Thursday 21 June 2018

सुभाष इंगले की विधवा को मिला भविष्यनिधि से न्याय

फ्री प्रेस में कार्यरत सुभाष इंगले की कार्य के दौरान मृत्यु होने पर मजीठिया क्रांतिकारियों ने कलेक्टर को आवेदन देकर संबंधित मामले में कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद कलेक्टर ने भविष्यनिधि आयुक्त के पाले में गेंद डाल दी थी। इस मामले में 2 माह पहले भविष्यनिधि आयुक्त ने सुभाष इंगले को भविष्यनिधि में कवर कर उसके खाते में 1 लाख 70 हजार रुपए की राशि और बीमे के रूप में 3 लाख 28 हजार जमा जमा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन फ्री प्रेस व्दारा भविष्यनिधि के खाते में चेक डालने के बजाए अन्य खाते में डालकर मामले को उलझा दिया गया था।
इस दौरान भविष्यनिधि आयुक्त का स्थानांतरण होने से फाईल को दबाने के लिए फ्री प्रेस काम्पेक्ट प्रिंटर की ओर एक वरिष्ठ पत्रकार ने काफी प्रयास किए और सुभाष इंगले की विधवा को परेशान किया। लेकिन मजीठिया क्रांतिकारियों को इस खबर का पता लगा तो वे श्रीमती सुनन्दा इंगले से मिले और इसकी शिकायत भविष्यनिधि हेड ऑफिस दिल्ली और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की। इस संबंध में सीएम ऑफिस और दिल्ली हेड ऑफिस ने त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश देने के बाद बुधवार को श्रीमती सुनन्दा इंगले के बैंक अकाउंट में 1 लाख 70 हजार रुपए भविष्यनिधि और मृत्यु पश्चात बीमे की रकम 3 लाख 28 हजार रुपए जमा करवा दी गई।
सुभाष इंगले की पत्नी सुनन्दा इंगले ने बुधवार शाम  को मजीठिया क्रांतिकारियों को बताया कि रकम जमा हो गई है। इस संबंध में मजीठिया क्रांतिकारियों ने श्रीमती सुनन्दा इंगले से सारे भविष्यनिधि से कितने वर्ष का भविष्यनिधि काटा गया की पूरी जानकारी मांगने के लिए कहा था, जिस पर भविष्यनिधि कर्मचारी टालमटोल कर रहे हैं। अब मजीठिया क्रांतिकारी सोमवार को भविष्यनिधि में सुभाष इंगले के संबंध में सभी दस्तावेज सहित जानकारी मांगने के लिए आवेदन देंगे। इसके बाद जितने वर्ष का भविष्यनिधि काटा गया है उस आधार पर मजीठिया वेतनमान का केस लगाकर कोर्ट की शरण लेकर एक विधवा को मजीठिया का पैसा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।

ग्रेज्युटी की राशि भी दिलाएंगे
इधर मजीठिया क्रांतिकारियों ने करीब 10 वर्ष की नौकरी करने वाले सुभाष इंगले की पत्नी को उनकी ग्रेज्युटी का पैसा दिलाने की पहल भी शुरू कर दी है। उपश्रमायुक्त कार्यालय में पिछले दिनों आवेदन कर करीब 1.50 लाख रुपए की ग्रेज्युटी का दावा लगाया है, जिसकी तारीख अगले माह है। अगर श्रमायुक्त कार्यालय में फ्री प्रेस प्रबंधन ग्रेज्युटी देने में आनाकानी करता है तो कोर्ट की शरण लेकर ब्याज सहित ग्रेज्युटी वसूल करने की कार्रवाई की जाएगी।

सुनन्दा इंगले को प्रणाम
दोस्तों एक अकेली विधवा ने पूरे केस में जिस तरह से सक्रियता दिखाई उसके लिए उसका मेहनत को प्रणाम किया जाना चाहिए। क्योंकि विधवा सुनन्दा इंगले का कहना था कि सर आप तो बस शिकायत करवा दो बाकि में सब कर लूंगी। इसके बाद सुनन्दा इंगले कभी वैन से तो कभी पैदल श्रमायुक्त पहुंचकर अधिकारियों से मिलती थी तथा घंटों कार्यालय में बैठी रहती थी, इसके बाद भी उसने हार नहीं मानी और आखिर 2 माह 20 दिन बाद बुधवार को उनकी मेहतन का फल  उन्हें मिल गया और अब वह मजीठिया की लड़ाई के लिए भी तैयार हैं। वास्तव में दोस्तों अगर ठान लो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है।  एक विधवा अगर हक के लिए लड़ सकती है हम क्यों नहीं। आज सुभाष की पत्नी को करीब पांच लाख मिलने पर मजीठिया क्रांतिकारियों ने उन्हे सच्ची श्रध्दांजलि दी है।

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