Thursday 20 August 2020

सुनवाई के दौरान गायब रहा राजस्थान पत्रिका प्रबंधन, लगी फटकार

अगली तारीख में हाजिर रहने का निर्देश

लॉकडाउन के दौरान मुंबई से अपने संपादकीय समेत कॉरपोरेट ऑफिस को अचानक बंद करके गायब हुए राजस्थान पत्रिका प्रबंधन को सुनवाई में उपस्थित न रहने पर महाराष्ट्र कामगार आयुक्त की ओर से बुधवार को फटकार लगाई गई और साथ ही अगली तारीख में बांद्रा स्थित कार्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए गए।

दरअसल कोरोनावायरस के दौरान लॉकडाउन के समय राजस्थान पत्रिका प्रा. लि. प्रबंधन मुम्बई से अचानक अपने सभी ऑफिस में ताला लगाकर फरार हो गया था, जिसे लेकर पिछले करीब 6 वर्षो से ‘राजस्थान पत्रिका’ के मुंबई ब्यूरो में कार्यरत विशेष प्रतिनिधि रोहित कुमार तिवारी ने न्याय पाने के लिए महाराष्ट्र कामगार आयुक्त के यहां शिकायत की थी। वहीं कामगार आयुक्त कार्यालय के असिस्टेंट कमिश्नर आनंद भोसले ने राजस्थान पत्रिका प्रबंधन की ओर से 19 अगस्त को तारीख पर किसी के हाजिर न होने पर प्रबंधन के सीनियर जनरल मैनेजर रघुनाथ सिंह को फोन किया। पत्रिका प्रबंधन की तरफ से कोरोनावायरस का हवाला दिया गया। इस पर असिस्टेंट कमिश्नर भोसले ने उन्हें फटकार लगाई और अगली तारीख 9 सितंबर को समस्त कागजात समेत हाजिर रहने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि वर्षों से राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड के मुंबई ब्यूरो कार्यालय में कार्यरत रोहित तिवारी को देश में फैली महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के दौरान प्रबंधन द्वारा अचानक न सिर्फ परेशान किया गया, बल्कि उन पर अपना फुल एंड फाइनल हिसाब करने का भी दबाव बनाया गया। सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र कामगार आयुक्त कार्यालय में असिस्टेंट कमिश्नर आनंद भोसले के समक्ष नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स महाराष्ट्र की अध्यक्ष शीतल करदेकर और पत्रकार रोहित तिवारी के अलावा कामगार कार्यालय की भिसे और भारती मैडम भी उपस्थित थीं।

इस पर असिस्टेंट लेबर कमिश्नर की ओर से पत्रकार रोहित तिवारी को मजीठिया वेज बोर्ड के तहत बकाया देने समेत उन्हें पूर्व की तरह पुनः काम पर रखने की नोटिस पर सुनवाई की गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई को तारीख 9 सितंबर निर्धारित की गई है। देखना दिलचस्प होगा कि हजारों पत्रकारों को बेरोजगार करने वाला राजस्थान पत्रिका प्रबंधन इस मामले में किस तरह के हथकंडे अपनाता है।


शशिकांत सिंह

पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी

9322411335

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