Monday 8 May 2017

दैनिक जागरण के मीडियाकर्मी पंकज कुमार के ट्रांसफर मामले को सुप्रीमकोर्ट ने अवमानना मामले से अटैच किया

दैनिक जागरण के बिहार के मीडियाकर्मी पंकज कुमार के ट्रांसफर के मामले पर सोमवार को माननीय सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई के दौरान माननीय न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इसको भी जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड के अवमानना मामला संख्या 411/2014 के साथ अटैच कर दिया। माननीय न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे ही अन्य मामलों पर निर्णय आने वाला है, लिहाजा याचिका का निपटारा भी इसी में हो जाएगा। पत्रकार पंकज कुमार के ट्रांसफर मामले में उनका पक्ष सुप्रीमकोर्ट में पटना हाई कोर्ट के रिटायर मुख्य कार्यकारी न्यायाधीश नागेंद्र राय ने रखा और राज्य सरकार के साथ साथ दैनिक जागरण को भी इस मामले में पार्टी बनाया गया है। यह सुनवाई न्यायाधीश रंजन गोगोई की खंडपीठ में हुई। उन्होंने जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड की सुनवाई को पूरा करके इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

बिहार गया के वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुमार का तबादला मजीठिया मांगने के कारण दैनिक जागरण प्रबन्धन द्वारा जम्मू कर दिया गया था। इसके खिलाफ भड़ास ने आवाजाही में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी। पंकज कुमार सामाजिक सरोकार के व्यक्ति रहे हैं और गया में मगध सुपर थर्टी के संचालन से जुड़े हुए हैं जहां प्रतिभावान गरीब छात्र छात्राओं को गुरुकुल परंपरा के तहत निशुल्क आवासन, भोजन तथा पठन पाठन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस संस्थान से निकले सैकडों छात्र छात्राएं आईआईटी, एनआईटी तथा अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे हैं या नौकरी कर रहे हैं। उग्रवाद प्रभावित मगध क्षेत्र से आने वाले युवा भी इसके माध्यम से आज अपना जीवन संवार रहे है और समाज को राह दिखा रहे हैं।

पंकज कुमार के साथ दैनिक जागरण द्वारा किए गए व्यवहार की खबर जैसे ही भड़ास पर प्रकाशित हुई, सैकडों युवा तथा पंकज कुमार के बारे में जानने वाले व्यक्तियों ने भड़ास की कटिंग/लिंक लगाकर पीएम तथा केन्द्रीय मंत्रियों को भी ट्वीट कर पंकज कुमार के साथ हो रहे अत्याचार में हस्तक्षेप करने की मांग की। पंकज कुमार की इमानदारी का ही फल था कि उच्चतम न्यायालय में बिहार पटना उच्च न्यायालय के रिटायर्ड कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नागेन्द्र राय जी उनसे बिना कोई फीस लिए मुकदमा लड़ने के लिए तैयार हो गए। उक्त मुकदमे की सुनवाई सोमवार को माननीय सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट नम्बर 4 में आयटम नम्बर 9, सिविल रिट 330/2017 के तहत की गई।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335



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