Saturday 9 January 2021

सन्मार्ग अखबार के मीडियाकर्मियों को 97 लाख रुपये पीएफ का बकाया मिलेगा


पीएफ कमिश्नर ने दिया 15 दिनों में भुगतान का आदेश

जिन मीडिया हॉउस के मालिकों को ये गुमान हो गया है कि वे कानून से बड़े हैं उन्हें धरातल पर आने के लिए सन्मार्ग अखबार प्रबंधन के खिलाफ केंद्रीय भविष्य निधि कार्यालय आयुक्त (पीएफ कमिश्नर) की तरफ से आया ये फैसला पढ़ना चाहिए।


कर्मचारियों का पीएफ न काटे जाने पर केंद्रीय भविष्य निधि कार्यालय ने सन्मार्ग झारखंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन के खिलाफ एक आदेश जारी कर 15 दिनों के अंदर कर्मचारियों का बकाया 97 लाख 54 हजार रुपये जमा करने का आदेश जारी किया है।


ये राशि सन्मार्ग के 21 कर्मचारियों का बकाया है।


बताते हैं कि सन्मार्ग के एक कर्मचारी नवल किशोर सिंह ने रांची से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार के प्रबंधन के विरुद्ध भविष्य निधि कार्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय रांची में भविष्य निधि नहीं काटे जाने संबंधी शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगाई थी।


इससे पूर्व प्रबंधन ने नवल किशोर सिंह का स्थानांतरण सन्मार्ग के पटना कार्यालय में कर दिया था। उन्होंने काफी अनुरोध किया कि मेरा स्थानांतरण आदेश निरस्त कर मुझे रांची में ही रहने दिया जाए। लेकिन प्रबंधन अपने निर्णय पर अडिग रहा। अंतत: उन्होंने संस्थान से इस्तीफा दे दिया और अपने भविष्य निधि की मांग करते हुए भविष्य निधि कार्यालय में आवेदन दिया।


इस पर तीन साल के बाद 23 दिसंबर 2020 को क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने केस के संबंध में अंतिम निर्णय दिया।


कमिश्नर के आदेश के अनुसार सन्मार्ग प्रबंधन को 97.54 लाख रुपए कर्मियों के बकाया भविष्य निधि राशि के रूप में 15 दिन के अंदर जारी करना है। इसका लाभ संस्थान के 21 कर्मियों को मिलेगा।

आपको बता दें कि सन्मार्ग अखबार के बारे में पहले भी इस बात की चर्चा थी कि इस अखबार का प्रबंधन ज्यादातर कर्मचारियों को मजदूरों की तरह लाइन में लगवाकर उनका मासिक वेतन देता है। इस अखबार में कई कर्मचारियों का पीएफ कटौती भी नहीं होता था। इसकी शिकायत के बाद केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने सुनवाई की और 21 कर्मचारियों का 97.54 लाख रुपये देने का आदेश दिया।

यह आदेश क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सी एण्ड आर) श्री विकास आनंद ने देते हुए सन्मार्ग प्रबंधन को यह भी कहा है कि अगर 15 दिनों में भुगतान नहीं किया जाता है तो केंद्रीय भविष्य निधि एक्ट के तहत प्रबंधन के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

इस अखबार के कुछ कर्मचारियों ने मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपने बकाए का मुकदमा भी कर रखा है।

[source: bhadas4media.com]

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