इंदौर के श्रम न्यायालय में चल रहे मजीठिया वेजबोर्ड और ट्रांसफर टर्मिनेशन के केस में टाइम लिमिट को लेकर जज साहब द्वारा सख्ती किए जाने से अखबार मालिकों के वकीलों को अब सूझ नहीं रहा कि केस कैसे डिले करें। इसलिए अब कर्मचारियों के क्रॉस बयान करते समय उलटे सीधे और मूर्खतापूर्ण सवाल करने लगे हैं। वहीं लेबर कोर्ट के सबसे सीनियर वकील और इंदौर हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष का क्रॉस बयान का अवसर ही खत्म हो जाने मामला दिनभर इंदौर की कोर्ट में चर्चा का विषय बना रहा।
मजीठिया वेजबोर्ड केस में गुरुवार को क्रॉस करने का अवसर समाप्त हो जाने से नईदुनिया के वकीलों को कुछ सूझ नहीं रहा कि केस को कैसे लटकाएं। शुक्रवार को भी उन्होंने क्रॉस बयान उलझाने की भरपूर कोशिश की। कर्मचारियों को दिनभर इंतजार करवाया फिर लंच खत्म होने के बाद एडवोकेट पटवर्धन के असिस्टेंट लोनकर ने क्रॉस बयान शुरू किए और कर्मचारियों से लडाई करने के अंदाज में सवाल पूछे।
वकीलों के पास अखबार मालिकों को बचाने के लिए अब कोई तर्क बचे नहीं हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि
लोनकर ने नईदुनिया के गैर पत्रकार कर्मचारी से यह पूछ लिया कि श्रमजीवी पत्रकार होने के लिए क्या योग्यता जरूरी है? गैर पत्रकार से ऐसा सवाल पूछने से ऐसा प्रतीत हुआ कि नईदुनिया के वकीलों को गुरुवार को मिले झटके का गहरा सदमा लगा है और वह उससे उबर नहीं पाए हैं।
बहरहाल इस सवाल की कर्मचारी ने जानकारी होने से इनकार कर दिया। एक गैर पत्रकार कर्मचारी पत्रकार की योग्यता के बारे में क्या बता सकता है?
सच्चाई भी यही है कि पत्रकार बनने के लिए कोई योग्यता तय नहीं है बल्कि जिस संस्थान को जो काम करने लायक लगता है वो उसे पत्रकार के रूप में नियुक्ति दे दी जाती है।
नईदुनिया के इस मामले की तरह कुछ दिन पहले ट्रांसफर के मामले में एक वकील ने तो कर्मचारी से ये पूछ लिया था कि मजीठिया वेजबोर्ड में कहाँ लिखा है कि कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं कर सकते?
#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary
मजीठिया वेजबोर्ड केस में गुरुवार को क्रॉस करने का अवसर समाप्त हो जाने से नईदुनिया के वकीलों को कुछ सूझ नहीं रहा कि केस को कैसे लटकाएं। शुक्रवार को भी उन्होंने क्रॉस बयान उलझाने की भरपूर कोशिश की। कर्मचारियों को दिनभर इंतजार करवाया फिर लंच खत्म होने के बाद एडवोकेट पटवर्धन के असिस्टेंट लोनकर ने क्रॉस बयान शुरू किए और कर्मचारियों से लडाई करने के अंदाज में सवाल पूछे।
वकीलों के पास अखबार मालिकों को बचाने के लिए अब कोई तर्क बचे नहीं हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि
लोनकर ने नईदुनिया के गैर पत्रकार कर्मचारी से यह पूछ लिया कि श्रमजीवी पत्रकार होने के लिए क्या योग्यता जरूरी है? गैर पत्रकार से ऐसा सवाल पूछने से ऐसा प्रतीत हुआ कि नईदुनिया के वकीलों को गुरुवार को मिले झटके का गहरा सदमा लगा है और वह उससे उबर नहीं पाए हैं।
बहरहाल इस सवाल की कर्मचारी ने जानकारी होने से इनकार कर दिया। एक गैर पत्रकार कर्मचारी पत्रकार की योग्यता के बारे में क्या बता सकता है?
सच्चाई भी यही है कि पत्रकार बनने के लिए कोई योग्यता तय नहीं है बल्कि जिस संस्थान को जो काम करने लायक लगता है वो उसे पत्रकार के रूप में नियुक्ति दे दी जाती है।
नईदुनिया के इस मामले की तरह कुछ दिन पहले ट्रांसफर के मामले में एक वकील ने तो कर्मचारी से ये पूछ लिया था कि मजीठिया वेजबोर्ड में कहाँ लिखा है कि कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं कर सकते?
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