Thursday 8 September 2016

मजीठिया: श्रमायुक्त की याचिका पर सुनवाई 16 सितंबर को

सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने उत्तराखंड के श्रम आयुक्त की याचिका/आवेदन को सुनवाई के लिए 16 सितंबर, 2016 की अग्रिम सूची में सूचीबद्ध किया है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति पीसी पंत की खंडपीठ उत्तराखंड के श्रम आयुक्त के गिरफ्तारी वारंट को वापस लने की इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। यहां यह बताना जरूरी है कि उत्तराखंड के श्रम आयुक्त डा. आनंद श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में कहा है कि उनका 11 साल का विवादरहित और शानदार कैरियर रिकार्ड रहा है। सुनवाई की पिछली तारीख, 23 अगस्त, 2016 को माननीय न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थित न हो पाने का अविवेक ना तो जानबूझकर और न ही इरादतन किया गया था। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किया गया उनकी गिरफ्तारी का वारंट निश्चित तौर पर उनके भविष्य की सेवा संभावनाओं पर असर डालेगा। लिहाजा उन्होंने इस आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई है।

परमानंद पांडे
सेक्रेटरी जनरल-आईएफडब्ल्यूजे
[अनुवाद: रविंद्र अग्रवाल]

टूटा 20जे का खौफ, सबको मिलेगा मजीठिया, अब न करें देर http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/08/20.html


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पढ़े- हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17: (ग्रेड सीऔर डी’) खुद निकालें अपना एरियर और नया वेतनमान  http://goo.gl/3GubWn




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1 comment:

  1. उन्होंने पत्रकारों के मामले में जो हरकत की है, उससे पता चल गया कि उनका करियर रिकॉर्ड वास्तव में कितना विवादरहित और शानदार रहा है. वैसे भी श्रम विभाग में विवादरहित और शानदार होने का, खासकर अखबार वालों के लिए क्या अर्थ होता है, ये हम जानते हैं. कृपा करके आप उन्हें करेक्टर सर्टिफिकेट न थमाएँ. हाँ अगर उन्होंने आपको फीस दी हो तो आप उनकी वकालत जरूर कर लीजिए. वैसे उनकी हरकत से यह पता चल गया है कि वे नंबर के मक्कार और अयोग्य व्यक्ति हैं. उन्हें किसी ने कैसे और क्यों श्रमायुक्त बनाया होगा, इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है.

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