हिंदुस्तान अखबार में कत्लेआम मचा हुआ है। संपादक से लेकर ट्रेनी तक नापे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि छंटनी रोकने में हिंदुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर भी नाकाम है। उन्हें दरकिनार कर दिया गया है।
लखनऊ के स्थानीय संपादक और कई पत्रकारों को निकाले जाने के बाद सूचना मिली है कि धनबाद संस्करण के संपादक रंजीत कुमार भी कार्यमुक्त कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि 55 साल से ज्यादा उम्र वाले सभी कर्मियों को जबरन रिटायर कर दिया जाएगा।
रिपोर्टर और डेस्क के साथियों की भी ज़बरदस्त छंटनी होगी। इस पूरी प्रक्रिया में प्रधान संपादक को कंपनी ने दरकिनार कर दिया है। इस मामले में उनकी नहीं सुनी जा रही है। चर्चा है कि वे खुद भी अपनी नौकरी बचा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक मेकेनजी कंपनी को कॉस्ट कटिंग का काम सौंपा गया है। इस समय सबसे अधिक पावरफुल मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीण सोमेश्वर हैं। इन्हें एक तरह से ग्रुप सीईओ भी कह सकते हैं। इनके आगे शशि शेखर की भी एक नहीं चलती।
बताया जा रहा है कि संपादकीय में सीधा दखल प्रवीण सोमेश्वर का ही है। हिन्दुस्तान के डिजिटल एडिशन की ज़िम्मेदारी शशि शेखर से छीन ली गई है। वे सिर्फ कंटेंट देखेंगे। डिजिटल का काम एक नए आए सीईओ के जिम्मे है। इनका नाम पुनीत जैन है जो पेटीएम से आए हैं। बताया जा रहा है कि डिजिटल में कोई छंटनी नहीं होगी।
[bhadas4media.com से साभार]
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