नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में करीब
61 हजार मामले लंबित होने के बीच, प्रधान न्यायाधीश
जेएस खेहर ने बृहस्पतिवार को कहा कि शीर्ष अदालत पुराने मामले निपटाने के लिए ‘फास्ट ट्रैक’ तरीके से काम कर
रही है। उन्होंने मामला दायर करने वालों को आश्वासन दिया कि उनके सूचीबद्ध मामलों
को हटाया नहीं जाएगा। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई
चंद्रचूड़ की पीठ के सामने जब एक चिंतित वकील ने अपने मामले का उल्लेख किया और
अनुरोध किया कि सुनवाई से पहले इस मामले को सूची से हटाया नहीं जाना चाहिए, तो पीठ ने कहा, ‘हम सभी फास्ट्र
ट्रैक तरीके से काम कर रहे हैं। चिंता मत कीजिए, मामले को सूची से हटाया नहीं जाएगा। हम इस पर विचार करेंगे।’
प्रधान न्यायाधीश बनने के एक पखवाड़े
के भीतर न्यायमूर्ति खेहर ने सामाजिक मुद्दों से जुड़े विषयों पर विशेष रूप से
ध्यान देने के लिए पीठ का फिर से गठन किया है। बृहस्पतिवार को कार्यवाही के दौरान
जब एक अन्य वकील ने उनके मामले पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया और कहा कि नए रोस्टर
के अनुसार न्यायाधीशों की वर्तमान दो पीठ को तोड़ने की जरूरत है, तो प्रधान न्यायाधीश ने कड़ाई से प्रतिक्रिया दी, ‘माफ कीजिए, हम दो पीठों को नहीं तोड़ सकते।’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘चीजें तेजी से बदल रही हैं। हम पुराने मामले निपटा रहे हैं और दो
पीठों को तोड़ने से मामलों में और देरी होगी। हम इसे नहीं सह सकते। हम सुझाव देते
हैं कि मामले को सोमवार या शुक्रवार को अपराह्न सूचीबद्ध करते हैं। अगर आपके पास
बेहतर सुझाव हैं तो हमें बताएं।’ मामलों को तेजी से
निपटाने के प्रयास में न्यायमूर्ति खेहर ने दिसंबर 2014 में पूर्व प्रधान
न्यायाधीश एचएल दत्तू द्वारा गठित सामाजिक न्याय पीठ को फिर से गठित किया है।
(साभार: भाषा)
लोकमत
प्रबंधन को मात देने वाले महेश साकुरे के पक्ष में आए विभिन्न अदालतों के आदेशों
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