देशभर के मीडियाकर्मियों की लॉकडाउन में हुई छंटनी और वेतन कटौती मामले पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को माननीय सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले को डायरी नम्बर 10983/2020 से टैग कर दिया। अब दोनों मामलों को एक साथ सुना जाएगा।
डायरी नम्बर 10983 /2020 में इसी तरह के एक मामले की सुनवाई विचाराधीन है। डायरी नम्बर 10983 /2020 की सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने निजी नियोक्ताओं, कारखानों, उद्योगों को फौरी राहत देते हुए कहा था कि निजी नियोक्ताओं, कारखानों, उद्योगों के खिलाफ सरकार कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी, जो लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को मजदूरी देने में विफल रहे। ये व्यवस्था देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार के श्रम विभाग वेतन भुगतान के संबंध में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच बातचीत करवाएं। मजदूरों को 54 दिन के लॉकडाउन की मजदूरी के भुगतान के लिए बातचीत करनी होगी। उद्योग और मज़दूर संगठन समाधान की कोशिश करें।
इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को 29 मार्च के अपने आदेश की वैधानिकता पर जवाब दाखिल करने के लिए 4 और सप्ताह दिए थे जिसमें सरकार ने मजदूरी के अनिवार्य भुगतान का आदेश दिया था। अगली सुनवाई जुलाई के अंतिम सप्ताह में होनी थी।
अब इन दोनों मामलों को एक साथ सुना जाएगा। आज मीडियाकर्मियों के इस मामले की सुनवाई माननीय सुप्रीमकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस सुभाष रेड्डी और एम आर शाह ने किया। इस दौरान मीडियाकर्मियों की तरफ से प्रस्तुत एडवोकेट को संशोधित याचिका पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
9322411335
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