Tuesday 16 July 2019

हमें क्यों चाहिए मजीठिया: जानिए नवंबर 2011 से जून 2019 तक का डीए

साथियों, इस बार जनवरी 2019 से लेकर जून 2019 तक का डीए 128 प्‍वाइंट है। जो साथी एरियर की रिकवरी का दावा पेश करने की तैयारी कर रहे हैं उनकी मदद के लिए हम नवंबर 2011 से जून 2019 तक का डीए बता रहे हैं।

इसके अलावा जिन साथियों ने डीएलसी में दावा पेश किया था और अभी भी उसी कंपनी में कार्यरत हैं और उनके केस लेबर कोर्ट रेफर हो गए हैं ये उनके लिए आज तक की रिकवरी को अपडेट करने के लिए भी काम आएगा।

उदाहरण- रवि ने जनवरी 2018 में डीएलसी में रिकवरी लगाई थी। उसने मजीठिया के अनुसार अं‍तरिम राहत समेत दिसंबर 2017 तक क्‍लेम लगाया था। डीएलसी ने अक्‍टूबर 2018 में उसके केस को लेबर कोर्ट रेफर किया। रवि अभी भी उसी कंपनी में कार्यरत है इसलिए उसने नवंबर 2018 में रेफरेंस के आधार पर लेबर कोर्ट में केस दायर करने से पहले अपने दावे में 23 महीने यानि जनवरी 2108 से अक्‍टूबर 2018 तक का मजीठिया के अनुसार वेतन के अंतर को एरियर राशि को भी जोड़ा है।

(नोट- कुछ साथियों को लगता है कि एक बार आपने जो डीएलसी में क्‍लेम लगा दिया तो उसमें आप सुधार नहीं कर सकते। यह धारणा बिल्‍कुल गलत है। आप इसमें कभी भी सुधार कर सकते हैं और इसके लिए क्‍या करना होता है आपका वकील अच्‍छी तरह से जानता है।)


यह डीए सभी ग्रेडों के समाचार-पत्रोंमैग्‍जीनों और न्‍यूज एजेंसियों में किसी भी शहर में कार्यरत सभी कर्मचारियों पर एक समान ही लागू होगा और यह हर छह महीने बाद (जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर) बदल जाता है।


मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों के अनुसार इसका सही बेस प्‍वाइंट 167 है। आप कतई भी 185 या 189 के आधार पर इसकी गणना न करेंयह आपके लिए नुकसानदायक होगा।


(देखें मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिश का पेज नंबर अंग्रेजी में 20 और हिंदी में 18)



DA = DA point/167

नवंबर 2011 से दिसंबर 2011 - 17 point

जनवरी 2012 से जून 2012 - 25 point

जुलाई 2012 से दिसंबर 2012 - 33 point

जनवरी 2013 से जून 2013 - 42 point

जुलाई 2013 से दिसंबर 2013 - 54 point

जनवरी 2014 से जून 2014 - 65 point

जुलाई 2014 से दिसंबर 2014 - 73 point

जनवरी 2015 से जून 2015 - 80 point

जुलाई 2015 से दिसंबर 2015 - 87 point

जनवरी 2016 से जून 2016 - 94 point

जुलाई 2016 से दिसंबर 2016 - 102 point

जनवरी 2017 से जून 2017 - 107 point

जुलाई 2017 से दिसंबर 2017 - 110 point

जनवरी 2018 से जून 2018 - 114 point

जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 - 120 point

जनवरी 2019 से जून 2019 - 128 point


डीए की गणना इस तरह होगी-
DA = Basic Pay + Variable Pay x DA point/167

नोट- आप अपना एरियर किसी एकाउंटेंट से भी बनवा सकते हैं। एरियर का क्‍लेम करते हुए एरियर चार्ट पर किसी भी सीए की मोहर की जरुरत नहीं होती। बस इतना ध्‍यान रखें जो आपका एरियर बना रहा है वह मजीठिया की सिफारिशों को ढंग से समझ लें। नहीं तो आपकी गणना में कोई भी गलती आपकी एरियर राशि में मोटा नुकसान पहुंचा सकती है। इसके लिए आप समाचार पत्रों से रिटायर्ड एकाउंटेंटों की मदद भी ले सकते हैं। या आप अपने यहां की पत्रकारों की यूनियनों से मदद ले सकते हैं।

  

मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें अंग्रेजी में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें-   https://goo.gl/vtzDMO


मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें हिंदी (सभी पेज) में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें-https://goo.gl/8fOiVD


श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955 (हिंदी-अंग्रेजीमें डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें-https://goo.gl/wdKXsB

 

पढ़े- हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-10: (ग्रेड  और बी’) खुद निकालेंअपना एरियर और नया वेतनमान http://goo.gl/wWczMH



पढ़े- हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17: (ग्रेड सी और डी’) खुद निकालेंअपना एरियर और नया वेतनमान  http://goo.gl/3GubWn






यदि इसके बाद भी आपको कोई दिक्‍कत आ रही हो तो आप बेहिचक इनसे संपर्क कर सकते हैं।


Vinod Kohli ji  – 09815551892
President, Chandigarh-Punjab Union of Journalists (CPUJ)
Indian Journalists Union


Ashok Arora ji (Chandigarh) - 09417006028, 09914342345
Indian Journalists Union
arora_1957@yahoo.co.in


Ravinder Aggarwal ji (HP) - 9816103265
ravi76agg@gmail.com



यदि हमसे कहीं तथ्यों या गणना में गलती रह गई हो तो सूचित अवश्य करें। (patrakarkiawaaz@gmail.com)



#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary

1 comment:

  1. What is the use in this when big companies are not ready to calculate DA using 167 factor? Please try to get a clarification and categorical statement on this from the Honourable Supreme Court.

    ReplyDelete