Thursday 14 December 2017

एक चपरासी ने चटाई लोकमत को धूल

हाईकोर्ट ने दिया 12 लाख रुपये देने का निर्देश 

महाराष्‍ट्र के प्रमुख मराठी दैनिक लोकमत से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां एक चपरासी पद पर कार्यरत कर्मचारी को नौकरी से निकालना प्रबंधन को भारी पड़ गया। इस चपरासी ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और लोकमत प्रबंधन को धूल चटा दी। मुंबई हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर लोकमत प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वह इस कर्मचारी को बारह लाख रुपये का भुगतान करे।
बताते हैं कि मराठी दैनिक लोकमत में प्यून पद पर कार्यरत उत्तम पुत्र लक्ष्मणराव लोधी को लोकमत प्रबंधन ने वर्ष 1992 में सिर्फ इसलिये नौकरी से निकाल दिया था कि यह कर्मचारी कंपनी के गेट पर घर जाते समय चेकिंग कराना भूल गया या झटके से निकल गया। इस कर्मचारी को नौकरी से निकाले जाने के बाद उसने भी ठान ली कि कंपनी प्रबंधन को धूल चटानी है। उसने जाने माने एडवोकेट एस. डी. ठाकुर से मदद मांगी और उनके जरिये लोकमत प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा कर दिया। मुकदमा लेबरकोर्ट, इंडस्ट्रीयल कोर्ट तक चला। इस दौरान 6 जून 2008 को उत्तम रिटायर हो गया। वह नौकरी छुटने के बाद गांव गया। भेड़ चराई लेकिन स्वाभिमान से समझौता नहीं किया।

मामला मुंबई उच्च न्यायालय तक पहुंचा। जहां न्यायालय ने दोनों पक्ष में एस डी ठाकुर की मौजूदगी की सहमति से समझौता वार्ता कराई और लोकमत प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह इस कर्मचारी को 24 अगस्त 1992 से 6 जून 2008 तक का वेतन और अन्य राशि मिलाकर लमसम कुल 12 लाख रुपये का भुगतान करे। यह भुगतान लोकमत प्रबंधन को 30 जनवरी 2018 से पहले करना होगा। अगर लोकमत प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया और पैसा देने में फेल हुआ तो उसे इस कर्मचारी को 1 मार्च 2009 से जब तक उसका बकाया नहीं देता है तब तक का 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष के हिसाब से ब्याज का भुगतान भी करना होगा।

यह आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने रिट पिटिशन नंबर ९७९/२०१६ की सुनवाई करते हुये दिया है। यह रिट पिटिशन लोकमत मीडिया प्राईवेट लिमिटेड की ओर से दायर की गयी थी जिसमें उत्तम पुत्र लक्ष्मण राव लोही निवासी काटोल, पेठ बुधवार, धंगरपुर, नागपुर के अलावा इंडस्ट्रीयल कोर्ट नागपुर और लेबरकोर्ट नागपुर को भी लोकमत ने पार्टी बनाया था। उत्तम के खाते में यह पैसा सीधे लोकमत प्रबंधन को जमा करना होगा या फिर डिमांड ड्राफ्ट के जरिये यह पैसा उसको देना होगा। इसके साथ ही मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने यह भी आर्डर दिया है कि कर्मचारी के एडवोकेट एस डी ठाकुर पालेकर अवार्ड, बछावत अवार्ड और मणिसाना अवार्ड के लिये अलग से क्लेम लगायें। इस कर्मचारी के एडवोकेट एम डी ठाकुर ने मुंबई उच्च न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होने कहा है कि यह आर्डर उचित है। अब हम पालेकर अवार्ड, बछावत अवार्ड और मणिसाना अवार्ड की लड़ाई में भी इस कर्मचारी के साथ हैं। आपको बतादें कि एस डी ठाकुर ने ही लोकमत के कर्मचारी महेश साकुरे  का मुकदमा लड़ा था और उन्हे जीत दिलायी थी।

शशिकांत सिंह  
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट  
९३२२४११३३५

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