पत्रिका ग्वालियर के जितेंद्र जाट की शानदार जीत पत्रिका प्रबन्धन को हजम नहीं हो रही, इसीलिए जाट को जिस जगह बैठाया गया है उस जगह पर ख़ास तौर से CCTV कैमरा लगाया गया है ताकि यह देखा जा सके कि जाट से कौन कौन कर्मचारी बात कर रहा है? और जाट से बात करने वाले कर्मचारी को सजा दी जा सके। साथ ही जाट के CCTV रेंज से बाहर जाते ही फोन कर पूछा जाता है कि जाट इस समय कहाँ पर है? कहीं कर्मचारियों से बात कर उनको मजीठिया क्लेम के लिए तैयार तो नहीं कर रहा?
इस तरह की तमाम आशंकाओं के डर से जाट पर पत्रिका के हैड ऑफिस जयपुर और ग्वालियर से दोहरी नजर रखी जा रही है। वहीँ दूसरी तरफ भोपाल के साथियों का केस भी फैसले के नजदीक है जिसमें पत्रिका प्रबन्धन को 100 प्रतिशत आशंका है कि भोपाल से भी 440 वोल्ट का झटका लगने वाला है इसीलिए भोपाल लेबर कोर्ट में न तो पत्रिका के लीगल मामले देखने वाला उपस्थित हो रहा और ना ही पत्रिका का वकील यह कह रहा कि जवाब जयपुर से आएगा।
वर्ना अभी तक पत्रिका का वकील जयपुर से मिले दिशानिर्देश के अनुसार ही काम किया करता था लेकिन अब वकील अपने हिसाब से ही कोर्ट की कार्यवाही निबटा रहा है।
इससे साफ़ तौर पर पत्रिका प्रबन्धन की घबराहट नजर आ रही है।
जाट की जीत से पहले तक अपने आपको चाणक्य मानने वाले पत्रिका के आला अधिकारियों ने अपने मालिकों को आश्वस्त किया हुआ था कि आप चिंता मत करो हम बैठे हुए हैं हम कर्मचारियों को जीतने नहीं देंगे लेकिन हुआ उलटा ही। जिससे पत्रिका के मालिक चिढ गए उन चाणक्यों पर, और इसी वजह से आला अधिकारियों का फ्यूज उड़ गया। अब उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा कि क्या किया जाये?
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मजीठिया: पत्रिका को मुंह की खानी पड़ी, जाट आज करेगा जॉइन http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/10/blog-post_4.html?m=1
#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary
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जाट की जीत से पहले तक अपने आपको चाणक्य मानने वाले पत्रिका के आला अधिकारियों ने अपने मालिकों को आश्वस्त किया हुआ था कि आप चिंता मत करो हम बैठे हुए हैं हम कर्मचारियों को जीतने नहीं देंगे लेकिन हुआ उलटा ही। जिससे पत्रिका के मालिक चिढ गए उन चाणक्यों पर, और इसी वजह से आला अधिकारियों का फ्यूज उड़ गया। अब उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा कि क्या किया जाये?
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