लखनऊ। श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों को लागू करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सख्ती से पालन कराए।
मौर्या सोमवार को बापू भवन में मजीठिया वेजबोर्ड की सिफरिशों को लागू करने के लिए गठित त्रिपक्षीय अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्र और प्रदेश के सभी उपश्रमायुक्तों के अलावा पत्रकारों के प्रतिनिधि के रूप में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी तथा इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के मुदित माथुर, योगेश गुप्ता और लोकेश त्रिपाठी शामिल हुए।
श्रम मंत्री ने पत्रकारों की शिकायतें सुनने के बाद कहा कि किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि उनके संस्थानों का निरीक्षण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण न होना हमारी कमजोरी न समझा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग की भूमिका दोनों पक्षों के बीच विवाद पैदा होने के बाद आती है। सेवायोजकों को उदार भाव से काम करते हुए टकराव की स्थिति से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी को प्रताड़ित करना हमारा मकसद नही हैं। इसलिए सरकार कभी-कभी शिथिलता बरतती है। लेकिन यदि कर्मचारियों का शोषण होगा तो सरकार अवश्य सक्रिय होगी।
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