Tuesday 31 July 2018

मजीठिया: उप्र के श्रम मंत्री ने कहा- अदालत से नहीं, आपसी विचार-विमर्श करके शीघ्र लागू किया जाएगा वेजबोर्ड

लम्बित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण हेतु उप श्रमायुक्तों को निर्देश
जनपद स्तर पर शिकायतों के निस्तारण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सदस्यों के साथ प्रतिमाह बैठक का निर्देश 

लखनऊ। श्रमजीवी पत्रकारों एवं समाचार पत्रों के कर्मचारियों के वेतन/भत्ते आदि के निर्धारण के लिए मजीठिया वेजबोर्ड की संस्तुतियों को प्रदेश में लागू करने एवं इनके  विवादों के निराकरण हेतु शासन द्वारा गठित त्रिपक्षीय समिति की आज बापू भवन में संपन्न बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मजीठिया आयोग की संस्तुतियों को आपसी सहमति एवं बातचीत के जरिये व्यवहारिक परिवेश में लागू कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इसका निराकरण अदालतों से नहीं बल्कि आपसी विचार-विमर्श करके मध्यम मार्ग से  किया जाये। 
श्रम मंत्री ने प्रमुख सचिव श्रम को निर्देश दिये कि जिन प्रदेशों में आयोग की संस्तुतियां लागू की गयी हैं उनकी प्रगति रिपोर्ट मंगाकर इसका अध्ययन किया जाये और अगली बैठक में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये, ताकि प्रदेश में भी इसे शीघ्र लागू किया जा सके। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रेस कर्मचारियों के वेतन भुगतान बैंक के माध्यम से हो रहा है कि हाथों-हाथ किया जा रहा है, इसकी भी रिपोर्ट प्रेस मालिकों से मंगा ली जाये। साथ ही सभी प्रेस मालिकों को आयोग की संस्तुतियों की छायाप्रति उपलब्ध करा दी जाये। ताकि वे इसकी सेवा शर्तो की जानकारी न होने का बहाना न बना सके। प्रेस मालिकों और पत्रकारों/कर्मचारियों के बीच विवाद को समाप्त कर वेजबोर्ड की सिफारिशो को शीघ्र लागू करने के लिए बैठक में समिति के अतिरिक्त अन्य प्रेस प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाये। उन्होंने उप श्रमायुक्तों को निर्देश दिये कि अपने यहां पत्रकारों के लम्बित सभी मुकदमों का शीघ्र निस्तारण कराये और मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार पत्रकारों को मजदूरी दिलाये।

बैठक में प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा ने निर्देश दिये कि सभी अधिकारी जनपद स्तर पर ही शिकायतों का निस्तारण करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सदस्यों के साथ प्रतिमाह बैठक करेंगे। पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण के लिए जिला स्तर पर प्रभावी माॅनीटरिंग की जाये। प्रेस एजेन्सियों की बैलेन्स शीट लेकर राजस्व के आधार पर श्रेणी का निर्धारण करते हुए पत्रकारों को न्यूनतम पारिश्रमिक दिलाने का भी प्रयास किया जाये। 

बैठक में पत्रकार सदस्य मुदित माथुर, हसीब सिद्दीकी, लोकेश त्रिपाठी, जेपी त्यागी ने मजीठिया आयोग की संस्तुतियों, पत्रकारों की समस्याओं एवं श्रम विभाग के अपेक्षित सहयोग के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि सुबह से लेकर देर रात तक कार्य करने वाले पत्रकारों के काम का समय और वेतन का भी निर्धारण होना चाहिए। मजीठिया वेजबोर्ड की संस्तुतियों को अन्य राज्यों की तरह यहां भी लागू करने के लिए विचार किया जाये। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर भी मानिटरिंग होनी चाहिए। जनपद स्तरीय अखबार भी आय के आधार पर पत्रकारों को वेतन दें, इसके भी प्रयास किये जाये।   

बैठक में उपस्थित उप श्रम आयुक्तों ने अपनी-अपनी प्रगति को बैठक में रखा और कहा कि अनुपालन में आ रही बाधाओं को दूर कर न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक चुस्त दुरूस्त बनाया जायेगा ताकि पत्रकारों को त्वरित न्याय सुलभ हो सके।

बैठक में श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी), श्रम आयुक्त अनिल कुमार, निदेशक सूचना डा उज्ज्वल कुमार, विशेष सचिव आरपी सिंह, मण्डलों से आये उप श्रम आयुक्त, सहायक श्रम आयुक्त आदि उपस्थित थे।


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