Sunday 28 July 2019

सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों के लिए न्‍याय की मांग को लेकर धरने पर बैठे पत्रकार


देश विदेश में चर्चित सोनभद्र नरसंहार के विरोध में सबसे पहले इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट के साथी सामने आए और जिला कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गए, सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने धरने स्थल पर पहुंच कर उन्हें समर्थन दिया।

उल्लेखनीय है कि 17 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में भूमिविवाद के चलते 10 आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया गया, इस झगड़े में 25 से ज्यादा आदिवासी घायल भी हुए, 18 जुलाई को संगठन के पुराने व वरिष्ठ साथी विजय शंकर चतुर्वेदी की अध्यक्षता में एक आपात बैठक हुई जिसमें आदिवासियों को न्याय दिलाने व सभी संबंधित दोषियों को सजा दिलाने के लिए संगठन को आगे आने पर विचार किया गया, यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के सोनभद्र इकाई के जिलाध्यक्ष विजय विनीत कलेक्ट्रेट परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए, उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में पीड़ित पक्ष को मुआवजा, दोषी व्यक्तियों की तत्काल गिरफ्तारी, जिन अधिकारियों की लापरवाही से इतनी बड़ी घटना हुई उनका निलंबन और आदिवासियों के परिजनों को भूमि दिए जाने की मांग की।



भाजपा विधायक भूपेश चौबे व अनिल कुमार मौर्या, सपा के पूर्व विधायक रमेशचंद्र दुबे व अविनाश कुशवाहा, कांग्रेस के पूर्व विधायक ललितेश त्रिपाठी सहित सैकड़ों संगठनों से जुड़े लोगों ने धरना स्थल पर पहुंच कर संगठन को अपना नैतिक समर्थन दिया। वहीँ लखनऊ में संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी हेमंत तिवारी, भास्कर दुबे व सिद्धार्थ कलहंस ने विभिन्न चैनलों की डिबेट में न सिर्फ इस घटना पर प्रकाश डाला बल्कि IFWJ सदस्यों की भूख हड़ताल पर भी जमकर चर्चा की।

जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद ही भूख हड़ताल को समाप्त किया गया, संगठन के वरिष्ठ सदस्य संजय द्विवेदी, चंद्रकांत मिश्रा, चंद्रमौली मिश्रा, संतोष सोनी सहित 5 दर्जन से ज्यादा पत्रकार सदस्यों ने इस धरने में भाग लिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मृतकों के परिजनों को 18.50 लाख रुपये, आधा दर्जन दोषी कर्मचारियों के निलंबन और पीड़ित पक्षों को भूमि दिए जाने की घोषणा पर संगठन ने संतोष व्यक्त किया है।


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