Thursday 9 November 2017

मजीठिया: समय-सीमा तय करने का असर शुरु, लेबर कोर्ट में भास्कर चारों खाने चित

भास्कर के वकील ने लेबर कोर्ट के रीडर से लगवा ली थी जनवरी की तारीख, जज ने की निरस्त
मैनेजमेंट सात माह से ले रहा था तारीख पर तारीख
कोर्ट ने दिया अंतिम अवसर,  22 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
मजीठिया क्रांतिकारियों की आपत्ति पर जज ने रीडर विश्वकर्मा को दिया नोटिस, मांगा लिखित स्पष्टीकरण

भोपाल। मजीठिया वेजबोर्ड के मामले में मप्र से बड़ी खबर आई है। जिससे न केवल कर्मचारियों के चेहरों से खोई हुई मुस्कान लौट आई है बल्कि उनके हौसले चट्टान की तरह मजबूत हो गए हैं। दैनिक भास्कर के खिलाफ अपने हक की लड़ाई लड़ रहे होशंगाबाद के मजीठिया क्रांतिकारियों ने बुधवार को भास्कर प्रबंधन को चारों खाने चित कर दिया। लेबर कोर्ट में सैटिंग कर तारीखें बढ़वाकर कर्मचारियों का हैरासमेंट करने की प्रबंधन की चाल कर्मचारियों ने नाकामयाब कर दी और भास्कर का वकील हाथ मलते रह गया। वहीं, जज ने इस नापाक खेल में शामिल कोर्ट के रीडर को नोटिस देकर लिखित स्पष्टीकरण मांग लिया है।

भोपाल लेबर कोर्ट में बुधवार का दिन गहमागहमी से भरा रहा। मजीठिया क्रांतिकारी हर बार की तरह सुनवाई के लिए अपने वकील के साथ लेबर कोर्ट पहुंच चुके थे। वे कोर्ट रुम में दाखिल हुए और जज साहब के रीडर से अपने केस की जानकारी ली। रीडर विश्वकर्मा ने बताया कि भास्कर के वकील कुछ देर पहले ही आकर अगली तारीख ले गए हैं, अब आप 9 जनवरी को आना। यह सुनते ही मजीठिया क्रांतिकारी और उनके वकील सन्न रह गए। उन्होंने अपनी गैर-मौजूदगी में इस तरह तारीख बढ़ाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।वकील ने जज साहब के समक्ष यह मामला उठाते हुए कड़ा विरोध जताया। मजीठिया वेजबोर्ड के लंबित मामलों को श्रम न्यायालयों द्वारा छह माह में निराकृत करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का हवाला भी दिया। काफी देर बहस के बाद जज साहब ने स्टाफ को भास्कर के वकील गुप्ता को बुलवाने के लिए कहा। वकील गुप्ता ने साढ़े 12 बजे तक आने का कहा। आखिरकार लंच के बाद मामले में सुनवाई शुरु हुई। तकरीबन घंटेभर तीखी तकरार चली। इसके बावजूद भास्कर के वकील गुप्ता ने जवाब पेश करने के लिए एक माह का समय दिए जाने की मांग की, लेकिन मजीठिया क्रांतिकारियों के वकील द्वारा तगड़ा विरोध दर्ज कराए जाने पर जज साहब ने वकील गुप्ता की मांग ठुकरा दी। उन्होंने दैनिक भास्कर को जवाब पेश करने के लिए अंतिम अवसर देते हुए अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख मुकर्रर करते हुए वकील गुप्ता को कह दिया कि उस दिन जवाब लेकर ही आना। कोई भी बहाना नहीं चलेगा। यही नहीं, दैनिक भास्कर के वकील से मिली-भगत कर गुपचुप तरीके से केस को 9 जनवरी 2018 लगाए जाने के मामले में कोर्ट के रीडर विश्वकर्मा को कारण बताओ नोटिस देकर लिखित स्पष्टीकरण भी मांग लिया है।

मामले में कोर्ट के सख्त रवैये से एक ओर जहां मजीठिया क्रांतिकारियों में जबर्दस्त खुशी का माहौल है, उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसी महीने के अंत या दिसंबर में केस का फैसला हो सकता है. वहीं, कोर्ट में हुई दुर्गति से दैनिक भास्कर के वकील गुप्ता की हालत देखने लायक थी। अब देखना यह है कि 22 नवंबर को दैनिक भास्कर कोर्ट में क्या जवाब पेश करता है।

(मजीठिया क्रांतिकारी ग्रुप से)

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