नई दिल्ली। लोकमत में पिछले 15 साल से कार्यरत कालिदास साव की सेवाओं का फल लोकमत ने उन्हें एक झटके में नौकरी से बाहर निकाल कर दे दिया हैं कालिदास की बोर्ड ऑपरेटर के रूप में कंपनी को अपनी सेवाएं र्इमानदारी से दे रहे थे। उन्होंने महंगाई के जमाने में भी आज मात्र 11 हजार रुपये ही मिल रहे थे।
इसी में अपने परिवार का गुजारा कर रहे थे। कालिदास अपने ऊपर हो रहे अन्याय के खिलाफ अदालत की शरण में गए थे, जिसके बाद उन्हें नौकरी से बाहर निकाल दिया गया। कालिदास इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लड़ाई में समय-समय पर आप सभी के मार्गदर्शन और सहयोग की उपेक्षा करते हैं। कालिदास का लिखा पत्र यहां पढ़े-
इसी में अपने परिवार का गुजारा कर रहे थे। कालिदास अपने ऊपर हो रहे अन्याय के खिलाफ अदालत की शरण में गए थे, जिसके बाद उन्हें नौकरी से बाहर निकाल दिया गया। कालिदास इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लड़ाई में समय-समय पर आप सभी के मार्गदर्शन और सहयोग की उपेक्षा करते हैं। कालिदास का लिखा पत्र यहां पढ़े-
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