Tuesday 3 July 2018

अंबानी के चैनल का पत्रकार बना भू-माफिया!

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता से जुड़े तमाम लोग भले ही बहुत अच्छी स्थिति में न हों, मगर बात जब देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के न्यूज चैनल की हो तो उससे जुड़ा पत्रकार भी दादागिरी के हथकंडे अपना कर खुद को भू-माफिया बनाने में व्यस्त है !

जी हां, यह घटना उत्तर प्रदेश के जिले इलाहाबाद की तहसील सोरांव की है। यहां होलागढ़ थानांतर्गत आने वाले गांव न्यायीपुर के राधाकृष्ण त्रिपाठी, पुत्र- (स्व.) गंगा प्रसाद त्रिपाठी जहां स्वयं को 'न्यूज 18 इंडिया' चैनल का उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड प्रभारी बताते हैं, वहीं अंबानी के चैनल से संबंध रखने का दावा करते हुए उन्हें शासन-प्रशासन की दलाली करने में भी महारत हासिल है। सुना है कि राधाकृष्ण त्रिपाठी इन दिनों पैदल हैं... पूर्व में भी कुछ-एक मीडिया संस्थानों से भगाए जा चुके यह डपोरशंखी पत्रकार अब पत्रकारिता की आड़ में ग्राम समाज सहित अपने सीधे-सादे पड़ोसियों तक की जमीन व उनके मकान कब्जाने में लगे हैं।

सूत्रों की मानें तो अपने दो चचेरे भाइयों- श्यामकृष्ण त्रिपाठी व हरिकृष्ण त्रिपाठी, पुत्र- माता प्रसाद त्रिपाठी के सहारे राधाकृष्ण त्रिपाठी पहले तो ग्राम सभा की जमीन पर बने नए व पुराने मकानों को कब्जा कर लेते हैं, फिर सादे कागज पर अथवा दस रुपए के स्टांप पेपर पर लिखवा कर उसे ही लाख-पचास हजार रुपए में बेच देते हैं। आश्चर्य है कि इसके लिए सामने वाला मान गया तो ठीक, अन्यथा फर्जी मुकदमे में फंसा कर उसे आर्थिक और मानसिक रूप से अपाहिज करवाने का अभियान छेड़ देना भी इन्हें बखूबी आता है ! चर्चा है कि पत्रकारिता की धौंस दिखा कर राधाकृष्ण त्रिपाठी यदि स्थानीय प्रशासन का आसानी से सहयोग पा जाते हैं तो अपने मंसूबे से अब तक दर्जनों लोगों को लाचार करके गांव में इन्होंने अपना दबदबा भी कायम कर लिया है !!

आपको बता दें कि इन दबंग त्रिपाठी बंधुओं की दादागिरी के नए शिकार देवीदत्त त्रिपाठी बन सकते हैं, जो भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं। चूंकि देवीदत्त त्रिपाठी खुद तो परिवार के साथ बाहर रहते हैं और उनके दो भाई भी नौकरी के सिलसिले में गांव से दूर हैं, इसलिए पत्रकार से भू-माफिया बने राधाकृष्ण त्रिपाठी का प्रयास अब देवीदत्त त्रिपाठी का घर कब्जाने का है। अपनी इस कोशिश के तहत अभी 30 जून को देवीदत्त त्रिपाठी के मकान में जब दो राजमिस्त्री और चार मजदूर काम कर रहे थे, राधाकृष्ण त्रिपाठी ने प्रशासन या न्यायालय के आदेश के बिना दोपहर में वहां पहुंच कर न सिर्फ उन्हें काम करने से रोक दिया, अपितु खबर तो यहां तक आ रही है कि देवीदत्त त्रिपाठी के परिजनों ने शांति और समझदारी से काम नहीं लिया होता तो गाली-गलौच पर उतारू राधाकृष्ण त्रिपाठी एंड ब्रदर्स के साथ उनकी मारपीट भी हो सकती थी। इसके बावजूद गिरोहबाज टाइप का यह तथाकथित पत्रकार अब जबकि देवीदत्त त्रिपाठी का घर घेरने की नीयत से उनके मकान के ठीक सामने दीवार उठवाने लगा है, देश की सीमा पर तैनात यह सैनिक अब स्थानीय प्रशासन से मदद एवं न्याय की गुहार लगा रहा है।

देखिए, अंबानी द्वारा अपने सम्मानित चैनल को बदनाम करने वाले पत्रकार (अगर वह है तो) के ऊपर लगाम कब और कैसे लगाई जा सकती है !

-मुंबई से धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट

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