दैनिक
जागरण के पटना कार्यालय में बुधवार को कोरोना वायरस बम फटा। इस अखबार के कार्यालय
में बुधवार को कर्मचारियों की जांच के लिए मेडिकल टीम को बुलाया गया था। यह
व्यवस्था जीएम एसएम पाठक के मौखिक निर्देश पर संपादकीय टीम के सहयोग से की गई थी।
अखबार के कई कर्मचारी पिछले कुछ हफ्तों से बीमार चल रहे हैं। कुछ कर्मचारियों ने
पहले ही अपनी जांच निजी स्तर पर कराई थी और कम से कम तीन लोग पोजिटिव मिले थे।
बुधवार
को जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम के सामने अखबार के सौ से अधिक कर्मचारी जांच
कराने पहुंच गए। मेडिकल टीम ने इतने लोगों की जांच एक साथ करने से इंकार कर दिया।
पहले दिन के लिए 60 लोगों को रजिस्ट्रेशन किया गया और
बाकी लोगों को अगले दिन बुलाया गया। रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद जांच की
प्रक्रिया शुरू हुई जिसमें दो तिहाई कर्मचारी पॉजिटिव मिलने लगे। इससे अखबार में
और हड़कंप मच गया जीएम के माथे पर पसीना आ गया। तुरंत जांच बंद कराने की तैयारी
होने लगी लेकिन बीमार कर्मचारी जांच कराने के लिए पड़े रहे।
स्थिति
बिगड़ते देखकर आखिर मैं मुख्य महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी वहां आए और लगभग 20 कर्मचारी की जांच के बाद जांच बंद
करवा दी। सभी कर्मचारियों को वहां से खदेड़ दिया। इधर मेडिकल टीम पहले से खोली जा
चुकी कीट के बर्बाद होने को लेकर परेशान हो गई और एफआईआर कराने की बात कहने लगी।
यह
देख कर बाद में जीएम फिर सक्रिय हुए और संपादकीय के वैसे कर्मचारियों की जांच कराई
जो पहले से बीमार है। लेकिन 60 की
बजाय महज 30 – 35 लोगों की ही जांच होने दी गई। जांच
में अखबार के करीब 20 कर्मचारी पॉजिटिव संपादकीय प्रभारी, आउटपुट
हेड और इंजीनियर शामिल है। संक्रमित होने वालों में ज्यादातर डेस्क के लोग हैं।
अखबार
प्रबंधन ने बाकी कर्मचारियों को फिलहाल टेस्ट कराने से मना कर दिया है। दूसरी तरफ
जितने कर्मचारी एक साथ पॉजिटिव होने के बाद भी अखबार से दफ्तर में कामकाज लगातार
और बिना किसी सुरक्षा के हो रहा है। इससे कर्मचारियों में डर का माहौल है।
संक्रमित मिले तीन–चार कर्मचारियों में लक्षण गंभीर हैं।
प्रसार और प्रिंटिंग के कर्मचारी जांच के दौरान भगाए जाने से अलग ही नाराज हैं।
दैनिक जागरण के भागलपुर कार्यालय में पहले से ही कई संक्रमित मिल चुके हैं।
[साभार: bhadas4media.com]
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