल्ल महेश्वरी के नाम कुर्की वारंट जारी किया था। श्रम उपायुक्त (नई दिल्ली) की अदालत से जारी आदेश के बावजूद यूएनआई प्रबंधन ने पीड़ित को यह राशि भुगतान नहीं किया था। बाद में विभाग की ओर से इस राशि की रिकवरी के लिए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत को भेजा गया था।
ऐसा ही एक मामला संस्थान के एक दलित कर्मचारी से जुड़ा है, जिसे श्रम उपायुक्त की अदालत से जारी आदेश के मुताबिक करीब साढे बारह लाख रुपये का भुगतान किया जाना था। इस मामले में भी दिल्ली हाईकोर्ट के कड़े आदेश पर पैसे जमा कराये गये. इस दलित कर्मचारी के प्रताड़ना के मामले में संस्थान के दो पत्रकारों सहित तीन को एससी/ एसटी एक्ट के तहत दिल्ली की एक सत्र अदालत ने 12 दिसंबर 2013 को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था। यह मामला माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित है।

(साभार : भड़ास)

मजीठिया: दूसरी बार भी सुनवाई में नहीं आया एचटी मैनेजमेंट


पटना से दिनेश सिंह
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मजीठिया मामले में एक बार फिर हिन्दुस्तान टाइम्स मैनेजमेंट भाग खड़ा हुआ। कल 25 सितम्बर को श्रम विभाग के उप सचिव अमरेंद्र मिश्र के यहां सुनवाई आरंभ हुई। एचटी मैनेजमेंट की ओर से कोई नहीं आया। एक एडवोकेट आए मगर न तो उसके पास कंपनी की तरफ से दिया हुआ कोई वकालतनामा था और न ही कोई मांगी गई सूचना का कंपलायन्स। दूसरी बार लगातार प्रबंधन की अनुपस्थिति को उप सचिव अमरेंद्र मिश्र ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यहां कानून से बढ़कर कोई नहीं है।
राकेश गौतम ने खुद पहली बैठक में ही उप सचिव को यह लिखित में दिया था कि पटना संस्करण एक पृथक स्टेबलिशमेंट है और यह दिल्ली से अलग है। उनके इस दावे को कामगारों की ओर से अधिकृत नेता दिनेश सिंह ने चुनौती दी थी कि पटना जब दिल्ली से पृथक एक अलग स्टेबलिशमेंट है तो राकेश गौतम सुनवाई से बाहर निकलें। एडवोकेट भी इस मामले की आरोपी शोभना भरतिया की ओर से वकालतनामा लेकर आएं। यह पिछली बार हुआ था और पुनः दोबारा यही पूरा वाकया दुहराया गया।
उनके बयान ने मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने में हुए घपले का भी राज खुद खोल दिया। उनके खुलासे से यह स्पष्ट हुआ कि एचटी पटना जो अपने रेवेन्यू के चलते आरंभ से ही ग्रुप 1A में रहा है, उसे इस बार राकेश गौतम ने नम्बर तीन में रखा और वह भी महज गिने चुने लोग तक सीमित। कुल मिलाकर पटना में एचआर हेड कोर्ट से लेकर कार्यालय तक हंसी का पात्र बने हुए हैं।

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Monday 25 September 2017

मजीठिया: बिजनेस स्टेंडर्ड ने बांटा कर्मचारियों का बकाया एरियर

देश के प्रमुख समाचार पत्र बिजनेस स्टेंडर्ड से खबर आ रही है कि इस अखबार ने अपने कर्मचारियों को मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार बकाया लाखों रुपये का एरियर दे दिया है। कर्मचारियों को पांच से आठ लाख रुपये तक उनका बकाया एरियर्स देकर वेतन वृद्धि किया गया है। हालांकि ये लाखो रुपये का एरियर सिर्फ उन्हीं मीडिया कर्मियों को दिया गया है जिनका वेतन कम था। जिनका वेतन ज्यादा था उनको इसका लाभ नही मिला है।

जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए इस अखबार के 12 संस्करणों में कम वेतन पाने वाले मीडियाकर्मियों को पांच से आठ लाख रुपये का उनका बकाया दिया गया है।हालांकि मजीठिया के जानकार इस दिए गए एरियर्स को ऊंट के मुंह मे जीरा बता रहे हैं।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335


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Sunday 24 September 2017

मजीठिया और अखबारों में फैली अराजकता को बखूबी बड़े पर्दे पर दर्शाती फिल्म JD



पिक्चर हॉलों में टंग चुकी है जेडी
★★

★ पत्रकारों के रीयल  जीवन पर बनने वाली पहली फिल्म

★ मजीठिया मांगने पर दलाल ने पत्रकार को नौकरी से निकाला

एक पत्रकार द्वारा बनाई गई फिल्म जेडी तमाम पिक्चर हॉल में लगी हुई है. इस फिल्म की खास बात यह है कि इसके निर्माता निर्देशक तो पत्रकार शैलेंद्र पांडे है ही इस फिल्म का संपूर्ण ताना बाना पत्रकारीय जीवन उसकी चुनौतियों और संघर्षों के ईद गिर्द घूमती है. छोटा शहर छोटा अखबार. लो सैलरी और जीवन यापन के लिए कदम कदम पर छोटी छोटी जरूरतों के लिए मोहताजी.
कैसे एक ईमानदार पत्रकार को भ्रष्ट रास्तों पर ले जाती है.

एक न बिकने वाला ईमानदार पत्रकार कैसे राजनीति को साफ करने के प्रयास में खुद एक मोहरा होकर रह जाता है. फिल्म में गाने और डॉलाग्स जोरदार हैं जो लोगों को बांधते हैं. इसमें कम सैलरी का दर्द दिखा तो गलत राह चुनते ही धन का अंबार भी दिखाया गया.

हक मांगने पर कैसे मीडिया के दलाल एक पत्रकार को सड़क पर ला देते हैं और मीडिया में महिलाएं किस प्रकार शोषण सहती हैं और आगे बढ़ने के लिए अपने जिस्म का प्रयोग करती हैं इन सब मुद्दों को जेडी (पत्रकार जनार्दन द्विवेदी) में शैलेंद्र पांडेय ने बखूबी उठाया है.
और हां इसमें मजीठिया वेज का मुद्दा भी एक पत्रकार की नौकरी खाता नजर  आया .

भाई शैलेंद्र पांडेय को पत्रकारों के रीयल जीवन. पर  फिल्म निर्माण के लिए बधाई और शुभकामना.

अाप सब से अपील अगर अब तक आपने फिल्म नहीं देखी तो आज ही देखिए. एक अखबार में काम करते हुए मजीठिया वेज और अखबारों में फैली अराजकता को पर्दे पर दिखाने के लिए भाई

शैलेंद्र  पांडेय को साधुवाद.


शैलेश अस्थाना
संयोजक
भारतीय पत्रकार एसोसिएश (बीपीए)




फिल्म देखकर
99683 95807 पर शैलेंद्र पांडेय को दे सकते हैं शुभकामना और सलाह.



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मजीठिया: मिथलेश की रिव्यू पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 5 को



 माननीय सुप्रीमकोर्ट से एक बड़ी खबर आरही है ।जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की मांग को लेकर  प्रबंधन के खिलाफ माननीय सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे प्रभात खबर के आरा (बिहार) के ब्यूरो चीफ मिथिलेश कुमार बनाम प्रभात खबर मामले में दायर रिब्यू पिटीशन पर 5 अक्टूबर को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई होगी।यह सुनवाई विद्वान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश नवीन सिन्हा द्वारा की जाएगी।


मजीठिया वेज बोर्ड के लिए प्रबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे प्रभात खबर के आरा (बिहार) के ब्यूरो चीफ मिथिलेश कुमार का प्रबंधन ने तबादला कर दिया तो मिथिलेश कुमार ने सीधे सुप्रीमकोर्ट में अपने एडवोकेट दिनेश तिवारी के जरिये गुहार लगा दी थी। इस मामले में मजीठिया वेज बोर्ड की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश रंजन गोगोई और नागेश्वर राव की खंड पीठ ने मिथिलेश कुमार के पक्ष में कदम उठाते हुये उनके ट्रांसफर पर अंतरिम रोक लगा दिया था। मगर फिर भी प्रभात खबर प्रबंधन ने उन्हें ज्वाईन नहीं कराया। इसके बाद यह मामला ३ मई २०१७ को मिथिलेश कुमार के अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने सुप्रीमकोर्ट में न्यायाधीश रंजन गोगोई के सामने रखा था।19 जून 2017 को जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड का जो निर्णय आया उसपर मिथलेश कुमार का कहना है कि मेरे मामले पर स्पष्ट पक्ष नही रखा गया जिसपर मिथलेश कुमार ने अपने एडवोकेट दिनेश तिवारी के जरिये सुप्रीमकोर्ट मे रिब्यू पिटीशन दायर किया किया जिसपर 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी।इस सुनवाई पर देश भर के मीडियाकर्मियों की नजर होगी।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
९३२२४११३३५

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Friday 22 September 2017

महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त ने जारी की मजीठिया मामले में प्रेस रिलीज

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय  द्वारा 19 जून 2017 को जारी आदेश को अनुपालन कराने के लिए महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त ने महाराष्ट्र के  सभी अखबारों को एक प्रेस रिलीज जारी किया है। इस प्रेस रिलीज की प्रति नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट की महाराष्ट्र की जनरल सेक्रेटरी शीतल करंनदेकर और नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट महाराष्ट्र के मजीठिया सेल समन्यवक और आर टी आई एक्सपर्ट तथा  शशिकांत सिंह को भी कामगार आयुक्त कार्यालय ने 22 सितंबर को उपलब्ध कराया। मराठी में लिखे इस प्रेस रिलीज का हिंदी अनुवाद इस तरह है।
 महाराष्ट्र के सभी समाचारपत्र प्रतिष्ठानों के मालिक बंधुओं से आह्वान किया जा रहा है कि श्रमिक पत्रकार  व पत्रकारेत्तर कर्मचारी  (सेवा शर्त ) की संकीर्ण तरदुति अधिनियम 1955 अंतर्गत मजीठिया वेतन आयोग को अमल में लाने बावत माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में दाखिल हुए अवमानना याचिका क्रमांक 411/2014 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 19 जून 2017 को आदेश जारी कर याचिका का निस्तारण किया है।इस आदेश की प्रति माननीय सर्वोच्च न्यायालय के www.sci.gov.in/supremecourt/2014/23540/23540 2014 judgement 19 -jun-2017.pdf  में उपलब्ध है।इस आदेश में मजीठिया वेतन आयोग को अमल में लाने में होने वाले मुद्दे जैसे कि क्लॉज 20 (जे),काँटेक्चुअल एम्प्लाइज,वेरीयेबल व संस्थान की आर्थिक परिस्थिति बावत स्पस्ट बताया गया है।उसी के अनुसार इस आयोग के प्रभाव को अमल में लाने बावत आदेश जारी किया गया है ।
कामगार आयुक्त कार्यालय मार्फत सभी समाचारपत्र प्रतिष्ठानों से विनती है और उनको सूचना दी जारही है कि केंद्र सरकार द्वारा 11-11-2011 की अधिसूचना के द्वारा लागू किया गया वेतन आयोग की सिफारिशों  को अपने समाचारपत्र प्रतिष्ठानों के संबंधित कामगार /कर्मचारी के लिए इसे लागू कराएं।साथ ही मजीठिया वेतन आयोग की शिफारिश के अनुसार वेतन अदाकर पिछला अन्तरदेखकर उसे अदा करने बावत कार्रवाई करें।जिससे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन हो।
 कामगार आयुक्त कार्यालय की तरफ से 14 सितंबर 2017 को महाराष्ट्र सरकार के माहिती एवं जनसंपर्क संचालनालय ,मादामकामारोड,हुतात्मा राजगुरु चौक ,मंत्रालय में भी  ये प्रेस रिलीज भेजा गया है और निवेदन किया गया है कि इस प्रेस रिलीज को जो माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश से जुड़ा है का प्रकाशन महाराष्ट्र के सभी समाचार के सभी संस्कारण में कराने बावत कार्रवाई करें।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335


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Tuesday 19 September 2017

असहाय मीडियाकर्मियो की कब सुधि लेगे प्रधानमंत्री जी

यह आग्रह मैं देश के प्रधानमंत्री से ही नहीं काशी के सांसद से भी कर रहा हूं. सवा तीन बरस हो गए आपको बाबा विश्वनाथ के बतौर अधिकृत प्रहरी निर्वाचित हुए. इस दौरान आपका कई बार काशी आगमन हुआ. आपने अपने प्रवास में मीडिया से भी बात की. उनको रात्रि भोज पर भी आमंत्रित किया. लेकिन जिस मीडिया को आपने बुलाया वह वाकई बहुत ताकतवर जमात है जो सरकार में भी अपनी गहरी पैठ रखती है. सच तो यह कि मीडिया और संपादको के नाम पर या तो अखबार स्वामी या उनके मैनेजर ही आपकी दावत में शरीक हो सके.  मगर हिंदी पत्रकारिता के शिखर पुरुष पं बाबू राव विष्णु राव पराड़कर की कर्मभूमि के पत्रकारों को कभी भी आपके साथ संवाद का कोई एक अवसर भी अभी तक नहीं मिला है.
   मीडियाकर्मी यानी हम श्रमजीवी पत्रकार कहीं से भी चौथा खंभा नहीं हैं. हम तो समाज का ऐसा सबसे कमजोर तबका हैं जो दूसरों के लिए भले ही पन्ने रंग देता हो मगर खुद के लिए बोल भी नहीं सकता. हम निरीह, बेबस और निस्सहाय पत्रकार बिरादरी ने आप पर टकटकी लगा रखी है कि एक बार अपने संसदीय क्षेत्र के पत्रकारों और गैर पत्रकारों की पीड़ा - वेदना से आप जरूर रूबरू होंगे. आपका 22 सितम्बर को काशी आगमन हो रहा है. अपने इस 22 घंटे के प्रवास में आप सिर्फ एक घंटा हमें दें. हमारा पराड़कर भवन आपकी मेजबानी के लिए प्रतीक्षारत है. आपको बताना चाहते हैं कि अखबारों में हम किस कदर नारकीय यंत्रणा भोग रहे हैं. जिस कर्मी को कम से तम एक लाख मिलना चाहिए था उसे पांच हजार भी नसीब नहीं हो रहा है और नगर के भूमाफिया के रूप में उनकी अलग पहचान बन चुकी है. आप विश्वास नहीं करेंगे कि पत्रकारों से यह लिखवा कर श्रम विभाग को भेज दिया जाता है कि हमे जरूरत से ज्यादा वेतन मिल रहा है, बढ़ी राशि नहीं चाहिए. क्या ऐसा संभव है ? लेकिन यही हो रहा है. दुनिया के सबसे ज्यादा बिक्री वाले अखबार का दावा करने वाला समूह हर वेतन आयोग के समय कोर्ट में गया कि हम बढ़ा वेतन नहीं दे सकते. आप कानूनों को बदलने में लगे हैं और कितने ही गैरजरूरी कानून हटाए भी जा चुके हैं. अब बारी श्रम विभाग की आनी चाहिए जो कर्मचारी हित के लिए नहीं मालिक हित के लिए काम करता है. मजीठिया वेतन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने 2011 मे ही अधिसूचना जारी कर दी थी मगर कोर्ट ओर सरकार दोनो को ठेंगे पर रखने वाले असीम बलशाली अखबार मालिकों की हठधर्मिता देखिए कि आज तक कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया गया. उल्टे कितनों की नौकरी जरूर ले ली गयी.
हम पत्रकार चार दशक की सेवा के बाद जानते हैं कि आपकी कृपा से एक हजार सालाना पेंशन पाने लगे हैं जो पहले तीन अंको में हुआ करती थी. हिंदी के चार राष्ट्रीय अखबारों का खेल प्रभारी रह चुका यह नाचीज आपके सत्तसीन होने के पहले 35 वर्षों की सेवा के बावजूद मात्र 760 रुपये मासिक पेंशन पाता था जिसमें कोई चाय भी नहीं पी सकता.
प्रभु हमारी बिरादरी पर नजरें इनायत कीजिए. आप जानते हैं कि किस कदर हमारे जैसे लोगों ने तथाकथित प्रगतिशीलों के हाथों गत चार दशकों के दौरान अपमान झेला है. हमें हाफ पैंटियर बोला जाता था. तब उनका सरकार में भी बोलबाला था. मगर आज हालात बदल  चुके हैं और वे वामपंथी हाशिए पर हैं कम से कम मीडियाकर्मियों की जहां तक बात है. आज हम आपकी नीतियों के सिर्फ समर्थक हैं. हमें भक्त कहा जाता है. सोशल मीडिया पर जंग लड़ी जा रही है. आपके पक्ष में बहुत बड़ा तबका सामने आ चुका है. बस उसे बल आपसे ही मिल सकता है. एक बार इन मालिकों पर आपने नकेल कस दी तो देखिएगा कि आपकी विकासोन्मुख नीतियों के लिए हमारी बिरादरी किस  कदर मुखर होकर सामने आने की कूव्वत रखती है.
एक बार पुन: आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि हमारे पत्रकार संघ का आतिथ्य स्वीकार कर हमारी पीड़ा सुने. हमारे जैसे आपके आजीवन आभारी रहेंगे. इस संदर्भ मे संघ की ओर से औपचारिक निमंत्रण आपको भेजा जा चुका है.

(Padampati sharma ke facebook se)


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मजीठिया: मुंबई हाई कोर्ट ने दिया “डी. बी. कॉर्प लि.” को कर्मचारियों का बकाया जमा करने का निर्देश

देश की आर्थिक राजधानी से एक बड़ी खबर आ रही है। मुंबई हाई कोर्ट ने ‘दैनिक भास्कर’ की प्रबंधन कंपनी “डी. बी. कॉर्प लि.” को निर्देश दिया है कि मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार, प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, रिसेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया इम्तियाज शेख की जो बकाया व एरियर्स की राशि बनी है… जिसके आधार पर श्रम विभाग ने वसूली प्रमाण-पत्र जारी किया है, उसका हिस्सा वह कोर्ट में जमा करे। इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले में किसी भी तरह की सुनवाई पर दो सप्ताह की रोक लगा दी है।

गौरतलब है कि इन तीनों मीडियाकर्मियों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उमेश शर्मा के दिशा-निर्देश पर मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक, वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा 17 (1) के तहत महाराष्ट्र के लेबर कमिश्नर कार्यालय में अपने बकाए की मांग की थी… यह राशि 10 लाख से लेकर 42 लाख रुपए तक बनी है, जिसे पाने के लिए इन्होंने उक्त विभाग में क्लेम लगाया था। इनके क्लेम से बौखलाए “डी. बी. कॉर्प लि.” प्रबंधन ने आनन-फानन में धर्मेन्द्र प्रताप सिंह का सीकर (राजस्थान) और लतिका चव्हाण का सोलापुर (महाराष्ट्र) ट्रांसफर कर दिया, जबकि आलिया शेख का ट्रांसफर न करने के पीछे कंपनी की रणनीति थी… जी हां, सिंह और चव्हाण ने इस ट्रांसफर को जब इंडस्ट्रियल कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट में कहा कि ट्रांसफर इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि हमने मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपना बकाया मांगा है तो जवाब में कंपनी ने शेख के मामले का हवाला देते हुए कहा कि यदि इनका ट्रांसफर ‘मजीठिया’ के चलते किया गया होता तो शेख भला कैसे बच पातीं… लेकिन उनका ट्रांसफर तो नहीं किया गया है!

धर्मेन्द्र प्रताप सिंह और लतिका चव्हाण ने कंपनी का डटकर मुकाबला किया… बेशक, लतिका को लेबर कोर्ट से राहत नहीं मिली। यह बात और है कि कोर्ट द्वारा सिंह के पक्ष में स्टे देने के बावजूद यह घाघ कंपनी उन्हें ड्यूटी पर लेने में आना-कानी करने लगी तो सिंह ने “डी. बी. कॉर्प” के खिलाफ लेबर कोर्ट में अवमानना का मुकदमा दायर कर दिया… आखिर कंपनी को मजबूरन उन्हें मुंबई में ही ड्यूटी ज्वाइन करानी पड़ी! वैसे लतिका ने भी हिम्मत नहीं हारी है… उन्हें भी अपने देश की न्याय-व्यवस्था पर भरोसा है। लतिका ने लेबर कोर्ट के फैसले को मुंबई होई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई चल रही है।

आपको बता दें कि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों की खातिर असिस्टेंट लेबर कमिश्नर नीलांबरी भोसले के समक्ष इन तीनों मीडियाकर्मियों की सुनवाई करीब एक-डेढ़ साल तक चली… अंतत: सुश्री भोसले ने जब यह पाया कि इन तीनों का दावा सही है, उन्होंने “डी. बी. कॉर्प” को आदेश दिया कि वह इनका बकाया शीघ्र अदा करे। लेकिन चूंकि इस कंपनी ने तीन सप्ताह बाद तक भी उक्त आदेश पर अमल नहीं किया, लिहाजा सहायक कामगार आयुक्त सुश्री भोसले ने “डी. बी. कॉर्प” के विरुद्ध आरसी (रिकवरी सर्टीफिकेट) जारी कर दिया… मुंबई शहर के जिलाधिकारी से अपील की कि वे संबंधित कंपनी से (भू-राजस्व की भांति) वसूली करके इन मीडियाकर्मियों को उनकी बकाया राशि दिलाएं।

जाहिर है कि लेबर डिपार्टमेंट से जैसे ही यह आरसी जारी हुई, मुंबई के जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, तहसील कार्यालय की टीम “डी. बी. कॉर्प” के माहिम (मुंबई) स्थित कार्यालय पहुंच गई… इसके बाद तो कंपनी में हड़कंप मच गया! जैसा कि अनुमान था, कंपनी भागकर मुंबई हाई कोर्ट पहुंची और स्टे के लिए कोर्ट के सामने झारखंड के एक पुराने मामले को बतौर रिफरेंस रखा। फिर भी कोर्ट की कॉपी से प्रतीत होता है कि वहां कंपनी की चाल तब धरी की धरी रह गई, जब माननीय अदालत ने निर्देश दिया कि वह इन मीडियाकर्मियों की बकाया राशि का पार्ट पेमेंट कोर्ट में जमा करवाए… तब (दो सप्ताह) तक इस मामले में कंपनी को राहत मिल गई है। माना जा रहा है कि पार्ट पेमेंट के तौर पर कंपनी को इन मीडियाकर्मियों की बकाया राशि का भले ही 40-50 फीसदी रकम कोर्ट में जमा करवानी पड़े, वह रकम भी कई लाख के आंकड़े तक पहुंच जाएगी। बहरहाल, इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर की पहली तारीख को मुंबई उच्च न्यायालय में निर्धारित है।जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में देश भर के मीडियाकर्मियों के पक्ष में माननीय सुप्रीमकोर्ट में लड़ाई लड़ने वाले एडवोकेट उमेश शर्मा के सुझावानुसार ये कर्मचारी  संविधान के अन्नुछेद २२६ ( ३) के अंतर्गत,  उस राशि को लेने का आवेदन अब उच्च न्यायालय में कर सकते हैं


-शशिकांत सिंह

पत्रकार-आरटीआई एक्सपर्ट एवं एनयूजे मजीठिया सेल समन्वयक

मोबाइल:9322411335


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Friday 15 September 2017

मजीठिया: श्रम विभाग ने की प्रबंधन और यूनियन के साथ बैठक

बैठक में नहीं आया  एचटी और टीओआई का मैनेजमेंट

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पटना से दिनेश सिंह
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आज श्रम नियोजन भवन के कान्फ्रेंस हाल मे आयोजितं मजीठिया वेज बोर्ड के कार्यान्वयन हेतु बुलाई गई बैठक मे एचटी मैनेजमेंट और टाइम्स ऑफ इंडिया मैनेजमेंट के प्रतिनिध गायब रहे। बैठक की अध्यक्षता विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने की। बैठक का उद्देश्य  और मजीठिया वेज बोर्ड के कार्यान्वयन के संदर्भ मे प्रकाश डाला।
बैठक मे न्यूज पेपर इण्डस्ट्रीज के प्लांट यूनियन तथा पत्रकार संगठन की ओर से दिनेश सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड लागू कराने की जिम्मेदारी राज्य के  श्रम विभाग को दी है और श्रम विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को अनदेखा कर रहा है । जबकि 2014 मे ही इसको लागू कराने  और एक साल के भीतर  चार किश्तों मे  एरियर  भुगतान कर देना था,जो आज तक नही हुआ ।
मजीठिया लागू करने के सवाल पर एचटी के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। तारीख पर तारीख हो रहा है और चार महीने मे आठ डेट लेकर भी मैनेजमेंट ने किसी सवाल    का जवाब देना मुनासिब नही माना। प्रबंधन  श्रम विभाग की  ऑथॉरिटी को खुली चुनौती दे रहा है।
 दिनेश ने मांग की कि यदि प्रबंधन मजीठिया लागू नही कर रहा  है और इसके कागजात  और रजिस्टर जब्त किया जाय। यदि  लागू किया है तो मैनेजमेंट लागू करने के पहले और बाद का पे स्लिप तथा मजीठिया एरियर का फिटमेन्ट का डिटेल्स सामने लाय।
जर्नलिस्ट यूनियन के ही एसके श्याम तथा लाल रत्नाकर ने भी  मजीठिया के सवाल पर कामगारो के पक्ष रखा।
 उप श्रमायुक्त वीरेंद्र  प्रसाद तथा विभाग के  उप सचिव अमरेंद्र मिश्र ने विभाग के  उच्चस्थ अधिकारियों को एसिस्ट किया ।

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Thursday 14 September 2017

दैनिक जागरण, TOI, हरिभूमि और आज समाज समेत 52 समाचारपत्रों के विज्ञापनों पर रोक, किसी पर पेड न्यूज तो किसी पर भेदभावपूर्ण खबर छापने का आरोप


नई दिल्‍ली। विज्ञापन और दृश्‍य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) ने दैनिक जागरण, टाइम्‍स ऑफ इंडिया (TOI), हरिभूमि, आज समाज, वीर अर्जुन समेत 52 समाचारपत्रों के विज्ञापनों पर दो माह की रोक लगा दी है। डीएवीपी ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सिफारिश पर 13 सितंबर 2017 से 12 नवंबर 2017 तक ये रोक लगाई है। इनमें से ज्‍यादातर अखबारों पर पेड न्‍यूज छापने का आरोप है। डीएवीपी ने 13 सितंबर को अपनी साइट पर इन 52 अखबारों की सूची जारी की है।

पेड न्‍यूज मामले में डीएवीपी के पैनल से दो माह के लिए बाहर होने वालों में वीर अर्जुन (120854-दिल्‍ली संस्‍करण), हरिभूमि (127520-रायपुर संस्‍करण), ओडिशा भास्‍कर (320180-भुवनेश्‍वर संस्‍करण), दैनिक पुष्‍प सवेरा (131395-आगरा संस्‍करण), राज एक्‍सप्रेस (128348-भोपाल व 128923-इंदौर संस्‍करण), मेरी दिल्‍ली (दैनिक) (128345-दिल्‍ली संस्‍करण), रायगढ़ संदेश (122147-रायगढ़ संस्‍करण), प्रकाश कुंज (130692-सीकर संस्‍करण), श्री इंडिया (127065-बांदा संस्‍करण), बुंदेलखंड लाइव (132128-बांदा संस्‍करण), दिनाकरन (400054-मदुरै संस्‍करण), जन नायक (120129-कोटा संस्‍करण) और चिंगारी (122042-बिजनौर संस्‍करण) भी शामिल हैं।

इसके अलावा शिकायतकर्ता के खिलाफ भेदभाव कर गलत तरीके से खबर छापने व खबर का जस्टिफेक्‍शन (Justification) न दे पाने पर दैनिक जागरण (122856) और आज समाज (129726) के दिल्‍ली संस्‍करणों को भी दो माह के लिए डीएवीपी ने अपने पैनल से बाहर कर दिया है। इसके अलावा डीएवीपी ने अन्‍य कारणों से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सिफारिश पर टाइम्‍स ऑफ इंडिया (100809) और महाराष्‍ट्र टाइम्‍स (200541) के क्रमश: भुवनेश्‍वर और पुणे संस्‍करण के विज्ञापनों पर भी दो माह की रोक लगा दी है।


लिस्ट में 7 के बाद एक अखबार गणना में छूट जाने की वजह से सीरियल में कुल 51 नंबर दिख रहे है। जबकि निलंबित अखबारों की सही संख्या 52 है।



Davp का नोटिस देखने के लिए यहाँ क्लिक करें- http://www.davp.nic.in/writereaddata/announce/Adv8021392017.pdf

मजीठिया: HR प्रबंधक ने किया क्लेम लगाने वाले कर्मचारी पर हमला

कानपुर। उप श्रमायुक्त कार्यालय में अपने वाद की पैरवी में आये संजय दुबे  के साथ एच.आर प्रबंधक ने मार पीट की और अखबार की धौस देते हुए पुलिस बुला ली।

बताया जाता है कि उप श्रमायुक्त कार्यालय इन दिनों सुर्ख़ियों में है वहां काम करने की कार्यप्रणाली व न्याय मिलने की आस में कर्मचारियों के खिलाफ मैनेजमेन्ट की मिलीभगत से शोषण कराया जा रहा है और वर्षों से दाखिल वाद का निस्तारण नही किया जा रहा है। जबकि अगर कोई कर्मचारी अपना वाद दाखिल करके पैरवी में जाता है तो उसे कुछ तथाकथित गुंडों से मरवाया पिटवाया जाता है औऱ झूठी शिकायत करके पुलिस को बुला लिया जाता है। इसी हरकत का नतीजा है कि आज प्रबंधन ने वाद की पैरवी में गये संजय दुवे को पहले संजीव ने जमकर पिटवाया और बाद में पुलिस बुलाकर झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह की कई शिकायतें मजीठिया क्लेम लगाये हिन्दुस्तान अखबार  के कई साथी कर चुके है।

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Wednesday 13 September 2017

52 newspaper publications suspended by DAVP for paid news and misconduct

Ministry of Information and Broadcasting has taken action against 52 newspaper publications for paid news or on charges of misconduct. Acting on the recommendations of the Press Council of India, Directorate of Audio Visual Publicity (DAVP) has suspended these publications from its empaneled list for two months. It has also been decided that the censured publications which are not empaneled with DAVP would not be eligible for the same for two months.

The list of the censured publications is attached as pdf file :

http://www.davp.nic.in/writereaddata/announce/Adv8021392017.pdf

(Source: babushahi.com)

मजीठिया की जंग: दस दिन में भेजें नेशनल यूनियन की सदस्यता सूची


मजीठिया वेजबोर्ड को पूरी तरह लागू करवाने की जंग को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बनाई जा रही नेशनल यूनियन के गठन के लिए सभी राज्यों के मजीठिया क्रांतिकारियों से निवेदन है कि वे अपने क्षेत्र या राज्य में मजीठिया वेजबोर्ड की लड़ाई  लड़ रहे या इसमें शामिल होने के इच्छुक साथियों की सूची नीचे दिए जा रहे फारमेट के अनुसार तैयार करके ए-4 कागज पर प्रिंट करने के बाद सदस्यों के हस्ताक्षर करवाकर दस दिनों के भीतर भिजवाने की व्यवस्था करवाने का कष्ट करें। इसके अलावा इसी फारमेट के अनुसार बनाई गई सूची की साफ्ट कापी में सदस्य के संस्थान और उसके पद की अतिरिक्त जानकारी भी भर कर मेल करने का भी कष्ट कीजिएगा।
नीचे दिया गए फारमेट को ही प्रिंट करने के बजाय इसी तरह की डॉक्युमेंट फाइल बनवा कर टाइम या एरियल फांट में १० या १२ साइज में यह जानकारी टाइप करवाएं। एक ही फाइल में सभी साथियों की जानकारी टाइप की जाए। सिर्फ सीरियल नंबर का कॉलम खाली रखा जाए, ताकि अगर जरूरत पड़ी तो इसे बाकी साथियों की सदस्यता सूची अनुसार नंबर डालकर पंजीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सके। इससे सभी साथियों को एक जगह एकत्रित होने की असुविधा और खर्च से बचा जा सकेगा। जो साथी अपनी जानकारी गोपनीय तौर पर भिजवाना चाहते हैं, वे सिर्फ नीचे दी गई मेल आईडी के माध्यम से जानकारी भेज सकते हैं। इन्हें सदस्यता फार्म मेल के माध्यम से भेज दिया जाएगा। वहीं बाकी साथियों को भी सदस्यता फार्म भिजवाने की व्यवस्था बाद में की जाएगी।

फिलहाल पहले पंजीकरण का कार्य करने के अलावा बैंक खाता खोलने और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही सदस्यता फार्म भरवाए जाएंगे और शुल्क इत्यादि की प्राप्ति के साथ ही सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को यूनियन के आईकार्ड भी जारी किए जाएंगे। पहले पंजीकरण के लिए गठित कार्यकारिणी के पदाधिकारी बाकी साथियों की सुविधानुसार सभी राज्यों का दौरा भी करेंगे। फिलहाल इस यूनियन के गठन का मकसद किसी अन्य यूनियन को नीचा दिखाना या इन्हें टक्कर देना नहीं है, बल्कि इनके सदस्यों व पदाधिकारियों को भी इसमें जुडऩे का निमंत्रण दिया जाता है, ताकि अखबारों में कार्यरत, निलंबित, निष्कासित या सेवानिवृत कर्मचारियों को राष्ट्रीय मंच प्रदान किया जा सके।

फिलहाल यूनियन का प्रथम मकसद मजीठिया वेजबोर्ड को अक्षरश: लागू करवाना और अखबार कर्मियों के साथ की जा रही ज्यादतियों को रोकना रहेगा। इसके लिए मालिकों की संस्था से सीधे बात करने के अलावा इन्हेें कटघरे में खड़ा करने के लिए एकजुट कोशिश की जाएगी। पिछली बार अलग-अलग गुटों में जंग लडऩे का नतीजा हम सब देख ही चुके हैं। लिहाजा एकजुट होकर सुनियोजित  तरीके से अपना हक लेने के लिए अब ऐसा कानूनी जाल बुना जाएगा, जिससे माननीय सर्वोच्च न्यायालय की आवमानना की परवाह किए बिना ज्यादतियां कर रहे अखबार मालिक बाहर ना निकल पाएं। वैसे भी किसी ने ठीक ही कहा है संघ यानि एकजुट होने में ही शक्ति निहित होती है।

लिहाजा सभी साथी चाहें वे मजीठिया वेजबोर्ड के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं या फिर किसी कारणवश जो लोग खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं, वे इस यूनियन का सदस्य बनकर एक बड़ी ताकत के साथ अपनी आवाज बुलंद करने का अंतिम अवसर अपने हाथ से जाने न दें। यह यूनियन सिर्फ पत्रकारों की नहीं बल्कि सभी अखबार कर्मियों की यूनियन है। चाहें वे नियमित हों या फिर अनुबंध पर, कार्यरत हैं या फिर निष्कासित, या फिर नवंबर 11 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी सभी निसंकोच इस यूनियन के साथ जुड़ कर अपना हक प्राप्त करने की ताकत पा सकते हैं। यूनियन सभी के लिए लेबर विभाग और लेबर कोर्ट में चल रहे मुकद्दमों से जुड़ी कानूनी जानकारी मुहैया करवाने से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक एकजुट होकर लड़ाई लडऩे की योजना पर काम करेगी। वहीं हाल ही में आए निर्णय के अनुसार नियमित और अनुबंध कर्मियों को भी उनका एरियार और नया वेतनमान दिलवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों पर भी दबाव बनाने की रणनीति पर काम करेगी। अन्य कई योजनाएं दिमाग में हैं, फिलहाल शुरुआत तीन अक्टूबर के बाद दिल्ली से की जाएगी। फिर यह आंदोलन पूरे देश में फैलेगा।

कुछ साथियों को इस बात को लेकर असमंजस है कि वे तो पहले से मौजूद यूनियनों के सदस्य या पदाधिकारी हैं, तो इन्हें स्पष्ट किया जा रहा है कि यह अच्छी बात है कि वे किसी यूनियन के संरक्षण में हैं। फिलहाल वे इस यूनियन की सदस्याता जरूर लें,क्योंकि हम एक ऐसा राष्ट्रीय मंच तैयार करने जा रहे हैं जो बाकी सबसे हटकर हो और असरदार उपस्थिति के साथ सबको चकित करके रख दे। पहले से यूनियनों में शामिल साथियों के अनुभव का भी इस यूनियन को फायदा मिलेगा। कुछ नया करना है तो दूसरों की लकीर को काटने के बजाय एक बड़ी लकीर खिंचना ही बेहतर विकल्प होता है।

-रविंद्र अग्रवाल
पता: वार्ड-8, कॉलेज रोड कांगड़ा, जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश-176001
संपर्क नंबर: 9816103265,9736003265,9418394382
ईमेल आईडी:  ravi76agg@gmail.com

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Massive Demonstration of the IFWJ at Jantar Mantar Against Attacks on Media persons


New Delhi: Indian Federation of Working Journalists (IFWJ) today held a massive demonstration at Jantar Mantar to protest the increasing incidences of attacks on journalists. It was demanded that those who found guilty of attacking journalists or creating hindrance in their works should be meted out the stringent punishment, which will serve deterrent for others. Hundreds of demonstrators were shouting slogans for to punishment to those who are responsible for the killings of Gauri Lankesh of Bengaluru, Ram Chandra Chhatrapati of Sirsa, Rajesh Ranjan of Bihar and many others by the goons and anti-social elements. The IFWJ has asked the Central and State Governments to provide adequate compensation to those journalists who have been attacked and whose cameras have been damaged in Sirsa, Panchkula, Gurugram and other places.
There was a huge and spontaneous response to the call of IFWJ’s protest demonstration at Jantar Mantar. Media persons from Haryana, Uttar Pradesh and Delhi poured in at Jantar Mantar to express their solidarity for the protest demonstration.
The IFWJ Vice-President Shri Hemant Tiwari emphasized the protest of the journalists would continue and expanded throughout the country, if the steps were not taken by the government for the safety of the journalists by enacting appropriate law. IFWJ Secretary General Parmanand Pandey said that although it is not possible to provide safety cover to all journalists because they have to work under such condition where if they go under police cover it would make their life more risky and hazardous.

Among others who addressed the demonstration were IFWJ’s Secretary Shri Randeep Ghangas, IFWJ Treasurer Shri Rinku Yadav, Shri Rajendra K. Gautam, seniour journalist, Bhante Buddhakirti, the editor of Virat Swaroop, Shri Alkshendra Singh Negi of DUWJ, Shri Mangat Ram Sharma, Shri Shri Mangal Kumar of Dainik Bhaskar, Shri Prem Nath Pandey, the photo editor of the Indian Express, Shri Chandra Kant Pandey and Shri H.P. Chandra of the Times of India

Tuesday 12 September 2017

मजीठिया वेजबोर्ड के लिए राष्ट्रीय यूनियन की तैयारी शुरू


साथियों मजीठिया वेजबोर्ड की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए काफी दिनों से एक राष्ट्रीय स्तर की यूनियन बनाने को लेकर आवाज उठ रही थी। इसे देखते हुए दिल्ली/नोएडा के साथियों के सहयोग से इस सोच को अमलीजामा पहनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
पहले इस बात को लेकर मंथन हुआ कि क्या यूनियन के गठन के लिए पहले सभी साथियों की बैठक बुलाई जाए और फिर पंजीकरण की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए। फिर काफी सोच विचार के बाद तय किया गया है कि त्योहारी सीजन होने के कारण सभी का एकत्रित हो पाना संभव नहीं है। लिहाजा दिल्ली के नजदीक के साथियों की मदद से पहले यूनियन का गठन कर लिया जाए और फिर किसी दिन सभी की सुविधा अनुसार एक महासभा बुलाकर शक्ति प्रदर्शन किया जाए।
फिलहाल तय हुआ है कि सभी राज्यों के मजीठिया क्रांतिकारी अपने-अपने समूह या जानकारी में चल रहे साथियों की एक सूची तैयार करें। इसमें व्यक्ति का नाम, स्थायी पता, संपर्क नंबर और  ईमेल आईडी सहित अंत में हस्ताक्षर की जगह रखी जाए। इस फारमेट को अंग्रेजी में टाइप करके इसका प्रिंट लेकर इसमें सभी के हस्ताक्षर करके इसे नीचे दिए पते पर भेज दिया जाए। इस आधार पर यूनियन की सदस्य संख्या तय हो जाएगी। पंजीकरण होने के बाद ही तय की गई पंजीकरण फीस सहित मासिक फीस के बारे में सबको उनकी ईमेल आईडी या व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिये सूचित किया जाएगा।
यूनियन के उद्देश्य, संविधान सहित अन्य योजनाओं की सूचना सार्वजनिक नहीं की जाएगी, इसकी जानकारी सदस्यों की ईमेल आईडी या मोबाइल ग्रुप के जरिये दी जाएगी। इस यूनियन का मकसद पहले से मौजूद यूनियनों की तरह राजनीति करने के बजाय कार्यरत, निश्कासित/बर्खास्त होने के बाद संघर्षरत और रिटायर हो चुके श्रमजीवी पत्रकारों और गैर पत्रकार समाचार पत्र कर्मचारियों को वेजबोर्ड लागू करवाने, सेवा शर्तों का पालन करवाने, आवश्यक सुविधाओं की मांग को उचित मंच पर उठाने से लेकर इनके अधिकारों की कानूनी लड़ाई लडऩे सहित कल्याण के लिए काम करना होगा। लिहाजा जो व्यक्ति पहले से किसी यूनियन का सदस्य है, वह भी इस सांझा उद्देश्य के लिए यूनियन का सदस्य बन सकता है।
अपने-अपने क्षेत्र या समाचार पत्र के साथियों की सूची उपरोक्त फॉरमेट के अनुसार बनाकर पंजीकृत डाक के माध्यम से इस पतें पर भेजें:

-रविंद्र अग्रवाल, वार्ड नंबर-8, कॉलेज रोड कांगड़ा, जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश-176001, संपर्क नंबर: 9816103265,9736003265

इसके अलावा सूची की साफ्ट कापी मेल करके हस्ताक्षरित सूची भेजने की सूचना भी दे दें: ravi76agg@gmail.com


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आप भी जानिए भारत के किसी भी अखबार का सर्कुलेशन और पूरा विवरण सिर्फ एक क्लिक पर


भारत सरकार के समाचार पत्रो के पंजीयन कार्यालय नई दिल्ली ने एक जानकारी आर टी आई के जरिए मांगी गई सूचना में मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह को उपलब्ध कराई है।इस सूचना में समाचार पत्रों के पंजीयन कार्यालय ने बताया है कि कोई भी नागरिक  समाचार पत्रों के पंजीयन कार्यालय की वेबसाइट  www.rni.nic.in पर जाकर रजिस्टर्ड टाइटल पर क्लिक करके किसी भी समाचार पत्र के बारे में पूरी जानकारी ,  उसकी प्रसार संख्या से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है। साथ ही इसी वेबसाइट की   ई फाइलिंग ऑफ एनुअल स्टेटमेंट ऑफ 2016-17 में जाकर एनुअल स्टेटमेंट समिटेड में पूरी जानकारी अखबार के बारे में प्राप्त कर सकता है।10 अगस्त 2017 को यह जानकारी सहायक प्रेस पंजीयक रामकृष्ण पिल्लई नेआर टी आई में दी है।यह जानकारी समाचारपत्र कर्मियों के लिए बहुत ही काम कीहै।आप भी देखिए भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयन कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गयी जानकारी से संबंधित पत्र।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट 
9322411335

Monday 11 September 2017

मजीठिया: सुनवाई से भाग खड़ा हुआ मैनेजमेंट

एचटी ग्रुप मामले को लटकाने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा

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पटना से दिनेश सिंह
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हिन्दुस्तान टाइम्स ग्रुप मे मजीठिया वेज बोर्ड लागू नही किए जाने तथा ग्रेच्युटी के  कैलकुलेशन मे भारी गड़बड़ी की शिकायत को लेकर पटना डीएलसी के यहां अलग-अलग दो चरणो मे सुनवाई हुई। 9 सितम्बर को सबसे पहले 11 बजे दिन से ग्रेच्यूटी को लेकर पहली सुनवाई थी मगर  मैनेजमेंट भाग खड़ा  हुआ। उसके अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने लिखित सूचना दी की  प्रबंधन इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय मे एक रिट दायर की है इसलिए इस पर सुनवाई रोकी जाय। 11 पत्रकार और गैर पत्रकारों   द्वारा दायर मुख्य शिकायतकर्ता होने के नाते दिनेश कुमार सिंह ने  जब प्रबंधन के  एडवोकेट से पूछा कि अभी सुनवाई शुरू नहीं हुई और आपने कोई जवाब तक फाईल नही किया फिर किस आदेश के खिलाफ कोर्ट गये? कोर्ट का कोई स्टे आर्डर है? कहा- नही ।  प्रबंधन के  एडवोकेट से यह पूछा गया कि  आप किसके  एडवोकेट हैं तो उन्होंने ने कहा की प्रबंधन की  ओर से। फिर पूछा गया कि वकालतनामा कहां है। यहां पार्टी एचटी के  चेयरपर्सन शोभना भरतीया हैं उनके हस्ताक्षर के साथ वकालतनामा के साथ  आइए। उन्होंने कहा कि  अगली सुनवाई मे वे   शोभना भरतीया के वकालतनामा के साथ आएंगे साथ ही कोर्ट का स्टे नही ला  सके तो सुनवाई  अगली तिथि 7 अक्टूबर को जवाब  और उसके तमाम कंपलायन्स के साथ  आएंगे।
यह विदीत है की ग्रेच्यूटी के कैलकुलेशन के लिए  उन्हे मजीठिया का फिटमेन्ट चार्ट देना होगा और इसमे गड़बड़ी और किसी तरह  की हेराफेरी की सजा   बहुत ही सख्त है।  साफ है शोभना भरतीया को जेल जाना भी पड़ सकता है ।
उसी दिन दूसरी सुनवाई पुनः दो बजे से शुरू हुई और प्रबंधन ने यहीं से रटे हुए  तोते की तरह  बात शुरू  की यूनियन को हम  नही मानते हैं। डीएलसी ने कहा  की इस मामले का निष्पादन हो चुका है फिर  आप पुरानी बातों मे समय जाया नही कर सकते ।
पुनः वही  सवाल  उठा। शोभना भरतीया मुख्य आरोपी हैं इसलिए आरोपी के बचाव मे यदि आप आते हैं तो उनका वकालतनामा साथ लाइए।
प्रबंधन के एडवोकेट ने कहा की वे शोभना भरतीया का वकालतनामा 20 सितम्बर तक जमा करा देंगे। उसके बाद सुनवाई की तिथि तय हो जाएघी।
इस बार  एचटी ग्रुप के बेतुके तर्क के लिए मशहूर  एचआर निदेशक राकेश गौतम कहीं नजर नही आए।

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Saturday 9 September 2017

मजीठिया को लेकर प्रेस कांफ्रेस में पत्रकारों ने श्रम मंत्री को घेरा

महिला  पत्रकार ने ऐसा सवाल दागा कि मंत्री जी लगे बगले झाकने

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले को लेकर झारखंड सरकार केश्रम मंत्री राज पालिवार को रांची में उन्ही की पत्रकारवार्ता में पत्रकारों ने घेर लिया और लगे दनादन जस्टिस  मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर सवाल दागने। इस अप्रत्याशित सवाल से थोड़ी देर के लिये मंत्री महोदय भी घबड़ा गये। बताते हैं कि झारखंड केश्रम मंत्री राज पालिवार ने अपने विभाग और अपने किये गये कार्य का बखान करने के लिये रांची के सूचना भवन में एक प्रेस कांफ्रेश रखी थी। मंत्री जी की इस प्रेस कांफ्रेश के लिये रांची के सभी पत्रकारों को बुलाया गया था। अपने लावलश्कर के साथ सूचना भवन पहुंचे मंत्री महोदय ने पहले तो अपने विभाग का गुणगान किया फिर पत्रकारों से कहा कि अब आप पुछ सकते हैं जो भी सवाल पुछना है।  पत्रकारों की तरफ से पहला सवाल दागा गया कि आपकी सरकार और आपका विभाग  पत्रकारों के अधिकार और वेतन से जुड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में क्या कर रहा है और माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन अब तक क्यों नहीं करा पाया। इस अप्रयाशित सवाल से मंत्री महोदय बगले झाकने लगे। लगे हाथ एक और सवाल दाग दिया गया झारखंड में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड से जुड़े १०३ मामले लंवित हैं। मजीठिया वेज बोर्ड  मांगने वालों को काम से निकाल दिया जारहा है और आपकी सरकार अबतक मौन क्यों है। मंत्री जी ने पत्रकारों को  बेसिरपैर का उत्तर दिया  और कहा कि बिना मांगे तो मां भी बच्चे को दूध नहीं पिलाती। आप लोग क्लेम लगाईये। मजीठिया वेज बोर्ड की शिफारिश लागू कराना सरकार की प्रतिबद्धता है। मंत्री जी के इस सवाल पर एक महिला पत्रकार ने साफ साफ मंत्री जी से पूछ लिया कि  मंत्री जी आप बताईये क्या अगर बच्चा रोये नहीं तो मां क्या कर्तव्य नहीं है कि उसे समय पर दूध पिलादें और उसका ठीक से पालन पोषण करें। अब मंत्री जी को काटो तो खुन नहीं बेचारे पानी पानी हो गये। उन्होने पत्रकारोें को कहा कि आप लोग पांच लोगों की टीम बनाकर हमारे कार्यालय में आईये। इस मुद्दे पर हम गंभीरता से बात करेंगे और जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड जरुर लागू होगा।  इस दौरान सन्मार्ग अखबार के पत्रकार नवल किशोर सिंह के मामले को भी उठाया गया जिनको जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन मांगने पर कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया।श्रम मंत्री राज पालिवार ने कहा कि जो अखबार भी लापरवाही करेंगे और कर्मचारियों का शोषण करेंगे उनको नोटिस भेजी जायेगी। सन्मार्ग अखबार मामले को उन्होने गंभीरता से लिये और कहा कि ऐसे अखबारों पर सरकार शिकंजा कसेगी।  इस दौरान कामगार सचिव अमिताभ कौशल और झारखंड के कामगार आयुक्त और संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे।  फिलहाल माना जारहा है कि झारखंड सरकार भी जल्द भी माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश को अमल में लाने के लिये ठोस कदम उठायेगी।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
९३२२४११३३५

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Friday 8 September 2017

मजीठिया: नवभारत के 47 मीडियाकर्मियों ने सौपा प्रबंधन को 7 करोड़ से ऊपर का क्लेम


मुम्बई से एक बड़ी खबर आरही है। पहली बार यहां किसी अखबार प्रबंधन को सीधे कर्मचारी यूनियन ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार 47 मीडियाकर्मियों का 7 करोड़ से ऊपर का क्लेम सौंपा है।
गुरुवार 7 सितंबर 2017 को पूर्व निर्धारित नवभारत प्रबंधन और महाराष्ट्र मीडिया इंप्लाइज यूनियन नवभारत इकाई कार्यकारिणी की बैठक के दौरान यूनियन से जुड़े सभी 67 सदस्यों में से 47 सदस्यों का मजीठिया क्लेम का डाटा शीट नवभारत के प्रेसिडेंट श्री श्रीनिवास जी को सौंप दी गई। क्लेम फाइल करते समय महाराष्ट्र मीडिया इंप्लाइज यूनियन  नवभारत इकाई के अध्यक्ष श्री केसर सिंह बिष्ट सचिव श्री अरुण गुप्ता कार्यकारिणी सदस्य श्री शेर सिंह श्री राकेश पांडे श्री सागर चौहान और श्री विष्णु मांजरेकर मौजूद थे।अब कंपनी प्रबंधन ने अगर निर्धारित समय तक इन कर्मचारियों का मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया नही दिया तो ये कर्मचारी कामगार आयुक्त महाराष्ट्र सरकार के समक्ष अपना दावा पेश करेंगे।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335

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Navbharat employees filed Majithia claims


On Thursday, 7 September,  47 employees of Hindi daily Nav bharat , mumbai edition, filed majithia claims amounted to more than 7 crores. Senior activists of local MMEU union in consultation with BUJ members made calculations and have done excellent work.


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Wednesday 6 September 2017

IFWJ condemns killing of fearless journalist Gauri Lankesh

Bengaluru, 6 September:
        Indian Federation of Working Journalists has condemned the gruesome killing of Gauri Lankesh, the bold editor of the popular weekly tabloid ‘Lankesh Patrike’. In a statement, the IFWJ President B V Mallikarjunaiah and the Secretary General Parmanand Pandey have asked the government of Karnatka to immediately bring the culprits to book and take stringent action against them.
        It may be noted that, of late, the attacks on the journalists across the country have increased the mainly because of the rise of intolerance of different groups. Although it is impossible to provide security cover to every journalist throughout the country, yet insuring of severe punishment to such anti-social elements will certainly be an effective deterrence, which will go a long way in protecting the journalists as well as other citizens.
        The IFWJ has also demanded that the government of Karnataka must adequately compensate the bereaved family of the late Gauri Lankesh.
      The IFWJ pays its homage to the courageous lady journalist, who made the supreme sacrifice for the sake of the protection of her constitutional rights of freedom of speech and expression.

Tuesday 5 September 2017

मजीठिया: डीबी कॉर्प के 5 मीडियाकर्मियों के पक्ष में आरसी जारी करने की प्रक्रिया शुरू

दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी बी कॉर्प के मराठी अखबार दैनिक दिव्य मराठी के महाराष्ट्र के अकोला एडिशन से खबर आरही है कि यहां 5 मीडियाकर्मियों के पक्ष में आर सी जारी करने के लिए  अंतिम प्रक्रिया शुरू करने का सहायक कामगार आयुक्त अकोला  श्री विजयकांत पानबुड़े ने  अपने विभाग को निर्देशदिया है।ये मीडियाकर्मी हैं  इस मराठी अखबार के पेज मेकर दीपक वसंतराव मोहिते (रिकवरी राशि 13  लाख 35 हजार 252 रुपये), पेजमेकर  राजू रमेश बोरकुटे ((रिकवरी राशि 12 लाख 66 हजार 275),डिजाइनर मनोज रामदास वाकोडे (११ लाख 75 हजार 654 रुपये), पेजमेकर संतोष मलनन्ना पुटलागार (११ लाख 98 हजार 565 रुपये) और डिटीपी इंचार्ज रोशन अम्बादास पवार (6 लाख 17 हजार 308 रुपये) शामिल है।इसके लिए सहायक कामगार आयुक्त ने 18 अगस्त को एक नोटिस डी बी कॉर्प प्रबंधन को भेजा है जिसमें दैनिक भास्कर के चेयरमैन रमेशचंद्र अग्रवाल,पूरा पता प्लाट नंबर 6,द्वारिका सदन,प्रेस काम्प्लेक्स,मध्यप्रदेश नगर भोपाल (मध्य प्रदेश), प्रबंध निदेशक सुधीर अग्रवाल (पता उपरोक्त), निशिकांत तायड़े स्टेटहेड,दैनिक दिव्य मराठी,डी बी कोर्पलिमिटेड अकोला,जिला अकोला को भी नोटिस की कॉपी भेजी गई है।इस नोटिस के बाद भी अगर डीबी कॉर्प ने इन पांचों मीडियाकर्मियों को उनका बकाया नही देती है तो आर सी जारी कर कलेक्टर को भू राजस्व की भांति वसूली करके बकायेदारों को देने का निर्देश दिया जाएगा।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335

Monday 4 September 2017

हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-21: ग्रेड-‘ एफ’/सिटी-‘ एक्‍स’ का वेतनमान देखने के लिए यहां क्लिक करें:-



अनुसूची- I. क- एफ ग्रेड समाचार पञ  (शहरों का वर्गीकरण- क्षेञ ‘एक्‍स’)
(समाचार-पञ प्रतिष्‍ठानों में श्रमजीवी पञकारों का समूहन)
समूह-1: कार्यकारी संपादक, स्‍थानीय संपादक एवं अन्‍य...
BASIC : 14000
VA : 2800
DA : 11066
HRA : 5040
TRA : 3360
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 3344
GROSS SALARY : 40,910

समूह-2: सहायक संपादक, समाचार संपादक एवं अन्‍य...
BASIC : 13000
VA : 2600
DA : 10275
HRA : 4680
TRA : 3120
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 3105
GROSS SALARY : 38,081


समूह-3: मुख्‍य संवाददाता, मुख्‍य उप-संपादक,  सहायक समाचार संपादक, कार्टूनिस्‍ट, पेज डिजाईनर एवं अन्‍य...
BASIC : 12000
VA : 2400
DA : 9485
HRA : 4320
TRA : 2880
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2866
GROSS SALARY : 35,251

समूह-4: वरिष्‍ठ उप-संपादक, डिप्‍युटी पेज डिजाईनर एवं अन्‍य...
BASIC : 11000
VA : 2200
DA : 8695
HRA : 3960
TRA : 2640
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2627
GROSS SALARY : 32,422

समूह-5: उप-संपादक, रिपोर्टर, कलाकार, मुख्‍य प्रूफशोधक एवं अन्‍य...
BASIC : 10000
VA : 2000
DA : 7904
HRA : 3600
TRA : 2400
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2389
GROSS SALARY : 29,593


समूह-6: प्रूफशोधक एवं अन्‍य... समस्‍त श्रमजीवी पञकार...
BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 7114
HRA : 3240
TRA : 2160
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2150
GROSS SALARY : 26,763


( मजीठिया के अनुसार हिंदी में अपना बेसिक देखने के लिए देखें पेज नंबर 30, सारणी-I, अंग्रेजी में पेज नंबर 35)

अपने पद की श्रेणी देखने के लिए हिंदी मजीठिया रिपोर्ट का पेज नंबर 2 देखें


*****

अनुसूची- II.  एफ ग्रेड समाचार पञ (शहरों का वर्गीकरण- क्षेञ ‘एक्‍स’)
(गैर पञकार समाचार-पञ कर्मचारी-प्रशासनिक स्‍टाफ का वर्गीकरण)
समूह-1: वरिष्‍ठ सहायक महाप्रबंधक, वेब प्रशासक, इलैक्‍ट्रोनिक अथवा सॉफ्टवेयर अभियंता, मुख्‍य लेखाकार एवं अन्‍य...
BASIC : 10000
VA : 2000
DA : 7904
HRA : 3600
TRA : 2400
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2389
GROSS SALARY : 29,593

समूह-2: अपर प्रबंधक, लेखा अधिकारी, कल्‍याण अधिकारी एवं अन्‍य...

BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 7114
HRA : 3240
TRA : 2160
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2150
GROSS SALARY : 26,763

समूह-3: अधिकारी अथवा विभागीय मुखिया, हेड क्‍लर्क, डीटीपी इंचार्ज, प्रोग्रामर एवं अन्‍य...
BASIC : 8500
VA : 1700
DA : 6719
HRA : 3060
TRA : 2040
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2030
GROSS SALARY : 25,349

समूह-4: वरिष्‍ठ स्‍टेनो सचिव, सुरक्षा पर्यवेक्षक एवं अन्‍य...
BASIC : 8000
VA : 1600
DA : 6323
HRA : 2880
TRA : 1920
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1911
GROSS SALARY : 23,934

समूह-5: कनिष्‍ठ क्‍लर्क, टेलीफोन/फैक्‍स मशीन ऑपरेटर, ड्राइवर, कारपेंटर, प्‍लम्‍बर, राजमिस्‍ञी एवं अन्‍य...
एवं
समूह-6: बिल कलैक्‍टर्स, पिओन (चपरासी) एवं अन्‍य...

BASIC : 7000
VA : 1400
DA : 5533
HRA : 2520
TRA : 1680
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1672
GROSS SALARY : 21,105


( मजीठिया के अनुसार हिंदी में अपना बेसिक देखने के लिए देखें पेज नंबर 32, सारणी-II, अंग्रेजी में पेज नंबर 36)

अपने पद की श्रेणी देखने के लिए हिंदी मजीठिया रिपोर्ट का पेज नंबर 26 देखें


*****


अनुसूची- III. एफ ग्रेड समाचार पञ (शहरों का वर्गीकरण- क्षेञ ‘एक्‍स’)
(गैर पञकार समाचार-पञ कर्मचारियों-फैक्‍ट्री स्‍टाफ का वर्गीकरण)

समूह-1: वरिष्‍ठ अभियंता, सहायक अभियंता एवं अन्‍य...
BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 7114
HRA : 3240
TRA : 2160
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2150
GROSS SALARY : 26,763

समूह-2: वरिष्‍ठ पर्यवेक्षक, फोरमैन एवं अन्‍य...
BASIC : 8000
VA : 1600
DA : 6323
HRA : 2880
TRA : 1920
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1911
GROSS SALARY : 23,934

समूह-3: वरिष्‍ठ उत्‍पादन सहायक, कनिष्‍ठ वीडीटी संचालक, ऑफसेट मशीनमैन एवं अन्‍य...
BASIC : 7500
VA : 1500
DA : 5928
HRA : 2700
TRA : 1800
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1791
GROSS SALARY : 22,520

समूह-4: कन्‍वेयर स्‍ट्रीकेट मशीन-मैन, आर्ट विभाग में पेस्‍ट-अप मैन, प्‍लम्‍बर एवं अन्‍य...
BASIC : 7000
VA : 1400
DA : 5533
HRA : 2520
TRA : 1680
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1672
GROSS SALARY : 21,105

समूह-5: सहायक इलैक्‍ट्रीशियन, ट्रीडलमैन तथा डीएफ प्रेसमैन एवं अन्‍य...
एवं
समूह-6: बालर मुकदम, रील लोडर तथा अनलोडर, ट्रोली मैन एवं अन्‍य...
BASIC : 6000
VA : 1200
DA : 4743
HRA : 2160
TRA : 1440
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1433
GROSS SALARY : 18,276


( मजीठिया के अनुसार हिंदी में अपना बेसिक देखने के लिए देखें पेज नंबर 34, सारणी-III, अंग्रेजी में पेज नंबर 37)

अपने पद की श्रेणी देखने के लिए हिंदी मजीठिया रिपोर्ट का पेज नंबर 28 देखें

(हिंदी में अपने शहर को देखने के लिए पेज नंबर 37-38 या 55-56 देखें)

Formula:
Basic Pay = As per Majithia
Variable Pay = @20% of Basic Pay
DA = Basic Pay + Variable Pay x DA point/167
HRA = @30% of Basic Pay + Variable Pay
TRA = @20% of Basic Pay + Variable Pay
PF: Employer's Contribution = Basic Pay + Variable Pay + DA point/167 x 12%
******
Sep. DA point 2017 = 110 (Applicable for July 2017 to Dec 2017)
HS/other Allowance = Rs. 500 per month (As Applicable)
Night Allowance : Rs. 50 per day (weekly off Sunday)

सुप्रीम कोर्ट का आदेश डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/x3aVK2

मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें अंग्रेजी में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें-   https://goo.gl/vtzDMO

मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें हिंदी (सभी पेज) में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/8fOiVD

साथियों, मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार यह वेतनमान उन सहयोगियों का है जिन्‍होंने सितंबर 2017 में एफ ग्रेड  [समाचार पत्र प्रतिष्‍ठानों की श्रेणी-VI (5 करोड़ रुपये तथा इससे ऊपर परंतु 10 करोड़ रुपये से कम) के किसी भी समाचार पञ  (शहरी वर्गीकरण एक्‍स, यानि दिल्‍ली एनसीआर आदि) को ज्‍वाइन किया होगा। आप जो वर्तमान वेतन प्राप्‍त कर हैं उससे आपका वेतन कहीं ज्‍यादा होगा यदि आपके संस्‍थान में  मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें लागू हो जाती हैं तो। इसको देखकर आप समझ सकते हैं कि केवल सामूहिक प्रयास ही हमें अपना हक दिलवा सकता है। इसलिए साथियों एकजुट हो जाइए, ताकि आप अपना और अपने परिवार का भविष्‍य सुरक्षित कर सकें।

नोट- ईएसई के अंतर्गत आने वाले साथियों को चिकित्‍सीय भत्‍ता नहीं मिलेगा।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-

Vinod Kohli ji  – 09815551892
President, Chandigarh-Punjab Union of Journalists (CPUJ)
Indian Journalists Union
kohlichd@gmail.com

Ashok Arora ji (Chandigarh) - 09417006028, 09914342345
Indian Journalists Union
arora_1957@yahoo.co.in

M S Yadav ji (PTI) - 09810263560


मजीठिया के अनुसार वेतन क्या होना चाहिए, उसकी गणना कैसे होगी... इसकी विस्तृत जानकारी आपको लगातार PatrakarKiAwaaz के फेसबुक (Patrakar Awaaz), ट्विटर (@PatrakarKiAwaaz) और ब्लाग (http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/) के अलावा भड़ास4मीडिया, जनसत्ता, समाचार4मीडिया आदि द्वारा भी मिलती रहेगी।

यदि हमसे कहीं तथ्यों या गणना में गलती रह गई हो तो सूचित अवश्य करें।(patrakarkiawaaz@gmail.com)

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Why We need MAJITHIA AWARD? Part 21, Click here for Grade ‘F’/City ‘X’ Salary


'SCHEDULE-I.A (Grade F newspaper-City X)
(Grouping of Working Journalists in Newspaper Establishments)

Group-1: Executive Editor, RE, etc...
BASIC : 14000
VA : 2800
DA : 11066
HRA : 5040
TRA : 3360
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 3344
GROSS SALARY : 40,910


Group-2: Assistant Editor, NE, etc...
BASIC : 13000
VA : 2600
DA : 10275
HRA : 4680
TRA : 3120
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 3105
GROSS SALARY : 38,081


Group-3: Chief Reporter, Chief Sub-Editor, DNE, Cartoonist, Chief News Photographer, Chief Librarian, Page Designer, etc...
BASIC : 12000
VA : 2400
DA : 9485
HRA : 4320
TRA : 2880
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2866
GROSS SALARY : 35,251

Group-4: Senior Sub Editor, Deputy Page Designer, etc...
BASIC : 11000
VA : 2200
DA : 8695
HRA : 3960
TRA : 2640
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2627
GROSS SALARY : 32,422

Group-5: Sub-Editor, Reporter, Artist, Chief Proof Reader, etc...
BASIC : 10000
VA : 2000
DA : 7904
HRA : 3600
TRA : 2400
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2389
GROSS SALARY : 29,593

Group-6: Proof Reader including... all working journalists.....
BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 7114
HRA : 3240
TRA : 2160
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2150
GROSS SALARY : 26,763

(See page No. 35 (Majithia Report) for Basic, Table-I)

See page No. 3 to check your Grade according to your category

*****

'SCHEDULE-II (Grade F newspaper-City X)
(Grouping of Non-Journalists Newspaper Employees- Administrative Staff)

Group-1: Senior Assistant General Manager, Web Administrator, Electronic or Software Engineer, Chief Accountant, etc...
BASIC : 10000
VA : 2000
DA : 7904
HRA : 3600
TRA : 2400
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2389
GROSS SALARY : 29,593

Group-2: Additional Manager, Accounts Officer, Public Relation Officers, etc...
BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 7114
HRA : 3240
TRA : 2160
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2150
GROSS SALARY : 26,763


Group-3: Officers or Sectional Heads, Head Clerks, DTP Incharge, Programmer, etc...
BASIC : 8500
VA : 1700
DA : 6719
HRA : 3060
TRA : 2040
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2030
GROSS SALARY : 25,349

Group-4: Senior Steno Secretary, Security Supervisor, etc...
BASIC : 8000
VA : 1600
DA : 6323
HRA : 2880
TRA : 1920
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1911
GROSS SALARY : 23,934


Group-5: Junior Clerks, Telephone/Fax Machine Operators, Driver, Carpenter, Plumber, Mason etc...
And
Group-6: Bill Collectors, Peon, etc...

BASIC : 7000
VA : 1400
DA : 5533
HRA : 2520
TRA : 1680
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1672
GROSS SALARY : 21,105


(See page No. 36 (Majithia Report) for Basic, Table-II)

See page No. 30 to check your Grade according to your category

*****


'SCHEDULE-III (Grade F newspaper-City X)
(Grouping of Non-Journalists Newspaper Employees- Factory Staff)

Group-1: Senior Engineer, Assistant Engineer, etc...
BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 7114
HRA : 3240
TRA : 2160
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 2150
GROSS SALARY : 26,763

Group-2: Senior Supervisor, Foreman, etc...
BASIC : 8000
VA : 1600
DA : 6323
HRA : 2880
TRA : 1920
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1911
GROSS SALARY : 23,934

Group-3: Senior Production Assistant, Junior VDT Operator, Offset Plate Maker, etc...
BASIC : 7500
VA : 1500
DA : 5928
HRA : 2700
TRA : 1800
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1791
GROSS SALARY : 22,520

Group-4: Conveyor Striker machine-man, Paste-up man in Art Department, Plumber, etc...
BASIC : 7000
VA : 1400
DA : 5533
HRA : 2520
TRA : 1680
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1672
GROSS SALARY : 21,105

Group-5: Assistant Electrician, Treadleman and Df. Pressman, etc...
And
Group-6: Baller Mukadam, Reel Loader and Un-Loader, Trolley Man, etc...

BASIC : 6000
VA : 1200
DA : 4743
HRA : 2160
TRA : 1440
Night Allowance : 1300
Provident Fund : 1433
GROSS SALARY : 18,276


(See page No. 37 (Majithia Report) for Basic, Table-III)
See page No. 33 to check your Grade according to your category

The following calculations are for the Newspaper Category F (City X)
See page No. 39-40 or 59-60 (MWB) to check your City Category

Formula:
Basic Pay = As per Majithia
Variable Pay = @20% of Basic Pay
DA = Basic Pay + Variable Pay x DA point/167
HRA = @30% of Basic Pay + Variable Pay
TRA = @20% of Basic Pay + Variable Pay
PF: Employer's Contribution = Basic Pay + Variable Pay + DA point/167 x 12%
******
Sep. DA point 2017 = 110 (Applicable for July 2017 to Dec 2017)
HS/other Allowance = Rs. 500 per month (As Applicable)
Night Allowance : Rs. 50 per day (weekly off Sunday)


Download SC order copy… Click here or Use Path  https://goo.gl/x3aVK2


Download Majithia Wage Boards (MWB) copy in English… Click here or Use Path  https://goo.gl/vtzDMO


Download Majithia Wage Boards (MWB) copy in Hindi… Click hereor Use Path  https://goo.gl/8fOiVD


Projected Calculation of Gross Salary of a person who joined the newspaper (Grade F newspaper-City X) (Class of Newspaper Establishments - VI (Rs. 5 Crore and above but less than Rs. 10 Crore) in Sep 2017, which is quite higher than the salary you are presently getting, if Majithia Award is not yet implemented. Only collective efforts are going to pay you and open the roads for implementation of Majithia Award in your newspaper.  So get collected and fight for the cause and for the betterment and security of your and your family’s future.

Note: The employees who are covered  under ESI are not entitled for medical allowance.

For other help contact...

Vinod Kohli ji  – 09815551892
President, Chandigarh-Punjab Union of Journalists (CPUJ)
Indian Journalists Union
kohlichd@gmail.com

Ashok Arora ji (Chandigarh) - 09417006028, 09914342345
Indian Journalists Union
arora_1957@yahoo.co.in

M S Yadav ji (PTI) - 09810263560


If any mistake notices in facts and calculations, please inform us. Patrakarkiawaaz.gmail.com

Complete information of MWB you can get fromPatrakarKiAwaaz (Facebook Address-Patrakar Awaaz, Tiwtter -@PatrakarKiAwaaz and Blog -http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/) and Bhadas4media.com,http://www.jansattaexpress.in etc.

THIS IS A SOCIAL CAUSE. COME FORWARD AND SHARE IT AT THE MOST SO THAT IT CAN REACH THE MAXIMUM.


Anybody, who can translate the same in other Indian Languages like Punjabi, Urdu, Malayalam, Bangla, Tamil etc., Please do so and share the same to maximize the benefit and to reach out to the last person.


#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary