Monday 29 August 2022

हिमाचल में अमर उजाला को मिली हार, दो केसों में देना पड़ेगा मुआवजा

 


मजीठिया वेज बोर्ड का भी अलग से देना पड़ेगा एरियर


हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला लेबर कोर्ट से एक अच्छीे खबर आई है। यहां वर्ष 2016 से अमर उजाला के खिलाफ चल रहे टर्मिनेशन के दो मामलों में सोमवार को लेबर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कर्मचारियों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया है। फैसला मिलते ही इसे डिटेल के साथ शेयर किया जाएगा। यह मामला फर्जी तरीके से ठेकेदार के नाम पर रखे गए कर्मचारियों का है, जिन्हें  कंपनियां फर्जी रिकार्ड बनाकर रखती हैं और फिर जब मर्जी होती है, उन्हें  निकाल बाहर करती हैं। जब कोर्ट में मामला जाता है, तो उसे किसी ठेकेदार का कर्मचारी बताया जाता है। 


इस मामले में अमर उजाला, धर्मशाला के प्रोडक्शन विभाग में रखे गए दो इलेक्ट्रिशियन को दो साल दो माह तक काम लेने के बाद मौखिक तौर पर नौकरी से हटा दिया गया था। जब मामला लेबर इंस्पेक्टेर के पास पहुंचा तो कंपनी ने इन्हें किसी ठेकेदार का कर्मचारी बताया और उस ठेकेदार को पार्टी बना दिया। मामला लेबर कोर्ट पहुंचा तो अमर उजाला और ठेकेदार इनकी नौकरी से संबंधित जरूरी दस्तादवेज नहीं प्रस्तुत कर पाए, वहीं इन कर्मियों के पक्ष में जो गवाह खड़े किए गए, उन्हों ने इन्‍हें अमर उजाला का कर्मचारी बताते हुए गवाही दी थी। 


लेबर कोर्ट ने इन्हें  अमर उजाला का कर्मचारी माना है और नौकरी से अवैध तौर पर हटाने पर दो लाख की मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया है। वहीं अमर उजाला का कर्मचारी साबित होने पर इन्हें अपने सेवा काल के दौरान काम करने के चलते मजीठिया वेजबोर्ड के तहत वेतनमान का लाभ व बकाया एरियर भी मिलेगा, यह केस पहले ही लंबित है और इस फैसले के चलते इनको मजीठिया वेजबोर्ड के तहत एरियर की राशि मिलना भी तय हो गया है। इन केसों की पैरवी न्यूज पेपर इम्पलाईज यूनियन आफ इंडिया के अध्यक्ष "रविंद्र अग्रवाल" ने की।

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