Saturday 21 December 2019

वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को बरकरार रखने को कहा

नई दिल्ली, 20 दिसंबर। कनफेडरेशन आफ न्यूजपेपर एंड न्यूज एजेंसी एंप्लाइज ने संसदीय स्थाई श्रम समिति के सामने वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को बरकरार रखे जाने की मांग की। कनफेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में व्यापक संशोधन किया जाए और उसमें इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को भी शामिल किया जाए। श्रम विभाग के अस्थाई संसदीय समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब और अन्य सदस्यों ने मीडिया कर्मियों की बात ध्यान से सुनी और आश्वसान दिया कि वे सारी बात भारत सरकार के समक्ष पूरी दृढ़ता से रख देंगे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन कोड पर निर्णय लेने से पहले मीडिया कर्मियों की बात पर विशेष रूप से ध्यान देगी। करीब 2 माह पहले इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्लूजे) और कंफेडरेशन के प्रतिनिधिमंडलों को केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार आश्वस्त कर चुके हैं कि कोई भी निर्णय लेने के पहले संसदीय स्थाई समिति के आलोक में ही विधेयक का स्वरूप सुनिश्चित करेंगे। संसदीय समिति के समक्ष आईएफडब्ल्यू की तरफ से उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी,

महासचिव परमानंद पांडेय, कोषाध्यक्ष
रिंकू यादव ने इस बैठक में अपनी बातें रखीं। कनफेडरेशन की ओर से महासचिव एमएस यादव, सीएस नायडू और अनिल गुप्ता (प्रधान, द ट्रिब्यून एम्प्लाइज यूनियन, चंडीगढ़) एनयूजे के अशोक मलिक, मनोहर सिंह मनोज मिश्रा, आईजेयू की ओर से श्रीनिवास रेड्डी, एसएन सिन्हा, पीटीआई एम्पलाइज फेडरेशन की ओर से भुवन चौबे आदि ने देश के श्रमजीवी पत्रकारों का पक्ष रखा।

(साभार: ट्रिब्यून)

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