पत्रिका ग्वालियर से मजीठिया के लड़ाके जितेंद्र जाट को पत्रिका प्रबन्धन ने द्वेषवश टर्मिनेट कर दिया था। जाट ने इस टर्मिनेशन को ग्वालियर लेबरकोर्ट में चुनौती दी। लगभग 6 माह इस मामले की सुनवाई चली जिसमें पत्रिका प्रबन्धन ने झूठ छल प्रपंच का जमकर सहारा लिया लेकिन पत्रिका प्रबन्धन को मुंह की खानी पड़ी और लेबर कोर्ट ने जितेंद्र जाट के टर्मिनेशन को अवैध करार देते हुए जाट को नौकरी पर बहाल करने के आदेश कर दिए। पत्रिका प्रबन्धन ने लेबर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी।
हाई कोर्ट में जितेंद्र जाट की तरफ से आवेदन दिया गया कि मामले की सुनवाई से पहले 17 ख का पालन करवाया जाए जिसको हाईकोर्ट ने स्वीकृति देते हुए पत्रिका प्रबन्धन को आदेश दिया कि जितेंद्र जाट को नौकरी पर बहाल किया जाय फिर मामले की सुनवाई शुरू होगी।
इस पर पत्रिका प्रबन्धन की हवा निकल गई और खिसियाते हुए कोर्ट की अवमानना के डर से जाट को जॉइनिंग लेटर देना पड़ा। लेटर मिलने के बाद जाट आज जॉइन करेंगे। वहीँ दूसरी तरफ पत्रिका भोपाल के 6 कर्मचारियों के ट्रांसफर का केस और 3 कर्मचारियों का टर्मिनेशन केस भी भोपाल लेबर कोर्ट में निर्णय के करीब है।
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हाई कोर्ट में जितेंद्र जाट की तरफ से आवेदन दिया गया कि मामले की सुनवाई से पहले 17 ख का पालन करवाया जाए जिसको हाईकोर्ट ने स्वीकृति देते हुए पत्रिका प्रबन्धन को आदेश दिया कि जितेंद्र जाट को नौकरी पर बहाल किया जाय फिर मामले की सुनवाई शुरू होगी।
इस पर पत्रिका प्रबन्धन की हवा निकल गई और खिसियाते हुए कोर्ट की अवमानना के डर से जाट को जॉइनिंग लेटर देना पड़ा। लेटर मिलने के बाद जाट आज जॉइन करेंगे। वहीँ दूसरी तरफ पत्रिका भोपाल के 6 कर्मचारियों के ट्रांसफर का केस और 3 कर्मचारियों का टर्मिनेशन केस भी भोपाल लेबर कोर्ट में निर्णय के करीब है।
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