झारखंड में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड
के अनुसार वेतन और एरियर के मामले में हिन्दुस्तान प्रबंधन के खिलाफ रिकवरी
सार्टिफिकेट जारी करवाने वाले रांचि के मीडियाकर्मी उमेश कुमार मलिक को
हिन्दुस्तान प्रबंधन ने यह कहकर टर्मिनेट कर दिया कि इनका परफारमेंश खराब है। मजे
की बात यह है कि टर्मिनेशन से पहले ही उमेश कुमार मलिक के वेतन में हिन्दुस्तान
प्रबंधन ने दस प्रतिशत वृद्धि किया था। हिन्दुस्तान प्रबंधन के खिलाफ पुरजोर लड़ाई
लड़ रहे उमेश कुमार मलिक को कंपनी ने टर्मिनेट कर दिया तो उन्होने कामगार विभाग की
शरण ली।
श्रम अधीक्षक ने मामले की पुरी सुनवाई
के बाद हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर लिमिटेड
को साफ कह दिया कि इन्हे फिर से बहाल किया जाये और इनका मजीठिया वेज बोर्ड के
अनुसार बकाया दिया जाये। फिलहाल श्रम अधीक्षक के इस आदेश को लेकर हिन्दुस्तान मीडिया
वेंचर लिमीटेड प्रबंधन झारखंड उच्च न्यायालय गया है जहां इस मामले पर उच्च
न्यायालय ने किसी भी तरह की रोक तो नहीं लगायी है लेकिन मामले की पहली तारिख 6 फरवरी को दिया है। इसी दिन टर्मिनेशन के एक मामले में उमेश कुमार
मलिक की एक सुनवाई लेबर कोर्ट में भी है। मजे की बात यह है कि हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर
लिमिटेड में डिजाईनर के पद पर कार्यरत उमेश कुमार का वर्ष 2012 से 2015 तक हिन्दुस्तान प्रबंधन ने एक पैसा
वेतन नहीं बढ़ाया और मई 2016 में उनका वेतन अचानक 10 प्रतिशत बढ़ाया गया और अक्टुबर में यह कहते हुये उन्हे टर्मिनेट कर
दिया गया कि उनकी परफारमेंश खराब है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर उमेश मलिक
का परफारमेंश खराब था तो हिन्दुस्तान प्रबंधन ने उनका वेतन कैसे अचानक बढ़ाया।
फिलहाल टर्मिनेशन के मामले में हिन्दुस्तान प्रबंधन और उमेश कुमार मलिक के पक्ष को 6 तारिख को झारखंड उच्च न्यायालय सुनेगा।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई
एक्सपर्ट 9322411335
मजीठिया:
नोएडा डीएलसी में रिकवरी लगाने वाले साथी लापरवाही बरत अपना ही कर रहे नुकसानhttp://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/12/blog-post.html मजीठिया:
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