वाजेपयी जी,
हमें लगता है कि हमें ऐसे व्यर्थ के विवादों में अपना समय और ताकत बर्बाद नहीं
करनी चाहिए। जब 28 अप्रैल 2015 के बाद डेट नहीं पड़ रही थी तब परमानंद पांडेय जी ने
ही पहल कर सुनवाई की डेट ली थी और लंबे समय से इंतजार कर रहे साथियों की जान में
जान आई थी। इस बार भी जब डेट नहीं पड़ रही और हम हलकान हो कर अपने वकीलों की तरफ
देख रहे हैं और उन तक अपने पैगाम लगातार भेज रहे हैं ऐसे में उमेश शर्मा जी के
प्रयास करने के बाद पांडेय जी ने भी जनआकांक्षाओं का मान रखते हुए अपने बेहतर
प्रयास किए। हमारे लिए इतना ही काफी है परिणाम चाहे कुछ भी रहा हो। अंत में एक बात
और आप एक बहुत अच्छे ग्रुप की नौकरी में कार्यरत हैं आप कृपया कर उन हजारों
साथियों की पीड़ा पर भी ध्यान दें जो अपने हक की लड़ाई के चलते सड़क पर आ गए हैं और
उनके पास अपने बच्चों की फीस भरने और इलाज के लिए पैसे नहीं है। आखिर में एक बार
फिर... ये लड़ाई किसी एक की नहीं है, हम सब की है। हमें ताकतवर अखबार मालिकों के
खिलाफ अपनी एकजुटता बनाए रखनी होगी।
धन्यवाद।
आपका ही एक साथी
(नीचे अंग्रेजी में लिखे आपके पत्र के आधार पर व्यक्त मेरी भावनाएं।)
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Dear All
A few days ago, on
12.4.2017, Advocate
Parmanand Pandey decided to bring up the Majithia matter before the Supreme
Court and ask for an early hearing. His request was turned down by the Chief
Justice. It is true that most of the Journalist fraternity is frustrated and
feels hopeless at being denied a hearing in a case that is almost at it's conclusion
and that too for 3 months. However, I believe we need to condemn the way in which
this mentioning was made as it was done without consulting any of the other
lawyers who are representing the Journalists.
It is the opinion
of Senior Advocate Mr. Colin Gonsalves who is
the arguing counsel for the vast majority of us and is also the arguing counsel
in most of the cases of Mr. Parmanand Pandey in the Majithia matter that the
mentioning "has caused the case harm" (I am quoting him verbatim
here). Thus, this is not my personal opinion on the matter. I am sure that the
other advocates appearing on behalf of the journalists also hold the same view.
- Pius Kumar Bajpai
Convenor
Majithia Implementation Sangharsh Smiti, New
Delhi
(किसी एक साथी ने हमें
यह पत्र भेजा था, जिसे हम आप सभी के लिए जारी कर रहे हैं।)
इन्हें भी पढ़े-
पत्रकारों की वेतन वृद्धि
के लिए लोकसभा में की गई वेजबोर्ड के गठन की मांग
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_41.html
'मीडिया' में 'मीडिया' के ब्लैक आउट का दौर
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मजीठिया की मांग
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शरद यादव का राज्यसभा में
मजीठिया और मीडिया पर दिया गया बयान अखबारों ने नहीं किया प्रकाशित
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‘ईयर ऑफ विक्टिम्स’ और मजीठिया मामले में
इंसाफ की आस
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कर रहे मीडिया मालिक, लागू हो मजीठिया सिफारिशें
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लोकसभा में गूंजा मजीठिया
वेजबोर्ड
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_22.html
पढ़े- हमें
क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17D: सभी
ग्रेड के साथी एरियर बनाते हुए इन बातों का रखें ध्यान http://goo.gl/Npp9Hp
#MajithiaWageBoardsSalary,
MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary
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