गुवाहाटी। असम ट्रिब्यून कर्मचारी संघ (ATEU) ने 4 सितंबर को वेतन संहिता 2019 के द्वारा पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेजबोर्ड के खात्मे के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य के राज्यपाल जगदीश मुखी के माध्यम से एक ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से अपने फैसले को वापस लेने की मांग की गई।
ATEU के बैनर तले असम ट्रिब्यून ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन्स के कर्मचारियों ने ट्रिब्यून बिल्डिंग परिसर से राजभवन तक एक लंबा विरोध मार्च निकाला। विरोध मार्च के दौरान अखबार के पत्रकार और गैर-पत्रकार कर्मचारियों के हित के लिए बनाए गए विशेष अधिनियमों को निरस्त करने के कदम के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की गई। साथ ही ATEU ने देश के अखबार कर्मचारियों के लिए नए वेजबोर्ड के गठन की मांग की।
गौरतलब है कि केंद्र द्वारा विभिन्न श्रम कानूनों को रद्द कर एक कानून बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए बना वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट भी इससे अछूता नहीं है। इस एक्ट को पत्रकारों और गैर पत्रकारों के कार्य की प्रवृत्ति को देखते बनाया गया था, जो कि उन्हें अन्य क्षेत्रों में कार्यरत कर्मियों से अलग पहचान देता था और उनके लिए अलग से काम के घंटे और अन्य सुविधाएं आदि निर्धारित करता था। इन्हीं विशेष अधिनियमों के तहत ही पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। अखबारकर्मियों के अंतिम वेतन आयोग का गठन 2008 में किया गया था। जिसकी सिफारिशों को 11 नवंबर 2011 को जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अखबार मालिकों की सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए फरवरी 2014 में मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों को सही माना था। अखबार मालिकों ने कर्मियों के लिए बने वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट और वेजबोर्ड की समाप्ति के लिए वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
समाचारपत्र कर्मचारी संघ ने ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से विशेष तौर पर पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए बने इन अधिनियमों को रद्द करने के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है। संघ ने प्रधानमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि इससे देश के लोकतांत्रिक लोकाचार और मूल्यों को बनाए रखने में अपना अथक योगदान देने वाले चौथे स्तंभ की अनूठी पहचान खत्म हो जाएगी। इससे पत्रकारों और गैर पत्रकारों को मिले विशेषाधिकार खत्म होने के साथ वे वित्तीय और नौकरी की असुरक्षा से घिर जाएंगे,जोकि उनके निष्पक्ष कार्य को प्रभावित करेगी।
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