Thursday 10 December 2015

जागरण की कथनी और करनी में अंतर!


यह है स्‍वच्‍छ भारत अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने का दावा करने वाले दैनिक जागरण के नोएडा से-62 स्थित कार्यालय के मेन गेट के बाहर का नजारा। मालूम हो कि आजकल खाली पड़ी इस 12-13 मंजिला इमारत में लगभग 200 निलंबित कर्मचारियों की हाजिरी और घरेलू जांच चल रही है। इस दौरान जागरण के निदेशक श्री सतीश मिश्रा, सीजीएम श्री नीतेंद्र श्रीवास्‍तव, एचआर हेड श्री मनोज दुबे और कार्मिक विभाग के अधिकारियों का लगातार आनाजाना लगा रहता है। अपने निलंबित कर्मचारियों को सेक्‍टर 63 स्थित कार्यालय के आगे शांति पूर्ण प्रदर्शन करने से रोकने के लिए अपनी ताकत का प्रयोग करने वाला दैनिक जागरण यहां पड़ी गंदगी पर आंख मूंदे बैठा है।
चलते-चलते एक और बात, इस इमारत के बाहर रोज शाम को रेहड़ी-पटरी बाजार लगता था, जिससे लगभग 200-250 परिवारों का पेट पल रहा था। परंतु पिछले एक सप्‍ताह से यह बाजार बंद है। बताया जा रहा है कि इस बाजार पर जागरण की नजर टेढ़ी हो गई थी। इस बाजार के अचानक बंद हो जाने से इन परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट तो बन ही पड़ा है, वहीं खोड़ा और आसपास की कालोनियों में रहने वाले हजारों निवासी एक सस्‍ते बाजार से वंचित हो गए हैं। 

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