Wednesday 22 July 2020

दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टरों में तलवारें खिंची, दोनों कप्तान के दर पर पहुंचे



जनता को ईमानदारी और अनुशासन की सीख देने वाले पत्रकार अब खुद ही अराजकता की हदें पार कर रहे हैं। इसी तरह की खबर मेरठ से आ रही है। हुआ यूं कि मेरठ में एक फ़ैक्टरी मालिक ने अपने नौकर पर चोरी करने का आरोप लगा दिया और उसका उत्पीड़न करते हुए बंधक बना लिया।

बंधक बनाए जाने की सूचना पर पुलिस मौक़े पर पहुंच गई। मीडिया में भी ये ख़बर फैली। बताया जाता है कि दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर सुशील कुमार भी फ़ैक्टरी पहुंच गए।

सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों के मुताबिक़ सुशील फ़ैक्टरी मालिक की हिमायत में लग गए और पुलिसकर्मियों से उलझ गए। इसी दौरान वहां दैनिक हिंदुस्तान के फ़ोटोग्राफ़र विक्रांत आ गए। वो इस पूरे वाक़ये को कैमरे में कैद करने लगे तो सुशील ने विक्रांत को कवरेज करने से रोका। दोनों के बीच जमकर कहासुनी हुई। वहाँ मौजूद लोगों ने बात रफ़ा दफ़ा करा दी।

बताया जाता है कि वहां सुशील ने विक्रांत को देख लेने की धमकी दी। ये वाकया सोशल मीडिया पर सचित्र वायरल हुआ। इसके बाद सुशील कुमार एसएसपी के यहां गए और विक्रांत के ख़िलाफ़ बदनाम करने की तहरीर दी। एसएसपी पर कार्यवाही का दबाव बनाया गया।

इसके बाद मेरठ के मीडिया जगत में हलचल मच गई। हिंदुस्तान प्रबंधन भी हक्का बक्का रह गया। वो भी हरकत में आ गए और पलटवार करते हुए एसएसपी के यहां उन्होंने भी तहरीर दे दी। उन्होंने कवरेज से रोकने व धमकी देने का आरोप लगाया है। दो अखबार वालों के इस प्रकरण में एसएसपी भी धर्म संकट में आ गए हैं। उन्होंने दोनों तहरीर पर जांच बैठा दी है। मेरठ के प्रबुद्ध वर्ग में मीडिया वालों की आपसी लड़ाई की खूब चर्चा है।


ग़ौरतलब है कि सुशील दो साल पहले भी एक महिला से सम्बन्धों को लेकर विवादित हो गए थे। वो मामला भी थाने तक पहुंचा था। बाद में जागरण प्रबंधन ने उनका तबादला मुरादाबाद कर दिया था। सुशील फिर से दैनिक जागरण मेरठ लौट आए और अब एक नए किस्म के विवाद के केंद्र बन गए हैं।

[साभार: bhadas4media.com]


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