Wednesday 4 November 2020

नहीं रहे कर्मचारियों के मसीहा एडवोकेट हरीश शर्मा



नई दिल्ली, 4 नवंबर। कर्मचारियों के मसीहा हरीश शर्मा का आज दिल का दौरा पड़ने से यहां निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार कल सुबह किया जाएगा। 

हरीश शर्मा को आज दिल का दौरा पड़़ने के बाद अस्पताल ले जाया गया। वहां पर डाक्टरों ने उन्हें म़ृत घोषित कर दिया। हरीश शर्मा के बेटा और बेटी इस समय विदेश में होने के कारण उनके अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद नहीं रह पाएंगे। उनकी बड़ी बेटी का पहले ही निधन हो चुका है, जो कि उनके दिल के काफी करीब थी। 

हरीश शर्मा बैंक में नौकरी करते थे। तब से वे कर्मचारी यूनियन से जुड़े रहे और प्रबंधन की हर गलत नीति का पुरजोर विरोध करते रहे। इस दौरान उन्होंने वकालत की और इस पेशे से जुड़ गए। कई सरकारी कर्मचारियों के मामलों में वे वकील रहे। उन्होंने अपनी काबलियत से अपना एक ही अलग मुकाम मनाया। जिस केस को वे हाथ में लेते थे उसका वह गहनता से अध्ययन कर उसकी तैयारी करते थे। वर्ष 2016 में उनके पास मजीठिया के मामले आने शुरू हुए और उन्होंने पूरी शिद्दत से उनपर काम किया। वे जल्द ही मजीठिया मामलों के पूरे जानकार बन गए और उनके पास दिल्ली से लेकर मुंबई तक के मजीठिया केस आने लगे। वे मजीठिया केस से जुड़े हर बारीक से बारीक पहलुओं को खोज कर कर्मचारियो को जानकारी दिया करते थे। उनका निधन मजीठिया केस लड़ रहे साथियों के लिए अपूरणीय क्षति है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

-राजेश निरंजन

3 comments:

  1. Very sad. I have once met him in Rouse Avenue court. He was always sympathetic to the cause of workers. May God grant him salvation.

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  2. श्रमिकों के रहवर हरीश शर्मा जी एडवोकेट का निधन एक अपूरणीय क्षति है। इसकी भरपाई सहज नहीं। ईश्वर से कामनाएँ हैं कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे । ऊं शांति शांति शांति ।

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  3. शर्मा जी हमेशा याद आयेंगे। सबसे पहले उन्होंने मेरा ही मजीठिया का केस दिल्ली में अपने हाथ में 2016 में लिया था। भुलाना आसान नहीं है

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