Sunday 11 October 2020

कोरोना काल में बड़ी खबर: SC के इस ऑर्डर के बाद मप्र में मजीठिया केसों की सुनवाई फिर शुरू, आप भी करें ऐसा...


मप्र हाईकोर्ट के इस आदेश के साथ सुप्रीम कोर्ट का छह माह में निराकरण करने वाला आदेश अपने राज्य की कोर्ट में लगाएं, जल्द शुरू हो जाएगी आपके केस की सुनवाई

इंदौर। मजीठिया क्रांतिकारियों के लिए मप्र से बहुत अच्छी और राहतभरी खबर आई है। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य की सभी कोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और ट्रिब्यूनल आदि द्वारा समय-सीमा में सुनवाई करने के आदेश वाले सभी प्रकरणों में ट्रायल इत्यादि शुरू कर केस का निराकरण जल्द से जल्द करने का आदेश दिया है। इससे इंदौर-भोपाल आदि शहरों में मजीठिया केस की तारीखें लगने भी लग गई हैं। इससे यहाँ के मजीठिया क्रांतिकारियों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। अन्य राज्यों के मजीठिया क्रांतिकारी भी मप्र हाईकोर्ट के इस आदेश का संदर्भ देकर अपने-अपने राज्यों की हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील करें तो उनके केस की भी जल्द सुनवाई शुरू हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन लग जाने के कारण लेबर कोर्ट भी बंद हो गए थे। पिछले दिनों कोर्ट खुल तो गए लेकिन वहां सिर्फ जमानत, चेक बाउंस और अत्यंत आवश्यक केस ही सुने जा रहे हैं। लेबर कोर्ट का हाल तो और भी बुरा है। कुछ शहरों की अदालतों को छोड़कर अधिकांश लेबर कोर्ट में स्टाफ ड्यूटी तो आ रहा है, लेकिन किसी भी केस की सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में मप्र हाईकोर्ट के आदेश से शुरू हुई सुनवाई ने मजीठिया क्रांतिकारियों में जान फूंक दी है। 


ऐसे खुली राह - 

मप्र हाईकोर्ट द्वारा 19 अगस्त 2020 को जारी मेमो में राज्य के सभी कोर्ट को आदेश दिया गया है कि वे अपने यहां विचाराधीन सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और ट्रिब्यूनल आदि द्वारा समय-सीमा में सुनवाई करने के आदेश संबंधी सभी प्रकरणों में ट्रायल इत्यादि शुरू कर केस का जल्द से जल्द निराकरण करें। इसके लिए हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी (क्रिमिनल) 11315/2019 अंकित माहेश्वरी उर्फ चिंटू विरुद्ध मध्यप्रदेश राज्य में दिनांक 14 अगस्त 2020 को पारित आदेश का हवाला दिया है। 


आपको यह करना होगा-

मप्र से बाहर के मीडियाकर्मियों को अपने राज्य में मजीठिया केसों की बंद पड़ी सुनवाई शुरू करवाने के लिए मप्र हाईकोर्ट द्वारा 28 अगस्त को जारी मेमोरेंडम और सुप्रीम कोर्ट द्वारा मजीठिया केसों का निराकरण छह माह में करने संबंधी आदेश की प्रति के साथ आवेदन प्रस्तुत करना होगा। ऐसा करने से संबंधित न्यायालय भी उस राज्य की लेबर कोर्ट को मजीठिया केस की सुनवाई शुरू करने का आदेश दे सकती है।

3 comments:

  1. Eagerly waiting for the filing of PIL in the Supreme Court. I am ready to contribute for that cause. Together, we win.

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