Sunday 14 April 2019

मजीठिया: अब कोटा लेबर कोर्ट ने भी 20जे को खारिज किया, 43 कर्मियों को मिलेगा वेजबोर्ड के अनुसार लाखों का एरियर, डाउनलोड कर पढ़े किसको मिलेगा कितना...

कोटा। महाराष्‍ट्र के बाद अब भास्‍कर को एक और बड़ा झटका राजस्‍थान में लगा है। यहां पर कोटा यूनिट में कार्यरत 43 कर्मियों को लेबर कोर्ट ने मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार एरियर देने का फैसला दिया। न्‍यायालय ने कंपनी द्वारा पेश 20जे को भी स्‍वीकार नहीं किया और माना कि कर्मचारियों के हस्‍ताक्षर दबाव में या धोखाधड़ी से लिए गए हैं। इससे पहले महाराष्‍ट्र में भी डीबी कार्प कंपनी के मराठी अखबार दिव्य मराठी मामले में ग्रुप को एक झटका लग चुका है। यहां पर सुधीर जगदाले समेत 16 कर्मियों के पक्ष में लेबर कोर्ट ने फैसला सुनाया था। औरंगाबाद लेबरकोर्ट ने वहां पर भी 20जे पर कंपनी की दलील को नहीं मानते हुए कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोटा लेबर कोर्ट ने इनका बकाया 2 महीने के भीतर देने का फैसला दिया है, ऐसा नहीं होने पर 9 प्रतिशत की दर से ब्‍याज देना होगा। इसके अलावा अदालत ने कर्मचारियों को प्रबंधन का हिस्‍सा बताने के कंपनी के तर्कों को भी खारिज कर दिया।

मालूम हो कि 7 फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट का मजीठिया वेजबोर्ड पर फैसला आने के बाद दैनिक भास्कर के कोटा संस्करण के लगभग सारे कर्मचारी बागी हो गए थे। मजीठिया वेजबोर्ड के तहत वेतन व बकाया न दिए जाने को लेकर एकजुट हुई पूरी यूनिट ने हड़ताल का एलान कर दिया था। आनन-फानन में दैनिक भास्कर प्रबंधन ने नए लोगों को भर्ती कर अखबार निकालने का काम जारी रखा था। जिन लोगों ने वेतन व बकाये की मांग उठाई थी, उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया गया था। परंतु कुछ लोगों को छोड़कर, बाकी लोग डरे नहीं थे।

कुल 47 लोगों ने अदालत में मामला लगाया था। इनमें से चार लोग पीछे हट गए। इनके नाम हैं- अमलेश कुमार गुप्ता, संजय मोदी, देवेंद्र सिंह तंवर और ताराचंद जैन। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि श्रमिक संजय मोदी और देवेंद्र सिंह तेवर ने स्टेटमेंट आफ क्लेम पेश नहीं किया, इसलिए उनके मामले पर विचार नहीं किया गया और वे किसी प्रकार के लाभ के भागी नहीं होंगे। इसी तरह ताराचंद जैन और अमलेश कुमार गुप्ता ने अपने स्टेटमेंट आफ क्लेम को विथड्रा कर लिया था, इसलिए ये भी कोई लाभ न पा सकेंगे। इनके अलावा बाकी सभी 43 लोगों को मजीठिया वेजबोर्ड के हिसाब से लाखों रुपये की बकाया एरियर मिल जाएगा।

इन विजेता साथियों में आलोक शहर, संतोष श्रीवास्तव, अब्दुल करीम, गिरीश चौधरी, गुमानी शंकर, दिनेश माहेष्वरी, कुंज बिहारी, असफाक अली, दिनेश, जावेद, शर्मा, आशीष, हेमंत, रानू, रघु, विष्णु, विष्णु बलोडिया आदि शामिल हैं। इतने लंबे संघर्ष में हार ना मान कर अपनी जीत दर्ज करा कर इन्‍होंने अन्य साथियों के लिए एक उदाहरण पेश किया है। इनको समय-समय पर दूसरे अन्य साथी अमित मिश्रा, रविन्द्र अग्रवाल, शैलेन्द्र, संजय सैनी, हरिओम, शशिकांत, धर्मेंद्र, सुधीर आदि ने मार्गदर्शन दिया।

हालांकि अभी नियोजक उच्च न्यायालय में इस आदेश को चुनौती दे सकते हैं और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। पर खुद सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के कारण इस मामले में वे अधिक समय तक इन लाभों को अदा करने से नहीं बच सकेंगे। जिन कर्मचारियों को ये लाभ मिलेंगे उन सभी की नौकरियां इस लाभ को प्राप्त करने के संघर्ष में जा चुकी हैं। उनकी नौकरियों की लड़ाई अभी शेष है। इस निर्णय से उन कर्मचारियों को भी प्रेरणा मिलेगी जो अपने लाभों को अभी तक नौकरी जाने के भय से क्लेम नहीं कर सके हैं।

लेबर कोट कोटा के आर्डर को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न path का प्रयोग करें-
https://drive.google.com/file/d/1MYhvVi8jMDHk5wnvYcCeXOhutDzFSyDd/view?usp=sharing 


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