बरेली के श्रम न्यायालय में मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों के अनुसार वेतनमान
और एरियर के दाखिल हिंदुस्तान के तीन कर्मचारियों के क्लेम पर शनिवार को
उपश्रमायुक्त ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया है। उपश्रमायुक्त ने
हिंदुस्तान प्रबंधन को अब और समय देने से दो टूक इंकार कर दिया।
क्लेमकर्ता निर्मल कान्त शुक्ला, पंकज मिश्रा व् मनोज शर्मा ने डीएलसी से कहा
कि प्रबंधन का हर तिथि पर जवाब में डेढ़ किलो रद्दी का टोकरा लेकर खड़ा हो जाना और
सुनवाई के लिए 15 दिन बाद की डेट मांगना, अब बंद होना चाहिए। प्रबंधन अपना जवाब पिछली
तिथि पर दे चुका है। उसने हमको वर्किंग जर्नलिस्ट न मानकर मैनेजर बताया है। इसलिए
मजीठिया का पात्र न होना बता चुका है। उसका क्लेमकर्ता दस्तावेजीय साक्ष्य दाखिल
कर चुका है। अब हर तिथि को प्रबंधन जवाब का पुलिंदा लेकर आता रहेगा और क्लेमकर्ता
से उस पर प्रतिजवाब चाहता रहेगा, तो ये सिर्फ मामले को लंबा खीचने और
उपश्रमायुक्त का समय बर्बाद करने का कुत्सित प्रयास है। ये सिलसिला आज और यही
रुकना चाहिए। दोनों पक्षों का जवाब आ चुका है। अब हिंदुस्तान बरेली के यूनिट हेड
के विरुद्ध आरसी जारी कर क्लेम का भुगतान दिया जाय।
डीएलसी रोशन लाल ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुये प्रबंधन की ओर से आये बरेली
हिन्दुस्तान के एचआर हेड सतेंद्र अवस्थी से दो टूक कहा कि वह आरसी काटने जा रहे है, पांच मिनट में
केस फाइल पर अपना कथन लिखा दो। प्रबंधन को और सुनवाई का मौका ना देते हुए डीएलसी
ने शनिवार को मामले की सुनवाई पूरी घोषित कर आदेश सुरक्षित कर लिया।
बता दें कि 7 सितंबर को यूपी के श्रमायुक्त को मजीठिया के अनुसार वेतन न मिलने
की बरेली हिंदुस्तान से चीफ कॉपी एडिटर सुनील कुमार मिश्रा की अगुवाई में सीनियर
सब एडिटर रवि श्रीवास्तव, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, चीफ रिपोर्टर
पंकज मिश्रा, पेजिनेटर अजय कौशिक ने शिकायत भेजी थी।
श्रमायुक्त ने बरेली डीएलसी को प्रकरण निस्तारित करने का आदेश दिया, जिस पर डीएलसी
बरेली सुनवाई कर रहे हैं। 17 मार्च को सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा के 33,35,623 रुपये, सीनियर सब
एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला के 32,51,135 रुपये, चीफ रिपोर्टर डॉ. पंकज मिश्रा के 25,64,976 रुपये के
मजीठिया वेज बोर्ड के वेतनमान के अनुसार एरियर का क्लेम दाखिल किया था। सुनवाई के
दौरान मौजूद हिंदुस्तान के राजेश्वर विश्वकर्मा के मामले में डीएलसी ने सोमवार 27
मार्च को हिंदुस्तान प्रबंधन को नोटिस जारी करने की बात कही है।
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