Saturday 3 September 2022

मेरी पोस्ट से जिन साथियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, इसके लिए खेद है!

दो सितम्बर में मैंने ‘क्या भ्रष्टाचार की गंगा में पत्रकारों ने लगाईं डुबकियां‘, पोस्ट लिखी थी। इस पोस्ट में त्रुटि वश दीपक उपाध्याय का नाम उल्लेखित किया था, जबकि इस प्रकरण से दीपक का कोई लेना-देना नहीं है। इनका इस प्रकरण से कोई सरोकार नहीं है। इसके लिए मुझे खेद है। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर बुड़ोकोटी ने अपनी वॉल पर लिखा है उनकी पत्नी 2016 में योग्यता के आधार पर शिक्षिका चयनित हुई हैं। पत्रकार फईम तन्हा ने स्पष्ट किया है कि उनकी पत्नी को विधानसभा सचिवालय में नौकरी नहीं मिली। पत्रकार साथियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात रखी है।

अपनी पोस्ट के माध्यम से मैंने भी यही कहने का प्रयास किया था कि सभी को अपनी बात रखनी चाहिए। चूंकि मैंने पहले ही कहा था कि जिनका भी नाम मेरे द्वारा लिया जा रहा है, वह सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर बात उठ रही थी। मुझे खुशी है कि पत्रकार साथियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देकर स्पष्ट किया है कि उनका इन कथित भर्तियों में किसी तरह की संलिप्तता नहीं है। मैंने अपनी पोस्ट में पहले ही उल्लेख कर दिया था कि यदि इनमें से किसी का नाम गलत हुआ तो मैं सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती मानते हुए खेद प्रकट करूंगा। मेरी पोस्ट से जिन साथियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, इसके लिए खेद है। 

[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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