Friday 7 July 2017

मजीठिया: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र में कटी देश की पहली आरसी

डी बी कॉर्प लि. के माहिम और बीकेसी कार्यालय को नीलाम कर कर्मचारियों को देना होगा पैसा



जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के 19 जून को आए फैसले के बाद एक बड़ी खबर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में पहला रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) महाराष्ट्र में जारी कर दिया गया। अपने आप को देश का नंबर वन अखबार बताने वाले ह्यदैनिक भास्करह्ण की प्रबंधन कंपनी ह्लडी बी कॉर्प लि.ह्व के खिलाफ महाराष्ट्र में पहला रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) यहां के लेबर विभाग ने जारी किया है। इस रिकवरी सर्टिफिकेट में मुंबई के जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि ह्लडी बी कॉर्पह्व की संपत्ति को नीलाम कर वह बकायेदारों का बकाया दिलाएं। यह रिकवरी सर्टिफिकेट ह्यदैनिक भास्करह्ण के मुंबई ब्यूरो में कार्यरत प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट (एंटरटेनमेंट) धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, इसी अखबार की रिसेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया इम्तियाज शेख के मामले में जारी किया गया है, जिसे मुंबई शहर की सहायक कामगार आयुक्त नीलांबरी भोसले ने 1 जुलाई, 2017 को जारी किया है।

आपको बता दें कि धर्मेन्द्र प्रताप सिंह सहित लतिका चव्हाण और आलिया शेख ने ह्यदैनिक भास्करह्ण की प्रबंधन कंपनी ह्लडी बी कॉर्प लि.ह्व से जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार, अपने बकाए की मांग करते हुए स्थानीय श्रम विभाग में वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा 17 (1) के तहत क्लेम किया था। महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त कार्यालय की सहायक कामगार आयुक्त नीलांबरी भोसले ने इस मामले में लंबी सुनवाई की और दोनों पक्षों को गंभीरता से सुनने के बाद पाया कि धर्मेन्द्र प्रताप सिंह और लतिका चव्हाण तथा आलिया शेख द्वारा मांग किया गया बकाए का दावा सही है। इसके बाद सुश्री भोसले ने पहले आॅर्डर (नोटिस) जारी किया कि ह्लडी बी कॉर्पह्व इन कर्मचारियों का बकाया पैसा फौरन अदा करे, मगर 20-25 दिन गुजर जाने के बाद भी जब उक्त प्रबंधन के कानों पर जूं नहीं रेंगी तो उन्होंने जुलाई महीने की पहली तारीख को ह्लडी बी कॉर्पह्व के विरुद्ध बकाए की वसूली के लिए रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।

इस रिकवरी सर्टिफिकेट में धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की बकाया राशि 18 लाख 70 हजार 68 रुपए, जबकि लतिका आत्माराम चव्हाण का 14 लाख 25 हजार 988 रुपए और आलिया शेख का 7 लाख 60 हजार 922 रुपए बकाया की आरसी जारी की गई है। इस आरसी के मुताबिक, इसमें 30% (अंतरिम राहत) की राशि को जोड़ना शेष है, किंतु संपूर्ण धनराशि पर 18% की दर से मांगी गई ब्याज की रकम का जिक्र नहीं है! वैसे इन तीनों रिकवरी सर्टिफिकेट से एक नया रिकॉर्ड तो बन ही गया हैङ्घ दरअसल, जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए 19 जून, 2017 के फैसले के बाद देश की यह पहली आरसी है। महाराष्ट्र में तो यह अभी तक की पहली आरसी है ! जी हां, इसके पहले मजीठिया वेज बोर्ड मामले में महाराष्ट्र राज्य में किसी भी अखबार प्रबंधन के खिलाफ आरसी जारी नहीं की गई थी। इसलिए यहां बताना उचित होगा कि धर्मेन्द्र प्रताप सिंह और लतिका चव्हाण तथा आलिया शेख का बकाया पैसा दिलाने के लिये आरसी में ह्लडी बी कॉर्पह्व की उन अचल संपत्तियों का विवरण भी दिया गया है, जरूरत पड़े तो जिसको नीलाम कर तीनों मांगकतार्ओं को यह पैसा दिया जाना है। इसमें मुंबई स्थित माहिम कार्यालय के अतिरिक्त ह्लडी बी कॉर्पह्व का बीकेसी (बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स) स्थित नमन चैंबर्स वाला कार्यालय भी शामिल है।

बहरहाल, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह के अलावा लतिका चव्हाण और आलिया शेख ने यह क्लेम सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता और मजीठिया वेज बोर्ड मामले में देश भर के मीडियाकर्मियों के पक्ष में लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट उमेश शर्मा के दिशा-निर्देश पर किया था। सो, माननीय सुप्रीम कोर्ट का आॅर्डर आने के बाद कटी इस पहली आरसी से उन अखबार मालिकों का अहंकार जरूर टूटेगा, जो अब तक यही सोच रहे थे कि मीडियाकर्मी मुकदमा हार गये हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि अखबार मालिकों को मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करनी ही पड़ेंगी।



शशिकांत सिंह

पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट

9322411335

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