Thursday 6 December 2018

सुप्रीम कोर्ट में भी एचटी मैनेजमेंट ध्वस्त, जीत के बाद मीडियाकर्मियों ने लगाया नारा- ‘शोभना भरतिया मुर्दाबाद’!



नई दिल्ली के हिंदुस्तान टाइम्स अखबार से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां हिन्दुस्तान टाइम्स से वर्ष 2004 में निकाले गए 272 कर्मचारियों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है।

आपको बता दें कि इन 272 कर्मचारियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने वापस काम पर रखने और उनकी सेवा 2004 से ही बरकरार रखने का आदेश दिया था। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट के आर्डर के खिलाफ कंपनी प्रबंधन सुप्रीम कोर्ट चला गया था। अब उसे यहां भी मुंह की खानी पड़ी है। इससे नौकरी से निकाले गए 272 कर्मचारियों का चौदह साल का बनवास खत्म हो गया है। इस खबर से निकाले गए कर्मचारियों में खुशी की लहर है। कई कर्मचारियों ने सूचना मिलते ही नारा लगाया- ‘शोभना भरतिया मुर्दाबाद’!

ज्ञात हो कि शोभना भरतिया हिंदुस्तान टाइम्स समूह की मालकिन हैं और अपने इंप्लाइज का खून पीने के लिए कुख्यात हैं। उनके सत्ताधारी नेताओं से हमेशा मधुर संबंध रहे हैं जिसका फायदा वह अपने कर्मचारियों का शोषण करने में उठाती हैं। यही कारण है कि वे नियम-कानून सबको धता बताकर अपने यहां से चौदह साल पहले साढ़े तीन सौ से ज्यादा मीडियाकर्मियों को एक झटके में बाहर निकाल दिया था।

बताते हैं कि हिन्दुस्तान टाइम्स प्रबंधन दिल्ली ने अपने यहां कार्यरत लगभग 470 से ज्यादा कर्मचारियों को 3 अक्टूबर 2004 को एक झटके में निकाल दिया था। इसके बाद देश भर के मीडिया हाउसों में हड़कंप मच गया। बाद में कुछ कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन से समझौता कर लिया। मगर 272 कर्मचारी लेबर कोर्ट की शरण में चले गए। जहां उनकी जीत हुई थी।

बाद में कंपनी दिल्ली हाईकोर्ट चली गई जहां आयताराम एंड अदर्स वर्सेज हिन्दुस्तान टाइम्स के मामले की लंबी लड़ाई के बाद अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा तथा अन्य की मेहनत रंग लाई। दिल्ली हाईकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश विनोद गोयल ने इस मामले की सुनवाई की और अपना फैसला 10 अगस्त को सुरक्षित रख लिया।

बीते रोज कर्मचारियों से खचाखच भरे अदालत कक्ष में हिन्दुस्तान टाइम्स के निकाले गए 272 कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आया और उनकी सेवा को वर्ष 2004 से कांटीन्यू मानते हुए एक माह में उन्हें वापस काम पर रखने का आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था। इसके बाद कंपनी सुप्रीम कोर्ट गई जहां प्रबंधन को मुंह की खानी पड़ी। सुप्रीमकोर्ट के इस आदेश से देश भर के पत्रकारों में खुशी की लहर है।

शशिकान्त सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
9322411335

2 comments:

  1. बहुत अच्छी खबर है और भी सारे पत्रकार भाइयों को एकजुट होकर प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा लेना चाहिए

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  2. Mere hindustan ke bhaiyon ko bhut bhut dhanyawad. Unki kadi mehant rang layi aur management ko muh ki khani padi. Aap sabhi hindustan ke bhaiyon ko salam jo aap logo ne hinmah dikhai. Aik MISAAL hai wo.

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