Wednesday 27 September 2017

मजीठिया: बीमार जागरणकर्मी के जम्मू तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 13 को सुनवाई!

पंकज कुमार वर्सेज यूनियन आॅफ इंडिया रिट याचिका की सुनवाई जस्टिस रंजन गोगई व जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच करेगी


गया से जम्मू तबादला किये गए दैनिक जागरण के पत्रकार पंकज कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को तेनटअतीव  तिथि निर्धारित की है।

जस्टिस रंजन गोगई व जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच सुनवाई करेगी। बिहार के पूर्व कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नागेन्द्र राय सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता पंकज कुमार की ओर से अदालत में पक्ष रखेंगे।

क्या है मामला

पंकज कुमार दैनिक जागरण के गया कार्यालय में बतौर सब एडिटर कम रिपोर्टर के पद पर कार्यरत है। पिछले साल सितम्बर में पंकज कुमार को पेसमेकर लगाया गया। पूर्व में २००४ में भी पेसमेकर लगा था। पिछले साल अक्टूबर में prostrantgrand का आपरेशन हुआ. बीमार व आर्थिक परेशानी से जुझ रहे पंकज ने मजीठिया वेज बोर्ड की मांग की. जिसके बाद ९२ earnleave रहने के बावजूद २१ दिन की वेतन कटौती मैनेजमेंट के द्वारा कर दी गयी. मैनेजमेंट ने दबाव बनाने के लिए prostratgrand आपरेशन से बीमार व अस्वस्थ पत्रकार पंकज को कार्यालय आकर बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने को बाध्य किया. कार्यालय आने के लिए पंकज कुमार daihfher और लुंगी पहनकर असहनीय दर्द के बीच जाते रहे. कई बार el रहते २१ दिन की वेतन कटौती को सामंजस्य करने की पंकज की गुहार को कंपनी ने कोई तवज्जो नहीं दी। मजीठिया का भूत उतारने के लिए १ मार्च से पटना ट्रान्सफर का मौखिक आदेश दिया गया।

पंकज कुमार ने २५ मार्च को श्रम आयुक्त के यहाँ मजीठिया की मांग करते हुए आवेदन दिया। कंपनी ने backdate में २० मार्च की तिथि में जम्मू ट्रान्सफर कर दिया। १ मार्च को प्रेषित कंपनी का ट्रान्सफर आर्डर पंकज को ३ अप्रैल को मिला।

कंपनी की तानाशाही के खिलाफ पंकज कुमार सुप्रीम कोर्ट की शरण में न्याय की गुहार लगाने पहुचे, दो याचिका दाखिल की। 330/2017 rit की सुनवाई १३ अक्टूबर को संभावित है।

इस बीच पंकज कुमार के ट्रान्सफर आर्डर के खिलाफ मगध प्रमंडल के सहायक उप श्रमआयुक्त विजय कुमार का ३० अगस्त का आदेश दैनिक जागरण के मुह पर तमाचा है। उप श्रम आयुक्त विजय कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि बीमार व अस्वस्थ पत्रकार पंकज कुमार को गया से जम्मू तबादला मजीठिया की मांग करने के कारण किया गया। आदेश में साफ़ है कि प्रबंधन को ट्रान्सफर करने का अधिकार है, लेकिन अधिकार को कर्मचारी की जायज मांग मागने के कारण उपयोग करना श्रम कानून के हित में नहीं है। उप श्रम आयुक्त विजय कुमार ने अपने आर्डर में साफ़ लिखा है कि पंकज कुमार का ट्रान्सफर आर्डर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। साथ ही कंपनी के खिलाफ़ यह आरोप कि पुष्टि हो गयी कि पंकज कुमार को मजीठिया वेज की अनुशंसा का कोई लाभ देने का एक भी प्रमाण सुनवाई के दौरान देने में कंपनी सफल नहीं हो सकी।

पंकज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में कंपनी को ३२ लाख ९० हजार का डिमांड नोटिस अगस्त में भेजा। कंपनी की ओर से डिमांड नोटिस का कोई जबाव नहीं आया। जिसके बाद पंकज ने श्रम सचिव को गया के कलेक्टर को रिकवरी सर्टिफिकेट दैनिक जागरण के खिलाफ जारी करने के लिए अनुरोध किया है।

पंकज कुमार की शिकायत पर जागरण कार्यालय पहुचे जिला श्रम अधीक्षक जुबेर अहमद को मैनेजमेंट ने परिसर के अन्दर घुसने नहीं दिया। जागरण पर सर्विस बुक नहीं देने, इपीएफ, स्वास्थ बीमा का लाभ न देने, गया यूनिट का मजीठिया वेज के अनुसार सम्बंदन न होना सहित कई आरोप है। बिहार के श्रम आयुक्त गोपाल मीणा पिछले दो महीने से उप श्रम आयुक्त को आरोप की जाँच कर रिपोर्ट समर्पित करने को कह रहे है। लेकिन श्रम आयुक्त मीणा के आर्डर का अनुपालन उप श्रम आयुक्त डॉ. अपर्णा के स्तर से अब तक नहीं किया गया है।

 
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
९३२२४११३३५


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