Wednesday 4 September 2019

अन्‍याय के खिलाफ आकाशवाणी महानिदेशालय और महिला आयोग के सामने करेंगे धरना-प्रदर्शन

विगत चार वर्षों से देशभर के आकाशवाणी केन्द्रों के कैजुअल अनाऊंसर/कॉम्पीयर्स/आरजे, सरकार के सामने अपने  नियमितीकरण की गुहार लगा रहे हैं लेकिन आकाशवाणी महानिदेशालय और सरकार इनकी सुनवाई नही कर रही। अतः दिन प्रतिदिन आकाशवाणी महानिदेशालय द्वारा इन पर शोषण बढ़ता जा रहा है। यही नहीं, आकाशवाणी के अधिकारी निरंकुश हो कर हमें जीने के अधिकार से भी वंचित करने पर आमादा हैं।

गौ़रतलब है कि आकाशवाणी उद्घोषक /कॉम्पीयर्स/आरजे संवर्ग वर्षों से सेवारत कैजुअल अनाऊंसर के नियमितिकरण के मामले में दोहरा मापदण्ड, पक्षपात तथा भेदभाव करने वाले आकाशवाणी महानिदेशालय /प्रसार भारती एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण सरकार को भी गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

ऑल इंडिया रेडियो कैजुअल अनाऊंसर एंड कॉम्पीयर्स यूनियन (रजिस्टर्ड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिकृष्ण शर्मा ने बताया कि गत सप्ताह यूनियन की बैठक दिल्ली में सम्पन हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि आकाशवाणी महानिदेशालय के शोषण के विरूद्ध और अपनी माँगों को लेकर देशभर के कैजुअल अनाऊंसर/कॉम्पीयर्स/आरजे  आगामी 13 सितम्बर को महिला आयोग और महानिदेशालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया कि महिलाओं के शोषण के विरोध में यूनियन ने महिला आयोग को गुहार लगाई, हालांकि महिला आयोग ने आकाशवाणी महानिदेशालय को तलब किया लेकिन महानिदेशालय ने अभी तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं की है और न ही पीड़ित महिलाओं की ड्यूटी शुरू की है और न ही किसी मुआवजे का एलान किया है, जिससे यूनियन की महिलाओं में भारी रोष है और ये सब महिलाएं 13 सितम्बर को प्रदर्शन के लिए महिला आयोग के समक्ष पहुँचेंगी।

यूनियन की महासचिव डॉ शबनम ख़ानम जो व्यक्तिगत रूप से प्रताड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में कार्यरत हैं ने बताया कि वो महिलाओं को न्याय दिलाने के लिये महिला आयोग के संपर्क में है पर अभी तक आयोग ने भी कोई विशेष राहत इन्हें प्रदान नहीं की है।

नियमितीकरण के विषय मे उन्होंने ने बताया कि दूरदर्शन में P-5 कॉन्ट्रेक्ट पर आकस्मिक प्रोडेक्शन असिस्टेन्ट और आकस्मिक जनरल असिस्टेन्ट के रूप में सेवा देने वाले कैजुअलकर्मियों को नियमितीकरण का लाभ दिया गया और दिया जा रहा है।

वहीं P-5 कॉन्ट्रेक्ट पर ही समान रूप से समान सेवाशर्तों पर अर्थात उद्घोषक संवर्ग के कैजुअलकर्मियों के नियमितीकरण के मामले में आकाशवाणी महानिदेशालय/प्रसार भारती और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,आरम्भ से ही दोहरा मापदंड,पक्षपात एवं भेदभाव कर रहा है।

कई संसदीय समितियों ने इसे बंधुआ मजदूरी प्रथा कायम रखने की और तथ्यों को छिपाने एवं तोड़मरोड़ कर पेश करने की बात कही है और कई न्यायपालिकाओं ने इसे पक्षपात एवं भेदभाव करार दिया है। देश के सभी कैजुअल कर्मी इस दोहरे मापदंड, पक्षपात, भेदभाव और दमन की  नीतियों की भर्त्सना एवं निन्दा करते हैं।

आकाशवाणी महानिदेशालय, परफारमेंस रिव्यू/री स्क्रीनिंग की आड़ में स्वर/लिखित/एवं साक्षात्कार परीक्षा का आयोजन कर वर्षों से कार्य कर रहे अनुभवी कैजुअल कर्मियों को आकाशवाणी से बाहर निकालने तथा हमारी जगह नये लोगों,अपने रिश्तेदारों के चयन, की गलत नीति तथा तथ्यों पर अण्डरटेकिंग जैसी शोषणकारी नीति अपना रहा है।

इसके विरोध में आल इंडिया रेडियो कैजुअल अनाऊंसर एंड काॅम्पीयर्स रजिस्ट्रर्ड यूनियन ने सितम्बर 2017 और जुलाई 2018 में महानिदेशालय का घेराव किया व सामूहिक रूप से पुलिस को अपनी गिरफ्तारियां दी। पुलिस के सहयोग से CEO व अन्य अधिकारियों से कई मुद्दों पर बातचीत हुई लेकिन खेद है कि उचित मांगों पर अधिकारियों ने कोई भी वांछित कार्यवाही नहीं की।

इसलिए यूनियन ने निर्णय लिया है कि 13 सितम्बर को यूनियन आकाशवाणी महानिदेशालय का घेराव करेगी जिसमें मुख्य मांगे रहेंगी कि वर्षों से सेवारत कर्मियों को नियमितिकरण का लाभ दिया जाए। विभिन्न कोर्ट या कैट में गए कर्मियों की ड्यूटियां समानता के आधार पर लगाई जाएं।

जिन अधिकारियों ने महिलाओं को प्रताड़ित किया है, उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। उन महिलाओं को न्याय दिलाया जाए एवं उनकी ड्यूटीज तुरंत शुरू की जाए एवम सभी कैजुअल्स की ड्यूटी संख्या निश्चित की जाए क्योंकि डयूटी कम/अधिक करने, लगाने और ड्यूटी काटने के निरंकुश अधिकार के कारण ही अधिकारियों द्वारा महिलाओं का शोषण किया जाता है।

शहडोल, धर्मशाला, बीड़, कुरुक्षेत्र, ओबरा और सागर के उन सभी कैजुअलकर्मियों की ड्यूटियाँ तुरन्त लगाई जाएं जिन्हें अनावश्यक कारणों से डयूटी से वंचित किया गया है।

स्टाफ की कमी के कारण करीब 40 प्रतिशत केंद्रों में ड्यूटी करने वाले कैजुअल साथी लॉगिंग का काम भी करते हैं। ऐसे केंद्रों पर बाकी केंद्रों की तरह प्रति सभा दो कैजुअल्स की ड्यूटी लगाई जाए।

फ्रेश ऑडिशन पर सदा के लिए रोक लगाई जाए और जब तक नियमितीकरण नहीं होता तब तक उत्तरोत्तर वृद्धि के साथ प्रति डयूटी की तीन हजार रुपये फीस दी जाए। इन सभी मांगों को लेकर 13 सितम्बर को देशभर के आकाशवाणी केन्द्रों के सैंकड़ों कैजुअलकर्मी धरना-प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचेंगे।


हरिकृष्ण शर्मा, अध्यक्ष
09418589066

नरेन्द्र कौशिक धरतीपकड़, प्रेस सचिव 
आल इंडिया रेडियो कैजुअल अनाऊंसर एंड कॉम्पीयर्स रजिस्टर्ड यूनियन नई दिल्ली
(AIRCACU)

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