Tuesday 18 June 2019

हैरतअंगेज! सहारा ग्रुप ने पहली बार इतिहास रचा, एक कर्मचारी को हिसाब से 55 हजार अधिक दिए


  • अब वापसी के लिए कर्मचारी को धमका रहे


है न अजीब बात। देश के तीन करोड़ लोगों का पैसा हजम करने वाला सहारा ग्रुप का पैसा एक अदना-सा कर्मचारी हड़प कर जाए, यह बात हजम नहीं होती। लेकिन दोस्तों, ऐसा हुआ है। राष्ट्रीय सहारा देहरादून का एचआर और एकाउंट डिपार्टमेंट इन दिनों बहुत परेशान है। कारण, सेफ एग्जिट पालिसी के तहत नौकरी छोड़ चुके डिप्टी न्यूज एडिटर सुरेश कुमार को सहारा ने नौकरी छोड़ने के डेढ़ साल बाद हिसाब दिया तो गलती से 55 हजार रुपये अधिक दे दिए।

मजेदार बात यह है कि सहारा में काम करने वाले लोगों को प्रबंधन कभी भी यह नहीं बताता है कि उनका हिसाब क्या बन रहा है और क्या दे रहा है। जो मर्जी आए, वही देता है। मुझ गरीब समेत लाखों कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के तीन साल बाद भी हिसाब नहीं मिला। खैर, बात सुरेश कुमार की हो रही है। सुरेश कुमार इन दिनों बेरोजगार हैं। स्वाभाविक है कि ऐसे में पैसे खर्च तो होंगे ही। अब एचआर और एकाउंट डिपार्टमेंट उनको धमकाने में जुटे हैं कि पैसा वापस करो, सहारा लेना जानता है। मैंने सुरेश कुमार जी को सुझाव दिया है कि जिस तरह से सहारा ने हमें महीने की सेलरी टुकड़ों में दी है उसी तरह से सौ-सौ रुपये कर लौटा दो, या फिर अदालत की शरण लो कि मजीठिया के तहत जो उनका 35 लाख रुपये का भुगतान कंपनी पर बकाया है, उसमें से काट कर शेष 34 लाख 45 हजार भुगतान करने का कष्ट करें। अब देखे सुरेश बाबू क्या कदम उठाते हैं? आप मित्रों के सुझाव भी आमंत्रित हैं कि सुरेश जी को क्या करना चाहिए।

[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से]

1 comment:

  1. सुझाव बिलकुल सही हैं

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