Monday 6 November 2017

मजीठिया: हक के लिए एकजुट हो रहे उत्तराखंड के पत्रकार

देहरादून। मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार वेतन एरियर को लेकर देहरादून में भी पत्रकारों ने हक की लड़ाई शुरू कर दी है। देहरादून स्थित सहायक श्रमायुक्त के समक्ष आवेदन करने वाले पत्रकारों की संख्या बढ़ रही है। 6 नवंबर को हिन्दुस्तान के तीन पूर्व पत्रकारों के मामलों में सुनवाई हुई। वहीं अमर उजाला के तीन पूर्व पत्रकारों ने मजीठिया वेतन बोर्ड के अनुसार एरियर के लिए आवेदन किया।
अधिवक्ता शरद ने हिन्दुस्तान के पूर्व पत्रकार बीबी जोशी, प्रेम पुनेठा, राजेश पांडेय की ओर से वकालतनामा दाखिल किया। सुनवाई के दौरान हिन्दुस्तान के प्रतिनिधि अपने जवाब के साथ उपस्थित हुए। जवाब में हिन्दुस्तान (हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड) ने टर्नओवर के अनुसार खुद को पांचवी श्रेणी में बताते हुए कहा कि इन पूर्व कर्मचारियों की कोई धनराशि बकाया नहीं है।

अधिवक्ता ने एएलसी के समक्ष आपत्ति दर्ज करते हुए एचएमवीएल से पांचवी श्रेणी में होने का साक्ष्य उपलब्ध कराने तथा टर्नओवर की पुष्ट सूचना उपलब्ध कराने पर जोर दिया। एएलसी ने एचएमवीएल की ओर से सभी जवाब देने में सक्षम प्रतिनिधि की ही उपस्थिति के निर्देश दिए।  (मालूम हो कि हिंदुस्तान मीडिया पहली श्रेणी का ग्रुप है।)

वहीं, अमर उजाला के पूर्व पत्रकारों विपनेश गौतम, भुवन उपाध्याय व केदार रावत और दैनिक जागरण की पूर्व पत्रकार श्रीमती गीता मिश्रा ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार वेतन एरियर को लेकर आवेदन किया। वहीं उत्तराखंड में मजीठिया वेतन बोर्ड के अनुसार वेतन एरियर को लेकर संघर्ष कर रहे पत्रकारों ने अन्य सभी पत्रकारों से एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि राज्यभर में किसी पत्रकार को आवेदन या सलाह लेनी है तो उनसे संपर्क कर सकते हैं।

(साभर: newslive24x7.com)

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