माननीय सुप्रीमकोर्ट के 19 जून को आये फैसले ने सबको कुछ न कुछ दे दिया है।
निराश किसी को नहीं किया है। मालिकों को जहाँ जेल जाने से बचा दिया, वहीं देश भर
में सबसे ज्यादा अखबारों में ठेका कर्मचारी हैं, उनको भी जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड का लाभ देने
का निर्देश दे दिया।
इससे एक चीजे तो साफ़ हो गयी की अब अखबार मॉलिकों को उन कांट्रेक्ट कर्मचारियों
को भी उनका एरियर और मजीठिया के अनुसार वेतन देना पड़ेगा। साथ ही अखबार मालिक
कांट्रेकट कर्मचारियों को नौकरी से निकालने से बचेंगे। अगर निकाल दिया उनको काम निकालते समय तो हर हाल में उनका बकाया एरियर्स देना
पड़ेगा वह भी मजीठिया के हिसाब से। अगर अखबार मालिक बिना एरियर के कांट्रेक्ट
कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाते हैं तो ये कर्मचारी लेबर विभाग या लेबर
कोर्ट जाएंगे और अपने बकाये की मांग करेंगे।
इस स्थिति में अखबार मालिक हर हाल में ठेका कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाने से बचेंगे साथ ही अगर
ठेका कर्मचारी कोर्ट गया तो संभव है उसे स्थायी करने का भी विकल्प कोर्ट से मिले।
अब अखबार मालिक ठेका कर्मियों के पेंच में ऐसे फंस गए हैं या ऐसे कहें कि
सुप्रीमकोर्ट ने उन्हें ऐसे फंसा दिया की इससे निकलना अखबार मॉलिकों के लिए टेढ़ी
खीर होगा। सो ठेका कर्मियों को बधाई।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट
9322411335
वीडियो- फैसले
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