Sunday 19 February 2023

दैनिक दिव्य मराठी को सुप्रीम कोर्ट से झटका!



वरिष्ठ पत्रकार सुधीर जगदाले व उनकी टीम का हाईकोर्ट में जमा 1 करोड़ की बकाया राशि को वापस लेने पर रोक


 औरंगाबाद हाईकोर्ट का स्टे आॅर्डर बरकरार !!


जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में डी.बी. कॉर्प को सुप्रीम कोर्ट ने एक झटका दिया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में डी.बी. कॉर्प के समाचार पत्र दैनिक दिव्य मराठी के मीडियाकर्मियों के  अदालत में जमा पैसे को निकलाने पर बांबे हाईकोर्ट की औरंंगाबाद खंडपीठ द्वारा लगाई गई रोक को माननीय सुप्रीमकोेर्ट ने अगली तिथि तक बरकरार रखा है।  माननीय सुप्रीमकोर्ट की डबल बेंच ने 13 फरवरी 2023 को जारी अपने आदेश में दिव्य मराठी (डीबी कॉर्प) को औरंगाबाद उच्च न्यायालय में जमा 97 लाख 20 हजार 341 रुपये की राशि निकालने पर रोक लगा दी है (मूल रूप से यह राशि आधी ही है, आधी राशि अभी भी दिव्य मराठी के पास शेष है।  दैनिक दिव्य मराठी के कर्मचारियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुधांशु चौधरी ने जोरदार तर्क दिया और कहा कि  औरंगाबाद हाईकोर्ट ने तकनीकी आधार पर ही आदेश पारित किया है। मेरिट चेक नहीं हुई। इसके विपरीत, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दृढ़ता से तर्क दिया था  कि योग्यता के आधार पर निर्णय देकर तकनीकी आधार को खारिज कर दिया गया है। डी. बी. कॉर्प के वकील ने तर्क दिया कि राज्य सरकार श्रम पत्रकार अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत अपनी शक्तियों को किसी दूसरे को नहीं दे सकती। राज्य सरकार द्वारा बिना अधिकार के 11 मई 2016 को जारी की गई अधिसूचना अवैध है और नागपुर खंडपीठ द्वारा पारित आदेश सही है, मामले को खारिज किया जाना चाहिए। इस पर न्यायाधीश ने कंपनी के वकील से कहा कि चूंकि यह मामला राज्य सरकार का है, इसलिए वे मामले पर उनकी राय सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं कर सकते।उसके बाद डी. बी. कॉर्प के वकील ने औरंगाबाद पीठ से सुधीर जगदाले और टीम का बकाया अदालत में जमा पैसा वापस लेने की अनुमति मांगी।  मीडियाकर्मियों  के वकील सुधांशु चौधरी , महेश शिंदे, वात्सल्य वैग्य और प्रशांत जाधव ने इसका कड़ा विरोध किया और स्थगन पर जोर दिया। इस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और दीपांकर दत्ता ने अगली तारीख तक स्थगन आदेश पारित किया और प्रतिवादी को नोटिस तामील करने का आदेश दिया।


शशिकांत सिंह

पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी

9322411335

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