भोपाल। हिमाचल प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश से भी मजीठिया के रिकवरी मामले को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। यहां पर प्रबंधन ने लेबर कोर्ट में चल रहे रिकवरी केस के दौरान कर्मचारी से समझौता कर लिया। इस समझौते के तहत प्रबंधन ने अदालत में कर्मचारी को चैक सौंपा। चैक को बैंक एकाउंट में डाला जा चुका है। इस खबर ने मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे हजारों साथियों के बीच उत्साह का संचार पैदा कर दिया है।
मामला मजीठिया के बकाया को लेकर धारा17(2) के तहत मामला भोपाल लेबर कोर्ट में चल रहा था। लोकमत समाचारपत्र के पूर्व उप सम्पादक अशोक रोहले ने बकाया के लिए ये केस दायर किया था। रोहले साल 2015 में लोकमत से इस्तीफा देकर होशंगाबाद में नवदुनिया से जुड़े थे। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान लोकमत के वकील और अशोक के बीच समझौता हुआ। लोकमत प्रबंधन ने भोपाल श्रम न्यायालय में बीते 11 सितम्बर को इस समझौते के तहत मजीठिया के एरियर का भुगतान चैक से किया। लोकमत प्रबंधन ने लगाए गए क्लेम से एक लाख रुपये कम देने की पेशकश की थी, जिसे अशोक और उनके वकील ने मान लिया था। चेक की राशि अशोक के बैंक खाते में जमा हो चुकी है।
मालूम हो कि इससे पहले दिव्य हिमाचल ने भी धर्मशाला श्रम न्यायालय में चल रहे मजीठिया के बकाया मामले में अपने कर्मचारी से समझौता कर लिया था और चैक से भुगतान किया था।
मामला मजीठिया के बकाया को लेकर धारा17(2) के तहत मामला भोपाल लेबर कोर्ट में चल रहा था। लोकमत समाचारपत्र के पूर्व उप सम्पादक अशोक रोहले ने बकाया के लिए ये केस दायर किया था। रोहले साल 2015 में लोकमत से इस्तीफा देकर होशंगाबाद में नवदुनिया से जुड़े थे। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान लोकमत के वकील और अशोक के बीच समझौता हुआ। लोकमत प्रबंधन ने भोपाल श्रम न्यायालय में बीते 11 सितम्बर को इस समझौते के तहत मजीठिया के एरियर का भुगतान चैक से किया। लोकमत प्रबंधन ने लगाए गए क्लेम से एक लाख रुपये कम देने की पेशकश की थी, जिसे अशोक और उनके वकील ने मान लिया था। चेक की राशि अशोक के बैंक खाते में जमा हो चुकी है।
मालूम हो कि इससे पहले दिव्य हिमाचल ने भी धर्मशाला श्रम न्यायालय में चल रहे मजीठिया के बकाया मामले में अपने कर्मचारी से समझौता कर लिया था और चैक से भुगतान किया था।
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