Thursday 29 August 2019

मजीठिया: जानें क्‍यों जरूरी है प्रबंधन से दस्‍तावेजों की मांग

हममें से बहुतों के मामले इस समय लेबर कोर्ट पहुंच चुके हैं या वहां चल रहे हैं या कई में फैसले भी आ चुके हैं। उनको देख कर लगता है किहमारे द्वारा कई छोटी-छोटी चूकें हो रही हैं, जिसका खामियाजा कहीं ना कहीं भुगतना भी पड़ रहा है। इनमें से एक सबसे बड़ी चूक कंपनीरिकार्ड में मौजूद हमारे या हमारे मामले से जुड़े दस्‍तावेजों की मांग नहीं करना भी शामिल है। रिकवरी के कई मामलों में कर्मचारियों द्वारा कंपनी के टर्नओवर से संबंधित दस्‍तावेजों की मांग ही नहीं कीजा रहीहै। इस वजह से टर्नओवर को लेकर जहां हम यह बात साबित करने का भार अपने ऊपर लेकर चल रहे हैं, तो वहीं कंपनी प्रबंधन को इस बात का भरपूर फायदा हो रहा है। इससे जहांकर्मचारी या दावेदार कापक्ष कहीं न कहीं कमजोर पड़ रहा हैऔर प्रबंधन इस बड़े हथियार की जद में आने से साफ साफ बच रहा है।

इसमें ऐसे अखबारों के कर्मियों को ज्‍यादा दिक्‍कत आती है जो शेयर बाजार में लिस्‍ट नहीं हैं या जो पार्टनरशिप फार्म के कर्मचारी हैं। कुछ कंपनियां तो ऐसी भी हैं जिनकी बैलेंसशीट एमसीए या रजीस्‍ट्रार आफ कंपनिज के पास भी जमा नहीं करवाई गई है। ऐसे में आईडी एक्‍ट की धारा 11(3) और सीपीसी के प्रावधानों के तहत मामले से जुड़ें दस्‍तावेजों की मांग करना आधा केस जीतने के सामान समझा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर कंपनी की जिस बैलेंसशीट को प्रूव करने का भार हम पर हैं, वे दस्‍तावेज मांगने की अर्जी लगाने पर कंपनी की ओर शिफ्ट हो जाएगा। इसी तरह सेलरी स्‍लीप, हाजिरी रजिस्‍टर और इसी तरह मामले से जुड़े वे दस्‍तावेज प्रबंधन से मांगे जा सकते हैं जो कपंनी के रिकार्ड में होते हैं। अगर कंपनी इन्‍हें देने से मुकरती है तो इसका फायदा सीधे तौर पर दावेदार को मिलता है। जिसे कानूनी भाषा में एडवर्स इन्‍फेयरेंस कहा जाता है। 

ये दस्‍तावेज मांगे जाने जरूरी हैं- 
कंपनी के टर्नओवर से जुड़े दस्‍तावेज, क्‍लासीफिकेशन के मामले में कंपनी की आयकर रिटर्न, अगर कंपनी दावा कर रही कि उसकी अलग-अलग यूनिटें हैं तो कंपनी से उसकी इंडिपेंटेंड यूनिट के पंजीकरण, रजीस्‍ट्रार आफ कंपनिज को भेजी गईं बैलेंसशीट और प्राफेट/लॉस अकाउंट की प्रतियां, आरएनआई के नियमानुसार अलग-अलग प्रकाशन केंद्रों के स्‍वामित्‍व की घोषणा का प्रपत्र-4 के तहत अखबार में प्रकाशित सूचना की प्रतियां, सत्‍यापित स्‍टैडिंग आर्डर की प्रतियां, ज्‍वाइंनिग लैटरप्रोबोशन लैटरपरमानेंट लैटरप्रमोशन लैटरसैलरी स्लिपड्यूटी चार्टड्यूटी टाइंमिंग,कर्मचारियों की सूची इत्‍यादि।



अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-

रविंद्र अग्रवाल
अध्‍यक्ष, न्‍यूजपेपर इम्‍प्‍लाइज यूनियन ऑफ इंडिया
संपर्क: 9816103265

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