Tuesday 29 August 2023

मजीठियाः अब रिव्यू में हारा जागरण, 20जे की ढाल काम ना आई, कैटेगरी पर दिखाया आईना, लगाया जुर्माना


साथियों, इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज एक बड़ी खबर आई है। रिकवरी के मामले में सिंगल बेंच और डबल बेंच में हारने के बाद दैनिक जागरण ने सिंगल बेंच के ऑर्डर के खिलाफ रिव्यू पेटिशन डाली थी। जिसे माननीय अदालत ने मैरिट के आधार पर खारिज करके जागरण को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने 20 जे को ढाल बनाने वाली कंपनियों पर टिप्पणी की और साथ ही कैटेगरी के मुद्दे पर एक कदम और आगे जाते हुए रिक्वासिफिकेशन पर भी स्थिति साफ कर दी। 20जे और कंपनी की कैटेगरी/क्वासिफिकेशन में यह आदेश अन्य साथियों के लिए भी काफी काम का है। आज के रिव्यू और इससे पहले का आदेश सभी साथियों को अपने वकीलों को उपलब्ध करवा देना चाहिए। 

जागरण प्रकाशन लिमिटेड बनाम अमर कुमार सिंह के दोनों केस नंबर ये हैं....

WRIT - C No. - 10419 of 2023

SPECIAL APPEAL No. - 396 of 2023

CIVIL MISC REVIEW APPLICATION ( CMRA ) - [ 351/2023 ]

अदालत ने आज के फैसले में 20जे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि जागरण की बात मान ली गई तो एक्ट ही अप्रभावी हो जाएगा। अदालत ने साथ ही वेजबोर्ड को लागू करने से बचने और समझौते की आड़ में इसकी सिफारिशों से कम वेतन देने पर कंपनियों की निंदा भी की और कहा कि कैसे सालों से वे समझौते की ढाल की आड़ में वेजबोर्ड की सिफारिशों से कम वेतन देते हैं। 

अदालत ने कंपनी की कैटेगरी यानि वर्गीकरण पर विस्तार से लिखा है। साथ ही ये भी कहा है कि जागरण ने लेबर कोर्ट में इस बारे में कोई तथ्य पेश नहीं किए। मालूम हो कि कर्मचारियों ने लेबर कोर्ट में सुनवाई के दौरान जागरण प्रबंधन से कई दस्तावेजों की मांग की थी। जिसको जागरण प्रबंधन ने नहीं दिया था। अदालत ने भी पार्ट ऑर्डर में इन दस्तावेजों को फैसले के लिए जरूरी मानते हुए इन्हें जागरण प्रबंधन से तलब किया था। तब भी जागरण प्रबंधन दस्तावेजों को लेबर अदालत के समक्ष पेश नहीं किया था। जिसके बाद लेबर कोर्ट ने दूसरे व अंतिम पार्ट ऑर्डर में कंपनी द्वारा मांगे ना जाने पर दस्तावेज पेश ना किए जाने की बात का भी उल्लेख किया था।

माननीय अदालत ने कहा कि मैरिट के आधार पर ये याचिका खारिज करने योग्य है और दावा याचिका दायर करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को 10 हजार रुपये की कास्ट देने के साथ इस आवेदन को खारिज किया जाता है। अपने दावे के लिए न्यायिक प्राधिकारी के पास पहुंचे कर्मचारियों को अॅवार्ड की राशि के साथ इन 10 हजार रुपये की भी वसूली करेगा भुगतान करेगा।

अदालत ने साथ ही किशन लाल मामले में लगी रिव्यू पेटिशन को भी खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि दोनों याचिकाओं में उठाए गए मुद्दे एक समान थे, इसलिए इस याचिका को देखने का कोई कारण नहीं दिखता। इन टिप्पणियों के साथ अदालत ने दोनों रिव्यू पेटिशन खारिज कर दी।

इससे पहले माननीय अदालत ने 25 हजार की कास्ट के साथ जागरण की याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद प्रबंधन ने इसके खिलाफ डबल बैंच में गया था, जहां याचिका को सुनवाई योग्य ना मानते हुए खारिज कर दिया था। जिसके बाद प्रबंधन ने रिव्यू याचिका दायर की थी।


Monday 14 August 2023

मजीठिया मामले में " हिंदुस्तान" अखबार को अब बिहार में झटका, देने होंगे 23 लाख

 


- जून 2020 से भुगतान की तारीख तक लगेगा आठ परसेंट ब्याज भी

- मजीठिया मामले में लेबर कोर्ट मुजफ्फरपुर का फैसला, संजीव को मिली सफलता

मजीठिया वेज बोर्ड अवार्ड मामले में अब हिंदुस्तान अखबार को बिहार में झटका लगा है। 03 जुलाई 2023 को लेबर कोर्ट मुजफ्फरपुर ने प्रबंधन को नॉन वर्किंग जर्नलिस्ट संजीव कुमार को दो महीने के भीतर बकाए एरियर के रूप में 22.65 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। उसे एक जून 2020 से पेमेंट की तारीख तक 8 पर्सेंट ब्याज भी देना पड़ेगा। मजीठिया वेज बोर्ड के मामले में यह बिहार से दूसरा अवार्ड है। पहला अवार्ड भी लेबर कोर्ट मुजफ्फरपुर में ही तीन वर्ष पहले घोषित हुआ था।

संजीव कुमार हिंदुस्तान अखबार के सर्कुलेशन विभाग में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में काम करते थे। कंपनी ने उनके पदनाम के आधार पर उन्हें मैनेजमेंट का हिस्सा बताने की कोशिश की, पर कोर्ट ने उसकी इस दलील को अस्वीकार कर दिया। माना कि मजीठिया वेज बोर्ड अवार्ड में पद का नाम नहीं, कार्य के स्वरूप के आधार पर पद का निर्धारण होता है। यह अवार्ड इस रूप में भी महत्वपूर्ण है कि कोर्ट ने स्वीकार किया है कि एक ही मैनेजमेंट के अंतर्गत आने वाली सभी सब्सिडियरी कंपनी एक यूनिट होती है। संजीव कुमार की ओर से अदालत में उनका पक्ष अधिवक्ता वी. के. ठाकुर ने रखा। श्री कुमार के अनुसार अधिवक्ता सूजॉय कुमार सिन्हा ने भी अदालती कार्रवाई के दौरान उनकी काफ़ी मदद की।

शशिकान्त सिंह

पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी तथा आरटीआई कार्यकर्ता

9322411335

Saturday 5 August 2023

प्रेस क्लब ने दी वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिछारिया को भावभीनी श्रद्धांजलि


नई दिल्ली, 5 अगस्त। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आज वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक टिल्लन रिछारिया के आसमायिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया। प्रेस क्लब में आयोजित शोक सभा में देश के जाने-माने पत्रकारों और लेखकों ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा में स्वर्गीय रिछारिया की धर्मपत्नी पुष्पा और उनके इकलौते पुत्र रवि भी मौजूद थे।

25 मार्च 1952 को जन्मे शिव शंभू दयाल रिछारिया उर्फ टिल्लन रिछारिया का निधन पिछले महीने 28 जुलाई को रतलाम में एक कार्यक्रम के दौरान हृदयगति रूक जाने से हुआ था। मूलतः चित्रकूट निवासी टिल्लन रिछारिया ने धर्मयुग, महान एशिया, ज्ञानयुग प्रभात, करंट, बोरीबंदर, हिंदी एक्सप्रेस, वीर अर्जुन, राष्ट्रीय सहारा, हरिभूमि, कुबेर टाइम्स आदि में काम किया था। टिल्लन रिछारिया हिन्दी पत्रकारिता में उन चुनिंदा पत्रकारों में से एक रहे जिन्होंने संभवतः सर्वाधि‍क अखबारों और मैग्जीनों में काम किया। 

श्रद्धांजलि सभा में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा, नेशनल यूनियन जर्नलिस्ट के अध्यक्ष राकेश थपलियाल, लोकेश शर्मा, सुनील श्रीवास्तव, विशंभर शुक्ला, गणेश गुप्ता, मुकुंद, सीमा, किरण, अलका सक्सेना, हरी मोहन मिश्रा, अशोक सूद और विष्णुगुप्त ने विचार व्यक्त किए। सभा में दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार एएस नेगी, दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार विवेक त्यागी, टोटल टीवी के वरिष्ठ पत्रकार राजेश रतूड़ी भी मौजूद थे। सभा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक एसएस डोगरा ने किया और शांति पाठ ज्ञानेंद्र सिंह ने किया।

Friday 4 August 2023

वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिछारिया को भावभीनी श्रद्धांजलि आज


नई दिल्ली, 5 अगस्त। वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिछारिया को आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भावभीनी श्रद्धांजलि दी जाएगी। श्रद्धांजलि सभा का आयोजन शाम 3 बजे होगा। शिव शंभू दयाल रिछारिया उर्फ टिल्लन रिछारिया ने पिछले महीने 28 जुलाई को अंतिम सांस ली थी। उनके निधन से पत्रकार जगत में शोक व्याप्त है।

25 मार्च 1952 में जन्मे टिल्लन रिछारिया ने धर्मयुग, महान एशिया, ज्ञानयुग प्रभात, करंट, बोरीबंदर, हिंदी एक्सप्रेस, वीर अर्जुन, राष्ट्रीय सहारा, हरिभूमि, कुबेर टाइम्स आदि में काम किया था। मूलतः चित्रकूट निवासी टिल्लन रिछारिया हिन्दी पत्रकारिता में उन चुनिंदा पत्रकारों में से एक रहे जिन्होंने संभवतः सर्वाधि‍क अखबारों और मैग्जीनों में काम किया। उनकी किसी भी किस्म की रचनात्मकता में समय, समाज और सभ्यता का स्पष्ट वेग रहा है। टिल्लन रिछारिया हिन्दी पत्रकारिता में टिल्लन रिछारिया कांसेप्ट, प्लानिंग, लेआउट और प्रेजेंटेशन अवधारणा को शुरु करने वालों में से रहे हैं। 

Thursday 3 August 2023

मजीठियाः श्रम न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों के भरे जाएंगे पद


लखनऊ, 3 अगस्त। श्रम न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा। यह घोषणा श्रम मंत्राी अनिल राजभर ने आज पत्राकारों और गैर पत्राकारों के लिए गठित मजीठिया वेजबोर्ड के निर्णयों को लागू कराने के लिए गठित त्रिपक्षीय समीक्षा समिति की बैठक में की।

यह मामला बनारस से आए काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष और पत्रकारों के प्रतिनिधि योगेश गुप्त पप्पू और यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने उठाया। इन दोनों का कहना था कि स्टाफ की कमी के कारण पत्रकारों और गैर पत्रकारों के मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। राजभर ने आश्वस्त किया कि स्टाफ की कमी शीघ्र दूर की जाएगी। इस संबंध में वह मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे। उन्होंने बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू कराने और समिति की बैठक हर तीन माह में बुलाने का भी निर्देश दिया।

बनारस से आए पत्रकार नेता योगेश गुप्त पप्पू ने मंत्री का ध्यान अखबारों में कार्यरत पत्रकारों को वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट के अनुरूप पद नाम न देने की तरफ दिलाया। इसका परिणाम यह हुआ है कि वाराणसी के एक वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय रमेन्द्र सिंह की विधवा को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड पीडि़तों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा दी गई आर्थिक सहायता का लाभ नहीं मिल सका है। यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन द्वारा केस की पैरवी दो वर्षों से कर रही है।

सूचना निदेशक शिशिर ने घोषणा की कि सरकार ने मृतक की विधवा को दस लाख रूपये की आर्थिक सहायता देना स्वीकार कर लिया है। इसके लिए काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश गुप्त और सिद्दीकी ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

श्रम मंत्री ने कहा कि बैठक में अखबार मालिकों को ऐसे प्रतिनिधियों को भेजना चाहिए जो जवाब देने की स्थिति में हो। उन्होंने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को कदम उठाने के निर्देश दिए।

यू.पी. न्यूज पेपर इम्पलाइज यूनियन के महामंत्री उमाशंकर मिश्र ने सुझाव दिया कि पत्रकारों संबंधी डाटा उपलब्ध कराने में सूचना विभाग अहम भूमिका निभा सकता है। इस सुझाव को श्रम मंत्री ने स्वीकार कर लिया। सूचना निदेशक शिशिर ने निर्देशों का पालन करने और पत्राकारों के हित में विभाग के काम करने का आश्वासन दिया।

बैठक में प्रमुख सचिव श्रम के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। पत्रकारों के प्रतिनिधियों के रूप में हसीब सिद्दीकी, योगेश कुमार गुप्त, मुदित माथुर के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य चंद्र किशोर शर्मा ने भी भाग लिया।


Wednesday 2 August 2023

मजीठियाः कर्मचारी यूनियनों को भी शामिल करें त्रिपक्षीय समिति में




नोएडा। लखनऊ में आज सुबह 11 बजे मजीठिया पर त्रिपक्षीय समिति की आज बैठक होने वाली है। बैठक से पहले इंडियन एक्सप्रेस इम्पलाइज यूनियन ने एक पत्र लिखकर समिति से अनुरोध किया है कि जब सभी सेवायोजक समिति के सदस्य हो सकते हैं, तो उन संस्थानों से संबंधित कर्मचारियों की यूनियनें क्यों नहीं। यूनियन के अध्यक्ष एनके पाठक ने समिति से अनुरोध किया है कि उनकी यूनियन को भी समिति का हिस्सा बनाया जाए।

यूनियन ने समिति को लिखे अपने पत्र में कर्मचारियों द्वारा श्रम कार्यालय या अन्य जगहों पर दायर वादों में आ रही समस्याओं का जिक्र किया है। यूनियन ने अपने पत्र में कहा है कि किस तरह से प्रबंधन वादों की कार्यवाही के दौरान निरर्थक विवाद पैदा कर उनमें व्यवधान डाल रहा है। यूनियन ने साथ ही आरोप लगाया है कि कर्मचारियों की न्यायोचित मांगे भी श्रम कार्यालय द्वारा अनदेखी की जा रही है। 

Tuesday 1 August 2023

मीडियाकर्मियों के रिटायर होने की उम्र बढ़ी, सीएस नायडू के जब्बे को सलाम

नई दिल्ली, 2 जुलाई। साथियों, दिल्ली से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां पर इंडियन एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के मामले में एक बड़ी जीत हासिल की है। आईटीओ स्थित राउज एवेन्यू की लेबर ट्रिब्यूनल ने सेवानिवृत्ति की उम्र मामले में इंडियन एक्सप्रेस वर्कर्स यूनियन, दिल्ली के पक्ष में फैसला दिया है।

लेबर ट्रिब्यूनल के माननीय जज अजय गोयल ने 2009 में दायर इस याचिका में 31 जुलाई 2023 को फैसला देते हुए सेवानिवृत्ति की उम्र 58 की जगह 60 साल करने की यूनियन की मांग को जायज ठहराया।

लेबर ट्रिब्यूनल ने साथ ही साथ ही दो माह के भीतर 15.10.2009 से रिटायर कर्मचारियों को दो साल का वेतन 8 फीसदी ब्याज के साथ देने का भी आदेश दिया है। 

इस याचिका को इंडियन एक्सप्रेस वर्कर्स यूनियन, दिल्ली के तत्कालीन पदाधिकारी और वर्तमान में इंडिया न्यूजपेपर्स इम्पलाइज फेडरेशन सचिव सीएस नायडू ने दायर किया था। वे लगातार इस केस को लेकर सक्रिय रहे और आज उनके प्रयासों की वजह से इंडियन एक्सप्रेस के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति मामले में एक बड़ी जीत हासिल हुई है।