Thursday 2 November 2017

मजीठिया: श्रम विभाग SC के आदेश को क्रियान्वित कराने को लेकर गंभीर

करीब तीन दर्जन से अधिक पत्रकारों के क्लेम पर हुईं सुनवाई

चिंगारी के विस्फोटक रूप लेने की बनी सम्भावना

पटना। मजीठिया क्रान्तिकारियो के लिए अच्छी खबर है। मजीठिया वेजबोर्ड की अनुशंसा के आलोक में वेतन की मांग और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए आगे आने वाले मीडियाकर्मियों के अब अच्छे दिन जल्द आने वाला है। कल पटना में उप आयुक्त अमरेन्द्र नारायण मिश्र, श्रम संसाधन विभाग के समक्ष करीब तीन दर्जन से अधिक मीडियाकर्मियों की सुनवाई हुई। दैनिक जागरण, कौमी तंजीम सहित कई हाउस के मीडियाकर्मियों ने अपनी उपस्थिति उप श्रमायुक्त मिश्र के समक्ष कराई।

दैनिक जागरण के पत्रकार पंकज कुमार ने उप श्रमायुक्त मिश्र से कहा कि वे 17 a और 17 b के तहत क्रमशः दैनिक जागरण प्रबंधन और लेबर सेक्रेटरी को पूर्व में नोटिस भेज चुके हैं। ऐसे में उनके मामले में अब सुनवाई के लिए श्रम अदालत में सम्बंधित कागजात भेज दिया जाए। उप श्रमायुक्त मिश्र ने दैनिक जागरण की तरफ से आए एजीएम बिनोद शुक्ला से जबाव मांगा। शुक्ला ने कम्पनी की ओर से उपस्थिति दर्ज कराई। उप श्रमायुक्त मिश्र ने 16 नवम्बर को अगली तारीख निर्धारित करते हुए कहा कि यदि दोनो पक्षों के बीच समझौता नहीं होता है तब मामले को लेबर कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

लेबर आफिस में हो रही चर्चा में अनुसार अब विभाग सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अपनी ओर से कोई कोताही बरतने के मूड में नहीं है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 13 October के आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि छह महीने के भीतर मजीठिया की मांग को लेकर श्रम अदालत को
प्राथमिकता के आधार पर क्लेम का निष्पादन करना होगा।
वहीं 27 October को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पंकज कुमार वर्सेज यूनियन आफ इंडिया के रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि ट्रान्सफर और टर्मीनेशन के मामले में भी छह महीने के भीतर श्रम अदालत को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने है।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 13 और 27 October के आदेश के बाद पत्रकारों के बीच वेज बोर्ड की अनुशंसा के आलोक में वेतन और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर गंभीर चर्चा और बहस शुरू हो गई है। इसका असर बुधवार को पटना में उप श्रमायुक्त कार्यालय के बाहर मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है। कम्पनी की ओर से श्रम  श्रमायुक्त मिश्र के समक्ष पहुंचे अधिकारी मीडियाकर्मियों को सफ़ाई देते दिखे कि वे उनकी मांग के साथ है। लेकिन नौकरी के कारण खुलकर सामने नहीं आ सकते।

(पटना से पंकज कुमार)

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