Thursday 19 April 2018

मजीठिया: लेबर कोर्ट को 6 माह में ही निपटाने होंगे केस

6 माह में सुनवाई पूरी न होने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त






नई दिल्ली। मजीठिया वेजबोर्ड मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट का एक और सख्त आदेश जारी हुआ है। माननीय न्यायालय ने जयपुर के लेबर कोर्ट की सुनवाई की समयसीमा बढ़ाने की याचिका पर ताजा आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कर कर दिया है, लेबर कोर्ट को रेफरेंस जारी होने के 6 माह के दौरान ही फैसला सुनाना होगा। हालांकि कोर्ट ने जयपुर लेबर कोर्ट को मामूली राहत देते हुए 30 जून 2018 तक निर्णय सुनाने को कहा है।
जयपुर के लेबर कोर्ट नंबर-2 के पीठासीन अधिकारी ने अवमानना याचिका नंबर 411 आफ 2014 पर 19.06.2017 को आए फैसले में वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट की धारा 17 (2) के तहत लेबर कोर्ट में सुनवाई को टाईम बाउंड करने को लेकर डाली गई आईए नंबर 187 आफ 2017 पर 13-10-2017 को जारी 17 (2) के तहत रेफरेंस की सुनवाई छह महीने में पूरी करने के आदेश में 31 जनवरी, 2019 तक छूट देने की अपील की थी।
इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और आर. भानुमति की खंडपीठ ने 23 मार्च, 2018 को जारी आदेश में साफ तौर पर कहा है कि 17 (2) के तहत रिकवरी के मामलों में रेफरेंस जारी होने के 6 माह के दौरान ही हर हाल में सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाना होगा। हालांकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के लेबर कोर्ट नंबर -2 को छह माह से अधिक समय में थोड़ी राहत देते हुए 30 जून तक सुनवाई पूरी करके निर्णय सुनाने को कहा है।
ज्ञात हो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के टाइम बाउंड आदेशों को लेकर यह कहते हुए भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही थी कि इसमें preferly लिखा गया है,  जो सख्त आदेश नहीं है और देर होने पर राहत मिल सकती है।

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