Friday 21 July 2017

मजीठिया: सिफारिशों को लागू करना ही होगा अखबार मालिकों को

त्रिपक्षीय समिति की बैठक में महाराष्ट   कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे ने साफ कहा कि बचने का कोई रास्ता नहीं

मुंबई, 21 जुलाई। जस्टिस  मजीठिया वेज बोर्ड  की सिफारिश महाराष्ट्र में कराने के लिये बनायी गयी त्रिपक्षीय समिति की बैठक में  शुक्रवार २१ जुलाई को महाराष्टÑ के कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे ने अखबार मालिकों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि १९ जून २०१७ को माननीय सुप्रीमकोर्ट के आये फैसले के बाद अखबार मालिकोें को बचने का कोई रास्ता नहीं बचा है। अखबार मालिकों को हर हाल में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड  की सिफारिश लागू करनी ही पड़ेगी। श्री केरुरे ने कहा कि माननीय सुप्रीमकोर्ट ने जो आदेश जारी किया है उसको लागू कराना हमारी जिम्मेदारी है और अखबार मालिकों को इसको लागू करना ही पड़ेगा। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुये कामगार आयुक्त ने कहा कि अवमानना क्रमांक ४११/२०१४ की सुनवाई के बाद माननीय सुप्रीमकोर्ट ने १९ जून २०१७ को आदेश जारी किया है उसमें चार मुख्य मुद्दे सामने आये हैं जिसमं वर्किंग जर्नलिस्ट की उपधारा २०(जे) , ठेका कर्मचारी, वेरियेबल पे हैवी  कैश लॉश की संकल्पना  मुख्य थी।
कामगार आयुक्त ने कहा कि  अखबार मालिक २० (जे) की आड़ में बचते रहे हैं जबकि १९ जून २०१७ के आदेश में सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी श्रमिक पत्रकार और पत्रकारेत्तर कर्मचारी आयोग की तरह वेतन पाने के पात्र हैं। सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस आयोग का अधिक लाभ यदि एकाद कर्मचारी को मिल रहा हो तो भी अधिक से अधिक कर्मचारी इसके लाभ के पात्र हैं।

ठेका कर्मचारी के मुद्दे पर उन्होने कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उक्त अधिनियम की धारा २(सी), २ (एफ) और २(डीडी ) में दिये गये वर्किंग जर्नलिस्ट एंड नान जर्नलिस्ट न्यूज पेपर इम्पलाईज की व्याख्या के अनुसार तथा मजीठिया वेतन आयोग की शिफारिश के अनुसार स्थायी और ठेका कामगार में फर्क नहीं है।  सुप्रीमकोर्ट का मानना है कि सभी ठेका कर्मचारी  को मजीठिया वेतन आयोग की शिफारिश के अनुसार वेतन देने की सीमा में शामिल नहीं किया गया है।  वेरियेबल पेय के मुद्दे पर उन्होने कहा कि माननीय सुप्रीमकोर्ट ने इस मुद्दे पर स्पष्ट किया है कि केन्द्र शासन ने केन्द्र शासन के कर्मचारियोें के लिये ६ वें वेतन आयोेग की तर्ज पर मजीठिया वेतन आयोग ने देश के श्रमिक पत्रकार और पत्रकारेत्तर कर्मचारियों के लिये वेरियेबल पे की संकल्पना की है।
भारी वित्तीय घाटे के मुद्दे पर श्री केरुरे ने माननीय सुप्रीमकोर्ट द्वारा लिये गये निर्णय को त्रिपक्षीय समिति को बताया। इस दौैरान नेशनल यूनियन आप जर्नलिस्ट (एनयूजे) महाराष्टÑ की महासचिव शीतल करंदेकर ने अध्यक्ष यशवंत केरुरे का ध्यान दिलाया कि अखबार मालिक फर्जी एफीडेविट दे रहे हैं। साथ ही लोकमत और सकाल अखबारों में अखबार मालिक मजीठिया वेज बोर्ड  मांगने वालों की छटनी कर रहे हैं इसपर यशवंत केरुरे ने तीखी नाराजगी जतायी और कहा कि अखबार मालिक ऐसा नहीं कर सकते । मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन हर मीडियाकर्मी का अधिकार है और ये अधिकार उन्हे सुप्रीमकोर्ट ने दिया है। उन्होने कहा कि कई अखबार मालिकों की ऐसी शिकायतें आरही है कि वे मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन मांगने वाले कर्मचारियों को शोषण किया जारहा है। इसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा। इस बैठक मेंं कामगार आयुक्त ने कहा कि किसी भी मीडियाकर्मी को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन मागने पर अगर तबादला या परेशान किया गया वे इस मामले को निजी तौर पर भी गंभीरता से लेंगे। शीतल करंदेकर ने इस दौरान एक अन्य मुद भी उठाया जिसमें अखबार मालिकों द्वारा जानबूझ कर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू ना करना शामिल है।  कामगार आयुक्त ने इस दौरान मालिकों के प्रतिनिधियों की बातों को भी समझा और आदेश दिया कि वे प्रेस रीलिज जारी करने जारहे हैं ताकि हर अखबार मालिक मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू करें। इस बैठक में बृहन्मुंबई जर्नलिस्ट यूनियन (बीयूजे) के एम जे पांडे, इंदर जैन आदि के अलावा वरिष्ठ लेबर अधिकारी श्री बुआ और सहायक कामगार आयुक्त शिरिन लोखंडे आदि भी मौजूद थीं। कामगार आयुक्त ने इस दौरान यह भी कहा कि अखबार मालिक अपनी अलग अलग यूनिट दिखा रहे हैं और बचने का रास्ता खोज रहे हैं तथा २ डी एक्ट का उलंघन कर रहे हैं। यह नहीं चलेगा। सुप्रीमकोर्ट ने इसपर भी व्याख्या कर दी है।   बीयूजे के एम जे पांडे ने कहा कि आज अखबार मालिक क्लासिफिकेशन के नाम पर बचते आरहे हैं और उनकी आयकर विभाग से  बैलेंससीट मंगाने की जरुरत है इस पर उन्होने कहा कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इंदर जैन ने भी मीडियाकर्मियों का पक्ष रखा।

शशिकांत सिंह
नेशनल यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट (एनयूजे) महाराष्ट् के मजीठिया सेल समन्वयक और आरटीआई एक्सपर्ट
९३२२४११३३५

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